सरकार ऐसा बिल लेकर आ रही है जिससे हिन्दू-विरोधी कारखाना बॉलीवुड एक फिल्म उद्योग बन जाएगा

अब फिल्म इंडस्ट्री की मनमानी होगी खत्म!

Cinematograph (Amendment) Bill 2021

the Indian wire

फ़िल्म इंडस्ट्री में आए दिन ऐसी फिल्में बनती है जिससे आम जनमानस की भावनाएं आहत होती हैं। विशेष रूप से हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं किया जाता। हालांकि, फिल्म सर्टिफिकेशन के लिए Central Board of Film Certification (CBFC) है, लेकिन वहाँ से भी बहुत सी ऐसी फिल्म पारित हो जाती हैं जो पर्दे पर आकर लोगों की भावनाओं का मजाक बनाती है। ऐसे में सरकार एक नया बिल, Cinematograph (Amendment) Bill 2021, लेकर आई है।

नया ड्राफ्ट पूर्ववर्ती ‛Cinematograph Act of 1952’ में बदलाव करने वाला है। यह सरकार को शक्ति देगा कि वह सेंसर बोर्ड द्वारा पारित सिनेमा को भी पुनर्निरीक्षित कर सकता है एवं उसमें बदलाव कर सकता है। अभी 2 जुलाई तक यह Cinematograph (Amendment) Bill लोगों के सुझाव के लिए प्रस्तुत किया गया है, जल्द ही यह संसद से पारित होने की संभावना है।

इस बिल के तहत Cinematograph Act के सेक्शन 5B(1) में बदलाव किया जाएगा, जिसके बाद केंद्र सरकार को यह शक्ति मिल जाएगी कि केंद्र सरकार सेंसर बोर्ड द्वारा पारित फ़िल्म को अपने विवेक के आधार पर, आवश्यक होने की स्थिति में, पुनः निरीक्षित कर सकेगी और अगर उचित समझेगी तो फ़िल्म निर्माताओं को किसी ऐसे सीन को हटाने का निर्देश दे सकेगी जिससे आम जनता की भावनाएं आहत हो रही हों।

हाल ही में कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में यह कहा था कि केंद्र सरकार Central Board of Film Certification (CBFC) के फैसले को पलट नहीं सकती। हाई कोर्ट के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में भी समर्थन मिला। इसके बाद सरकार यह Cinematograph (Amendment) Bill लेकर आई है। यह एक अच्छा फैसला है, क्योंकि इस बार सरकार ने हिंदुओं के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलट दिया है। वैसे भी जो भी फिल्में बॉलीवुड बनाता है, वह स्वभावतः हिन्दू विरोधी प्रोपोगेंडा ही होती हैं।

सरकार ने फ़िल्म पाइरेसी पर लगाम लगाने के लिए भी कड़े नियम बनाए हैं। इस अपराध के लिए तीन महीने से तीन साल तक कि सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही प्रावधान यह भी है कि बिना फ़िल्म निर्माताओं की लिखित अनुमति के, फ़िल्म से सम्बद्ध कोई भी ऑडियो-वीडियो बनाना अनुचित होगा।

इसके अतिरिक्त फ़िल्म सर्टिफिकेशन में लागू होने वाली उम्र सीमाओं में भी परिवर्तन किया गया है। पहले तीन श्रेणियों में फ़िल्म का सर्टिफिकेट मिलता था। 12 वर्ष से कम के बच्चों के देखने योग्य फ़िल्म जो U, उसके अलावा 12 वर्ष से कम के बच्चों द्वारा अभिभावकों की उपस्थिति में देखने लायक फिल्म को U/A और 18 वर्ष के ऊपर के ही लोगों के लिए बनी फ़िल्म को A सर्टिफिकेट मिलता था। अब इसमें U/A 7+ अर्थात अभिभावकों की उपस्थिति में 7 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे के लिए , U/A 13+ अभिभावकों के साथ 13 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे के लिए और U/A 16+ अर्थात अभिभावकों के साथ 16 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे के लिए देखने योग्य, इन तीन श्रेणियों को बढ़ा दिया गया है।

Exit mobile version