टिकैत की गिरफ़्तारी की झूठी खबरों को नकली किसान प्रदर्शन भड़काने के लिए फैलाया गया, तुरंत कार्रवाई हो

ये अफवाह फैलाकर अराजकता फैलाना चाहते हैं!

PC: NewsroomPost

इस समय देश बहुत भीषण संकट से गुज़र रहा है। एक तरफ कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरियंट वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को चिंतित किये हुए हैं। दूसरी तरफ ट्विटर जैसी  विदेशी कंपनी जानबूझकर आईटी अधिनियमों के संशोधन का उल्लंघन करके भारत को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। इसी बीच दोपहर में खबर आई कि अराजकतावादी नेता राकेश टिकैत कथित तौर पर दिल्ली पुलिस द्वारा ‘हिरासत’ में लिए गए थे।

राकेश टिकैत उन चंद अराजकतावादियों में शामिल है, जो पिछले कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमाए बैठे हैं, और कृषि कानून के विरोध के नाम पर उग्रवाद, अराजकतावाद को बढ़ावा दे रहा है। राकेश टिकैत के पिता महेंद्र सिंह टिकैत आश्चर्यजनक रूप से उन्ही चीज़ों के लिए लड़े, जिनके लिए ये खुद लड़े, और जिसका कभी राकेश टिकैत ने कृषि कानून के नाम पर समर्थन भी किया, लेकिन आज सस्ती लोकप्रियता के लिए वही राकेश टिकैत उन कृषि सुधारों का विरोध कर रहे हैं।

तो ये गिरफ्तार कब हुए? दरअसल, यह अफवाह दोपहर के दौरान फैलाई गई, जब राकेश टिकैत ने दावा किया था कि वे अपने ‘आंदोलन’ को और ‘धार’ देंगे। इससे हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश का प्रशासन हाई अलर्ट पर था, ताकि कृषि कानून के विरोध के नाम पर अराजकतावादी आम जनता की सुविधाओं के साथ कोई छेड़छाड़ न हो। लेकिन इसी बीच अफवाह उड़ने लगी कि राकेश टिकैत हिरासत में लिया गया है।

तो क्या राकेश टिकैत वाकई में हिरासत में लिया गये थे? हालांकि, पूरा देश इस समय यही चाहता है, परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। ईस्ट दिल्ली पुलिस के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि ऐसा कुछ भी नहीं है और राकेश टिकैत उस समय उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर गए थे। ये सब एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था।

ऐसा इसलिए भी संभव है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से काफी रिपोर्ट्स सामने आ रही थीं कि 26 जून तक देश में कृषि आंदोलन के नाम पर अराजकता को बढ़ावा दिया जा सकता है। इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी आतंकी भी अराजकतावादी गुटों से जुड़े हुए थे। सोशल मीडिया पर भी कृषि आंदोलन को भी समर्थन देने के नाम पर काफी भारत विरोधी गतिविधियां बढ़ रही थी।

ऐसे में ये जानना बेहद आवश्यक है कि आखिर किसलिए यह अफवाह फैलाई गई कि राकेश टिकैत को हिरासत में लिया गया? जिस समय देश एक वैश्विक महामारी से बड़ी मुश्किल से उबर रहा हो, उस समय इस प्रकार की खबरें फैलाने वालों के विरुद्ध प्रशासन को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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