2015 में अभिषेक बनर्जी को थप्पड़ मारने वाले देबाशीष आचार्य की हुई हत्या

BJP ने की CBI जांच की मांग

देबाशीष आचार्य हत्या

विधान सभा चुनाव में जीत के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी समर्थकों पर हमला रुकने का नाम नहीं ले रहें हैं। कई बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद कल एक और कार्यकर्ता देबाशीष आचार्य की संदिग्ध हमलावरों ने हत्या कर दी । खास बात यह है कि देबाशीष आचार्य ने 2015 में एक चुनावी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और TMC के महासचिव अभिषेक बनर्जी को थप्पड़ मार दिया था। अब देबाशीष पर हमले को TMC की साजिश करार दिया जा रहा है।

देबाशीष आचार्य ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए प्रचार किया था। यही कारण है कि अब भारतीय जनता पार्टी ने उनकी हत्या की CBI जांच की मांग की है।

रिपोर्ट के अनुसार रात में कुछ अज्ञात लोगों ने देबाशीष आचार्य पर हमला कर दिया। उनके सिर में गंभीर चोटें आईं और बाद में उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया।अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक, कल तड़के 4:10 पर कुछ लोग देबाशीष को लेकर आए थे और भर्ती कराकर चले गए थे। घायल देबाशीष आचार्य की दोपहर तक मौत हो गई।

देबाशीष आचार्य के परिजनों को घटना का पता चला तो वह अस्पताल पहुंचे। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे। आत तक की रिपोर्ट के अनुसार शुरुआती छानबीन में पता चला है कि 16 तारीख की रात अपने तीन दोस्तों के साथ देवाशीष मोटरसाइकिल पर घूमने निकला था। इसी दौरान सोनापेटा टोल प्लाजा के पास तीनों दोस्त एक चाय की दुकान पर चाय पीने रुके। परन्तु उसी समय उसके मोबाइल पर किसी का फोन आया और वह दोनों दोस्तों को छोड़कर चला गया।

अब पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर देबाशीष आचार्य को अस्पताल में भर्ती करने वाले कौन थे? घरवालों की ओर से हत्या की साजिश का आरोप लगाया जा रहा है। BJP कार्यकर्ता भी देवाशीष आचार्य की मौत पर सवाल उठाने लगे हैं। 2020 में देवाशीष आचार्य ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी।

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बता दें कि वर्ष 2015 में उन्होंने एक पब्लिक फंक्शन में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को थप्पड़ मार दिया था। हालाँकि मंच पर मौजूद TMC कार्यकर्ताओं ने देबाशीष आचार्य को घेर लिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी। तब देवाशीष पर IPC की धारा 307 –यानी हत्या के प्रयास के तहत मामला दर्ज किया गया था।

हालाँकि थप्पड़ के बाद TMC पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा लिंचिंग के दौरान देबाशीष आचार्य को सिर में कई गंभीर चोटें आईं थी। देबाशीष, जब अस्पताल में थे तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था परन्तु उन्हें पीटने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। अब तो उनकी हत्या ही कर दी गयी है।

विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में TMC कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा में 30 से अधिक भाजपा सदस्यों और RSS के स्वयंसेवकों की मृत्यु हो चुकी है। हालाँकि, राज्यपाल, राष्ट्रपति और गृह मंत्री से मिलने नई दिल्ली पहुंचे थे, देखना यह है कि राज्य में कब राष्ट्रपति शासन लगता है जिससे इस तरह की हिंसा पर लगाम लगे।

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