जब आप एक IT कंपनी को संभालते हो, तो आपकी सबसे पहली जिम्मेदारी होती है कि आप निष्पक्षता से अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वहन करे। लेकिन जब आपकी प्रतिबद्धता पर ही प्रश्न उठने लगे, तो फिर कैसे काम चलेगा? कुछ ऐसा ही ट्विटर के साथ हो रहा है, जहां वह अपनी सुविधानुसार लोगों को ब्लू टिक दे रहा है।
उदाहरण के लिए अमन शर्मा को देखिए। यह इंडियन एक्स्प्रेस और ईकोनॉमिक टाइम्स के लिए काम करते थे। लेकिन जैसे ही यह इन वामपंथी पोर्टल्स से centrist पोर्टल CNN न्यूज 18 में स्थानांतरित हुए, उन्होंने अपना वेरीफाइड बैज (ब्लू टिक) खो दिया। अमन ने भरसक प्रयास किया, परंतु उन्हे अपना खोया बैज नहीं मिला –
Had a verified Twitter account for years. Changed my organisation 3 months ago & had to change profile name so lost it. Wrote to @TwitterIndia officials, also applied for re-verification
The Answer 👇 pic.twitter.com/dL10Lsxv4i
— Aman Sharma (@AmanKayamHai_) June 10, 2021
परंतु अमन इस खेल में अकेले सफर नहीं कर रहे है। प्रशांत कुमार Times Now पर पत्रकार है, उनके ट्विटर पर 40000 से भी अधिक फॉलोवर है। इसके बावजूद उन्हें ट्विटर पर ब्लू टिक नहीं मिल सका। इसकी भड़ास उन्होंने ट्विटर पर निकालते हुए कहा, “ट्विटर इंडिया की माने तो मैं इतना भी बड़ा पत्रकार नहीं हूँ कि मेरा हैंडल वेरीफाइड किया जा सके। इसे सार्वजनिक कर शिकायत नहीं नहीं कर रहा हूँ, परंतु पूछना अवश्य चाहूँगा कि एक वेरीफाइड हैंडल के लिए आखिर आपको क्या चाहिए? मेरे हैंडल में तो आपको सारी आवश्यकताएँ पूरी मिलेंगी।”
https://twitter.com/scribe_prashant/status/1402908401349189639?s=19
Criteria ! pic.twitter.com/i4TdtYRUwg
— Aman Chopra (@AmanChopra_) June 5, 2021
लेकिन यह खेल यहीं पर खत्म नहीं होता। ट्विटर न सिर्फ Zee News के सम्पादक अमन चोपड़ा जैसे योग्य पत्रकारों और व्यक्तियों को वेरीफाइड बैज ब्लू टिक नहीं दे रहा, बल्कि ऐसे लोगों को Blue Badge का बंदरबाँट कर रहा है, जो कहीं से भी इसके योग्य नहीं हैं। उदाहरण के लिए, साकेत गोखले, जिसके पास फेक न्यूज फैलाने के अलावा कोई काम नहीं है, किस एंगल से ट्विटर का वेरीफाइड बैज पाने के योग्य है? इन्होंने ऐसा क्या किया है कि ट्विटर इंडिया चाहकर भी इनका अकाउंट तक नहीं हटा सकता?
लेकिन ट्विटर का पक्षपात यहीं पर नहीं रुकता। इसकी लिस्ट निकालने चलें तो बहुत लंबी होगी। अभी हाल ही में हमने देखा है कि किस प्रकार बिना कारण ट्विटर इंडिया ने RSS के उच्चाधिकारियों के अकाउंट के ब्लू टिक अकारण ही हटा दिए।
ऐसे में केंद्र सरकार ने जिस प्रकार से IT अधिनियमों में संशोधन करके इनका असली चेहरा सामने लाया है उसकी भूरी भूरी प्रशंसा की जानी चाहिए।