टोक्यो ओलंपिक अब जल्द ही अगले महीने शुरू होने वाले हैं। एक वर्ष के लिए वुहान वायरस के कारण स्थगित इस ओलंपिक के लिए भारत की तैयारी ज़ोरों पर है, लेकिन इस ओलंपिक से पहले भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने एक ऐसा निर्णय लिया है, जो न सिर्फ भारत के लिए हानिकारक है, बल्कि भारत की प्रतिष्ठा पर बट्टा भी लगाता है।
हाल ही में भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने टोक्यो ओलंपिक के लिए टीम इंडिया की आधिकारिक किट लॉन्च की है। बृहस्पतिवार को भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंदर बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने टोक्यो जाने वाले खिलाड़ियों की सेरीमोनियल और स्पोर्ट्स किट जारी की। इसके साथ ही उन्होंने प्रायोजकों की लिस्ट साझा की है, जो टोक्यो ओलंपिक्स के परिप्रेक्ष्य में भारत का प्रचार करेगी।
तो इसमें दिक्कत क्या है? दरअसल, समस्या यह है कि जहां स्वागत समारोह यानि Opening Ceremony के लिए भारतीय ओलंपिक असोसिएशन ने रेमंड जैसी उत्कृष्ट कंपनी के साथ अनुबंध किया है, तो वहीं भारत की किट तैयार करने के लिए ली निंग नामक चीनी कंपनी के साथ अनुबंध किया है।
बता दें कि बीते वर्ष भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने कहा था कि गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के मद्देनजर वह चीनी उत्पादों और प्रायोजकों का बहिष्कार करने को तैयार है, लेकिन ऐसा लगता है कि जो कहा उस पर अमल नहीं किया है।
आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा था,‘‘हमारा लि निंग के साथ किट साझेदार के तौर पर तोक्यो ओलंपिक तक का करार है लेकिन देश सर्वोपरि है और आईओए भी अलग नहीं है। यदि सदस्यों को ऐसा लगता है तो हम यह फैसला ले सकते हैं।’’ उन्होंने ये भी कहा था कि ,‘‘ आईओए देश के साथ है।’’ आईओए कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे ने कहा,‘‘मेरा मानना है कि देश के जज्बात को समझते हुए आईओए को लि निंग से करार तोड़ देना चाहिये।’’ वो कहते हैं न कथनी और करनी में फर्क होता है, वही यहां देखने को मिल रहा है।
ये शर्मनाक है कि जिस समय भारत की सरकार चीन के विरुद्ध सख्त रुख अपनाए हुए हैं, जिस समय देश के अधिकतम नागरिक चीनी उत्पादों के बहिष्कार को पूरा समर्थन दे रहे हैं, उस समय भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन एक चीनी कंपनी को भारतीय खिलाड़ियों के किट बनाने का अनुबंध देकर क्या सिद्ध करना चाहती है? क्या दुनिया में चीनी कंपनी के अलावा कोई और कंपनी नहीं है? क्या भारत में ऐसी कोई कंपनी नहीं है, जो हमारे खिलाड़ियों के लिए उच्चतम क्वालिटी के जर्सी और किट तैयार कर सके?
क्या एडिडास, प्यूमा, नाईक इत्यादि कंपनियों में कोई कमी रह गई थी? यदि स्वागत समारोह के लिए रेमंड को भारतीय खिलाड़ियों के लिए पोशाक तैयार करने का कान्ट्रैक्ट दिया जा सकता है, तो फिर भारतीय खिलाड़ियों के स्पोर्ट्स किट्स हेतु चीनी कंपनी ही क्यों? ये निर्णय न सिर्फ विरोधाभासी है, बल्कि भारत की प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक भी है।
यहाँ पर दुख की बात तो यह है कि भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने ऐसा निर्णय लिया है, जिसने नरेंद्र बत्रा के नेतृत्व में भारतीय खेलों में काफी बदलाव किया है। नरेंद्र बत्रा की अध्यक्षता में भारत की छवि अन्य खेलों में काफी हद तक सुधरी है, जिसका प्रभाव हम एशियन खेल 2018 के पश्चात से देख ही रहे हैं। ऐसे में नरेंद्र बत्रा के होने के बावजूद एक चीनी कंपनी को भारतीय खिलाड़ियों के लिए किट और जर्सी बनाने का कान्ट्रैक्ट देना शर्मनाक है।