कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार को ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया गया। इस फैसले के आने के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दोनों को लताड़ लगायी है।
उन्होंने ट्वीट किया, “पश्चिम बंगाल और दिल्ली के सीएम में स्पष्ट रूप से सामान्य व्यवहारिक लक्षण हैं। वे बहुत अधिक प्रोटेस्ट करते हैं। लेकिन मुझे उम्मीद है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश के बाद, ममता जी भी “एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड” योजना लागू करेंगी। निश्चित रूप से वह अपने राज्य के लोगों को भूखा नहीं रखना चाहेंगी।”
There are clearly discernible & common behavioural traits between CMs of WB & Delhi. They protest too much.
But I hope after today's Hon'ble SC order, Mamata ji also implements One Nation One Ration Card scheme.
Surely she would not want to starve the people of her state.
— Hardeep Singh Puri (मोदी का परिवार) (@HardeepSPuri) June 11, 2021
बता दें कि ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों को राशन और खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी तब आई जब अदालत को सूचित किया गया कि पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम ने अभी तक इस योजना को लागू नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ योजना को तुरंत लागू करे। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एम. आर. शाह की पीठ ने कहा कि किसी भी बहाने को स्वीकार नहीं किया जाएगा और राज्य को इस योजना को लागू करना ही होगा।
हालाँकि, बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह योजना “आधार सीडिंग तकनीक की समस्याओं के कारण” लागू नहीं की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा: “आप एक या दूसरी समस्या का हवाला नहीं दे सकते। यह प्रवासी श्रमिकों के लिए है।”
वहीँ, दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच अभी भी घर-घर राशन वितरण और एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली को लेकर तनातनी जारी है। दिल्ली के सीएम ने पहले आरोप लगाया था कि केंद्र “lack of approvals” की आड़ में गरीबों को मुफ्त राशन से वंचित कर रहा है और उनकी ‘डोर-टू-डोर’ राशन वितरण योजना को अनुमति नहीं दे रहा है। यह हैरानी की बात है कि एक और केजरीवाल ‘वन नेशन वन राशन’ योजना को लागू नहीं कर रहे हैं और दूसरी ओर उल्टा केंद्र पर ही आरोप लगा रहे हैं। केजरीवाल के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार “राशन माफिया” के नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि अगर अनाज घर-घर पहुंचाया जाता है, तो लोगों को यह पता नहीं चलेगा कि इसका कितना हिस्सा कहां जा रहा है और कितना गायब हो गया होगा।
उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल हर घर अन्न की बात कर रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि कोरोना काल में वह न तो अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचा सके और ना मोहल्ला क्लीनिकों में दवा पहुंचा सके। हर घर राशन भी एक जुमला है। दिल्ली सरकार राशन माफिया के नियंत्रण में है।” दिल्ली सरकार का राशन माफिया से संलग्न होने का आरोप लगाते हुए रविशंकर ने कहा, “दिल्ली की राशन की दुकानों में अप्रैल 2018 से अब तक POS मशीन का ऑथेंटिकेशन शुरू क्यों नहीं हुआ? अरविंद केजरीवाल SC-ST वर्ग की चिंता नहीं करते हैं, प्रवासी मजदूरों और गरीबों की पात्रता की भी चिंता नहीं करते हैं।” कानून मंत्री ने केजरीवाल को प्रतिदिन नया ढकोसला करने वाला करार दिया। उन्होंने पूछा, “अरविंद केजरीवाल जी जवाब दें कि दिल्ली में वन नेशन-वन राशन कार्ड लागू क्यों नहीं हुआ? क्या परेशानी और क्या दिक्कत है, आपको वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना से?”
यह वास्तविकता है कि इन दोनों मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं से कुछ अधिक ही समस्या रहती है। इन दोनों को यह डर है कि अगर केंद्र की योजना जनता तक पहुँच गयी तो वे प्रधानमंत्री मोदी को वोट देंगे, उन्हें नहीं। ममता बनर्जी बंगाल की जनता को आयुष्मान भारत योजना और किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी नहीं मिलने दे रही हैं। अब देखना यह है सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद क्या बंगाल में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना लागू होती है या नहीं।