Times Now ने सुशांत के न्याय की लड़ाई में घुटने टेके
सुशांत सिंह राजपूत की मौत को एक वर्ष हो चुके हैं, लेकिन कई लोगों के लिए मृत अभिनेता के न्याय की लड़ाई अभी भी जारी है। हालांकि, इस लड़ाई में एक अहम मोड़ आया है। न्यूज चैनल Times Now ने कई अहम प्रोडक्शन कंपनियों के साथ एक समझौता किया है, जिसके अंतर्गत अब वे इन कंपनियों के बारे में कोई नेगेटिव कवरेज नहीं करेंगे।
दरअसल, पिछले वर्ष Times Now ने सुशांत सिंह राजपूत पर ताबड़तोड़ कवरेज की थी, जिसमें कई प्रोडक्शन कंपनियां, सेलेब्रिटी, अभिनेताओं, अभिनेत्रियों इत्यादि पर निशाना साधा गया था। इसके कारण यश राज फिल्म्स समेत 34 से अधिक फिल्म प्रोडक्शन कंपनियों ने Times Now और रिपब्लिक चैनल पर निशाना साधते हुए उनके विरुद्ध दिल्ली हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया था।
लेकिन अब सब कुछ ‘ठीक है’। बाकायदा इसे सिद्ध करने के लिए Times Now और प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक संयुक्त बयान निकाला। इसके अनुसार दोनों संगठनों के बीच अब कोई मतभेद नहीं रहा है और दोनों ही अब प्रोग्राम कोड के अनुसार काम करेंगे।
Times Now की किसी भी प्रकार की निंदा कम ही पड़ेगी
इससे क्या संदेश जाता है? एक ओर पिछले वर्ष Times Now दावा करता था कि वह सुशांत के न्याय की लड़ाई को जारी रखेगा, लेकिन वहीं दूसरी तरफ बिना लड़े उसने हथियार ही डाल दिए। जिस प्रकार से Times Now ने निर्माताओं के सामने घुटने टेके हैं, उसके लिए किसी भी प्रकार की निंदा कम ही पड़ेगी।
एक समय Times Now और रिपब्लिक दावा किया करते थे कि चाहे कोई और सुशांत सिंह राजपूत का साथ दे या न दे, लेकिन वे सुशांत के न्याय की लड़ाई में उसका साथ जरूर देंगे। हालांकि, पूरे प्रकरण के एक वर्ष बाद सुशांत के प्रशंसकों को छोड़कर धीरे-धीरे सभी उनका साथ छोड़ते दिखाई दे रहे हैं।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि Times Now ने सुशांत मामले में बिना लड़े जिस प्रकार से प्रोडक्शन कंपनियों के समक्ष घुटने टेके हैं, वो निर्लज्जता और बुजदिली का परिचायक है, जिसके लिए किसी भी प्रकार की निन्दा या अपशब्द अपर्याप्त ही रहेंगे।