2011 में एक फिल्म आई, नाम था ‘चिल्लर पार्टी’। इसका एक संवाद आज भी बहुत सार्थक है, ‘We must stand up for what is right even if it makes others unhappy’, यानि ‘हमें उस चीज़ के लिए आगे आना चाहिए, जो उचित है, फिर चाहे कुछ लोग इससे रुष्ट ही क्यों न हो’। शायद राज निदिमोरू और कृष्णा डीके ने इस संवाद को काफी गंभीरता से लिया है, क्योंकि ‘द फैमिली मैन‘ के द्वितीय संस्करण में जिस प्रकार से लव जिहाद का चित्रण किया गया है, वो इस सकारात्मक बदलाव का परिचायक है।
हाल ही में 4 जून को एमेजॉन प्राइम पर प्रसिद्ध वेब सीरीज़ ‘द फैमिली मैन 2’ प्रसारित हुआ। इसे निर्देशित किया है प्रसिद्ध निर्देशक जोड़ी राज निदिमोरू और कृष्णा डीके ने। इसमें मुख्य भूमिका में है मनोज बाजपई और समान्था अक्किनेनी और इनका साथ दिया है शारिब हाशमी, सनी हिंदूजा, श्रेया धन्वन्तरी, प्रियामणि, कौस्तुभ कुमार, दलीप ताहिल, इत्यादि ने।
इस सीजन में दिखाया गया है कि कैसे दिल्ली में एक गैस हमले को किसी तरह रोकने के पश्चात मनोज बाजपई के किरदार श्रीकांत तिवारी ने ‘TASC’ की नौकरी छोड़कर एक निजी नौकरी जॉइन की, ताकि अपने परिवार के साथ वो थोड़ा समय बिता सके, लेकिन ‘TASC’ की नौकरी के साथ जुड़े जोखिम और गुप्तचर के जीवन का रोमांच आज भी उसे आकर्षित करता है। ये आकर्षण उसे कैसे पुनः ‘TASC’ की ओर वापिस खींचता है और कैसे वह देश के समक्ष आई नई चुनौतियों से देश की रक्षा करता है, ये पूरी सीरीज़ इस बारे में है।
अगर सीरीज़ के पेस को छोड़ दें, तो यह द्वितीय संस्करण काफी बेहतरीन रहा है, लेकिन इस सीरीज़ की सबसे बेहतरीन बात है लव जिहाद नामक समस्या का चित्रण। लव जिहाद में किस प्रकार गैर मुस्लिम का भेस धारण कर मुस्लिम युवक गैर-मुस्लिम, विशेषकर हिन्दू लड़कियों का यौन शोषण करते हैं और किस प्रकार से उनपर बेहिसाब अत्याचार ढाते हैं, ये किसी से नहीं छुपा है।
लेकिन बॉलीवुड हो या OTT, लव जिहाद को अक्सर हेय की दृष्टि से देखा गया है। कोई इसे ‘काल्पनिक’ बताकर पल्ला झाड़ना चाहता है, तो कोई इसे ‘भाजपा की साजिश’ बताकर इस मानवता के विरुद्ध हिन्दुत्व की चाल बताता है। सोनी लिव पर पिछले वर्ष ‘अ सिम्पल मर्डर’ नामक वेब सीरीज़ में भी एक युवा प्रेमी जोड़े के जरिए इस विषय का उपहास उड़ाने का प्रयास किया गया था और इसका विरोध करने वाले हिंदुओं का नकारात्मक चित्रण किया गया था। इसी प्रकार से नेटफ्लिक्स पर ‘लैला [Leila]’ नामक शो में दिखाया गया है कि कैसे एक हिन्दू लड़की को एक मुस्लिम लड़के से विवाह करने पर ‘आर्यवर्त’ सरकार के हाथों अत्याचारों का सामना करना पड़ता है।
परंतु ‘द फैमिली मैन 2’ में स्पष्ट तौर पर दिखाया गया है कि कैसे लव जिहाद के जरिए गैर मुस्लिम लड़कियों के यौन शोषण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें यह भी दिखाया गया है कि कैसे एक मुस्लिम लड़का अपने आप को एक हिन्दू लड़के के तौर पर पेश करता है और कैसे वह एक हिन्दू लड़की को बहला फुसला कर उसका अपहरण करता है और उसका यौन शोषण करने का प्रयास करता है।यह भी इस सीरीज़ में दिखाया गया है।
जिस प्रकार से इस सीरीज़ के एक अहम किरदार को इस घिनौने प्रवृत्ति की वास्तविकता का आभास होता है और जिस प्रकार से उसे अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, उसे बिना किसी लाग लपेट के दिखाया गया है। अब यह किरदार कौन है और इसके साथ क्या होता है, इसके लिए आपको ‘द फैमिली मैन 2’ के संस्करण को ध्यान से देखना पड़ेगा।
लव जिहाद को ‘द फैमिली मैन 2’ में जिस तरह से यथार्थवादी तरह से चित्रित किया गया है, वह न सिर्फ सराहनीय है, बल्कि सही दिशा में एक सार्थक कदम भी कहा जा सकता है। इससे पहले OTT पर अक्सर हमने ऐसे शो देखे हैं, जहां कुछ अलग दिखाने के नाम पर वर्तमान सरकार पर कीचड़ उछाला जाता है। सनातन धर्म और उसके अनुयाइयों का नकारात्मक चित्रण करना फैशन बन चुका था। स्वयं फॅमिली मैन के प्रथम संस्करण में कुछ ऐसे दृश्य थे, जिन्हें मानो जबरदस्ती ठूँसा गया था।
परंतु इस बार द फैमिली मैन 2 ने जिस प्रकार से कई विषयों पर अपने अनोखी शैली में कटाक्ष किया है, वो अपने आप में प्रशंसनीय है। तमिलनाडु का पता नहीं, लेकिन अब वोक बिरादरी के लिए ये शो और इसके किरदार असहनीय हो जाएंगे। लव जिहाद का वास्तविक चित्रण कर राज निदिमोरू और कृष्णा डीके ने सही दिशा में एक आवश्यक कदम उठाया है, जिसके लिए जितनी प्रशंसा की जाए, वो कम है।