राजस्थान में पायलट-गहलोत की लड़ाई फोन टैपिंग तक पहुंच गईं हैं, जिसका अंत Resort राजनीति से होगा

गहलोत सरकार की नाव डूबने वाली है!

राजस्थान फोन टैप

News Nation

राजस्थान की राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर से भूचाल आने वाला है, क्योंकि एक बार फिर से अशोक गहलोत के ऊपर अपने ही विधायकों की जासूसी के आरोप लगे हैं। दरअसल, सचिन पायलट खेमे के एक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, “सरकार अपने ही विधायकों के फोन टैप करा रही है।” हालांकि, यह पहली दफा नहीं है जब अशोक गहलोत के ऊपर फोन टैपिंग जैसे गंभीर आरोप लगे हैं, इससे पहले भी यह आरोप लगे हैं और गहलोत सरकार ने इस बात की पुष्टि भी की थी।

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चाकसू (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री सोलंकी ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, “मुझे नहीं पता कि मेरा फोन टैप किया जा रहा है या नहीं। कुछ विधायकों ने मुझे बताया है कि उनके फोन टैप किए जा रहे हैं। मुझे यह भी पता नहीं है कि राज्य सरकार फोन टैपिंग में शामिल है या नहीं। कई अधिकारियों ने उन्हें (विधायकों को) बताया कि  ऐसा लगता है कि उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।“ सोलंकी ने आगे कहा कि विधायकों ने अपने फोन टैपिंग की जानकारी मुख्यमंत्री से साझा की है।

यह मामला सामने आने के बाद राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने विधायकों को डरा रही है।पूनिया ने ट्वीट किया, “आज फिर एक कांग्रेस विधायक कह रहे हैं कि “कई विधायक कहते हैं कि उनके फोन टैप किए जा रहे हैं और जासूसी हो रही है।” कांग्रेस बताए ये विधायक कौन हैं?  ‘सो जा बेटा गब्बर आ जाएगा’ की तर्ज़ पर कांग्रेस अपने ही विधायकों को डरा रही है। कांग्रेस बताए गब्बर कब आएगा?”

विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार एक बार फिर जन प्रतिनिधियों को डराने-धमकाने की कोशिश कर रही है। “संविधान के खिलाफ जाकर फोन टैपिंग में महारथ हासिल कर चुकी गहलोत सरकार फिर से इसका बेजा इस्तेमाल कर जनप्रतिनिधियों को डरा रही है। अपनी ही सरकार से भयक्रांत कांग्रेस विधायकों का दबी जुबां में फोन टैपिंग की बात कहने से उनकी मनोस्थिति व पीड़ा जगजाहिर हो गई है। ना जाने कब क्या हो जाए।”

आपको बता दें कि इससे पहले भी मार्च 2021 में जब अशोक गहलोत सरकार के ऊपर फोन टैपिंग के आरोप लगे थे, तब राजस्थान सरकार ने खुद ही कबूल कर लिया था कि उन्होंने आठ महीनों तक अपने विधायकों का फोन टैप करके जासूसी की है।

बता दें कि राजस्थान में सियासत पहले से ही गरमाई हुईं हैं, ऐसे में फोन टैप मामले ने आग में पेट्रोल डालने का काम किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल में 9 पद खाली है, चूंकि पायलट खेमे का एक भी विधायक मंत्री नहीं है, ऐसे में पायलट 9 में से 6 पदों पर अपने विधायकों की नियुक्ति कराना चाहते हैं। वहीं अशोक गहलोत सचिन पायलट के इस तर्क से सहमत नहीं है।

ऐसे में अशोक गहलोत को डर था कि पायलट खेमे के विधायक उनके पीठ में छुरा न घोंप दें। जिसके कारण गहलोत ने सावधानी बरता और गैर कानूनी साधनों का सहारा लेते हुए फोन टैपिंग को अंजाम दिया है।

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अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अशोक गहलोत राजस्थान कांग्रेस को टूटने से बचा पाएंगे! एक तरफ अशोक गहलोत कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने में असफल रहें और दूसरी ओर उनके खेमे के विधायकों के बीच भी अनबन चल रही है। ऐसे में यह कहना उचित होगा कि राजस्थान सरकार में सियासी उलटफेर जल्दी ही देखने को मिल सकता है।

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