YSR ने जिस बागी सांसद को टॉर्चर किया, उसकी याचिका CBI कोर्ट ने स्वीकारी, रेड्डी की लंका लगनी तय

पुलिस से अपने ही सांसद को पिटवाया आंध्रा के CM ने, अब कानून देगा सज़ा

रघुराम कृष्णम राजू

(PC: Gulte)

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ उन्हीं के पार्टी के नेताओं ने मोर्चा खोला हुआ है, जिसके बाद माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे जगन के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जगन विरोधी मोर्चे का नेतृत्व उन्हीं की पार्टी के बागी लोकसभा सांसद रघुराम कृष्णम राजू करते दिखाई दे रहे हैं, जिन्होंने पिछले महीने 27 तारीख को “आय से अधिक” संपत्ति मामले में CBI कोर्ट में अपील कर जगन रेड्डी की जमानत को रद्द करने की अपील की थी। अब CBI कोर्ट ने रघुराम कृष्णम राजू की याचिका को स्वीकार कर लिया है और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CBI कोर्ट जगन की जमानत रद्द भी कर सकती है।

आगे बढ़ने से पहले यह जान लेते हैं कि CM जगन आखिर किन आरोपों के तहत घिरे हुए हैं। दरअसल, मामला नया नहीं बल्कि वर्ष 2012 का है, जब CBI ने “आय से अधिक संपत्ति” मामले में जगन के खिलाफ केस दायर किया था। उसके बाद से ही शर्तों के साथ जगन मोहन रेड्डी जमानत पर जेल से बाहर हैं, लेकिन पिछले महीने 27 तारीख को बागी सांसद ने CBI कोर्ट में अपील दायर कर जगन पर जमानत की शर्तों को तोड़ने का आरोप लगाया है। अब CBI कोर्ट में जल्द ही इस केस की सुनवाई हो सकती है।

इस दौरान जगन मोहन रेड्डी की माथे की शिकन साफ़ देखी जा सकती है। जगन मोहन रेड्डी एक तरफ जहां दिल्ली में आकर कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाक़ात कर रहे हैं, तो वहीं वे राज्य की मशीनरी का भरपूर इस्तेमाल कर रघुराम कृष्णम राजू को दंडित करने का प्रयास भी कर रहे हैं। पिछले शुक्रवार को उन्हें राज्य की CID द्वारा उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद लोकसभा सांसद ने जगन मोहन रेड्डी और पुलिस अधिकारियों पर उन्हें टॉर्चर करने के आरोप लगाए थे। यह भी बता दें कि जगन ने रघुराम कृष्णम राजू के खिलाफ देशद्रोह का कानून भी लगाया हुआ है।

NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार “रघुराम कृष्णम राजू के खिलाफ विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दिए गए बयानों के आधार पर राज्य सीआईडी द्वारा FIR दर्ज की गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि जातियों और धर्मों के बीच दुश्मनी पैदा करने के लिए ये हेट स्पीच दी गई थी।” इसके बाद रघुराम कृष्णम राजू ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था लेकिन 15 मई को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। उसके बाद 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक हिरासत के तहत ही राजू को जांच के लिए सेना के सिकंदराबाद अस्पताल ले जाने का आदेश सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि राजू के स्वास्थ्य की जांच की वीडियोग्राफी की जाएगी और मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट को एक सीलबंद लिफाफे में प्रदान किया जाएगा।

रघुराम कृष्णम राजू अब पार्टी के अंदर से जगन के खिलाफ बड़ा विद्रोह छेड़ने की राह पर है। वे मेडिकल आधार पर अभी बेल पर जेल से बाहर हैं और इस दौरान वे दिल्ली में कई नेताओं के साथ मुलाक़ात कर रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों और लोकसभा अध्यक्ष से भी मुलाक़ात की है। 21 मई को सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत पर सुनवाई होनी है। अगर उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत मिलती है तो ये जगन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। जिस प्रकार तेलंगाना में इटेला राजेन्द्र ने CM के चंद्रशेकर राव की नाक में दम कर दिया है, ठीक उसी प्रकार आंध्रा में रघुराम कृष्णम राजू वो भूमिका निभा सकते हैं।

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