असम के कोकराझार में दो आदिवासी लड़कियों की बलात्कार के बाद हत्या, असम पुलिस ने 72 घंटे में बलात्कारियों को पकड़ा

पेड़ से लटका मिला था दोनों लड़कियों का शव, मुख्यमंत्री हिमंता ने लिया संज्ञान

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा

असम के नए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा किसी चीज़ के लिए जाने जाते है तो वह है- अपने अंदाज और न्याय प्रशासन के लिए। हाल ही में, असम के कोकराझार जिले में दो किशोर आदिवासी लड़कियों का बलात्कार और हत्या हुई थी। इस घटना को बीते अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ और असम पुलिस ने सभी दोषियों को धर दबोचा है।

जान लें कि सभी आरोपी 19 से 27 वर्ष की आयु के बीच के है। पुलिस ने आरोपियों की पहचान मुजम्मिल शेख, नजीबुल शेख, फारूक रहमान, हनीफ शेख, जहांनूर इस्लाम, मोहम्मद अताब अली और शंकरदे बर्मन के रूप में की है।

असम के कोकराझार जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) थुबे प्रतीक कुमार ने इंडिया टुडे को बताया कि गिरफ्तार किए गए सात में से तीन मुख्य आरोपियों ने दो आदिवासी लड़कियों के साथ बलात्कार और हत्या करने की बात को कबूला है।

बता दें कि 11 जून को 14 और 16 साल की दो नाबालिग लड़कियां कोकराझार थाना क्षेत्र के एक गांव में पेड़ से लटकी हुई मिली थी। उसके बाद पुलिस ने पुष्टि की थी कि, उनके साथ बलात्कार के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।

थुबे प्रतीक कुमार ने कहा, “मुजम्मिल शेख, नजीबुल शेख और फारूक रहमान मुख्य आरोपी हैं और उन्होंने अपना अपराध कबूल कर लिया है। इस घटना में चार अन्य व्यक्ति भी शामिल है।”

असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने अपराधियों को तेजी से पकड़ने के लिए पुलिस को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि, “कोकराझार जिले में दो आदिवासी नाबालिग लड़कियों के बलात्कार और हत्या के आरोप में मुजम्मिल शेख, नजीबुल शेख और फारूक रहमान गिरफ्तार। लड़कियों के साथ घोर अपराध हुआ है, उनकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई और उनके शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था। असम पुलिस ने सराहनीय काम किया है।”

यही नहीं असम के मुख्यमंत्री ने पिछले रविवार को कोकराझार जिले का दौरा किया था और पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री के आदेश पर घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया था।

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हाल ही में जब असम के जूनियर डॉक्टरों और नर्सों के साथ इस्लामिस्टों मारपीट और बदतमीजी की थी। तब मुख्यमंत्री ने सामने आकर, मामले को संज्ञान में लिया और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। इससे स्पष्ट होता है कि असम में जब तक हिमंता बिस्वा सरमा का शासन है, तब तक कट्टरपंथियों को उनकी मनमानी नहीं करने दी जाएगी।

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