आजादी से लेकर साल 2014 तक भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों पर वामपंथियों का दबदबा रहा है। आप चाहे JNU की बात करे या विश्व भारती विश्वविद्यालय, या फिर जादवपुर विश्वविद्यालय की, परंतु 2014 के बाद से देश में नई ऊर्जा का प्रवाह हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व और नीतियों ने वामपंथियों की कमर तोड़ दी है। इसी कड़ी में एक खबर सामने आई है, जिसमें विश्व भारती विश्वविद्यालय के वामपंथी प्रोफेसर ने विश्वविद्यालय के VC पर FIR दर्ज करा दी है।
दरअसल, विभाग के प्रोफेसर मानस मैती ने 12 जून को शांतिनिकेतन पुलिस थाने में कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बैठक में उनके खिलाफ कुछ “अपमानजनक टिप्पणी” करके उनका और कुछ अन्य साथी सदस्यों का कथित रूप से अपमान किया था।
केंद्रीय विश्वविद्यालय ने सोमवार को मैती से यह बताने को कहा कि वह कुलपति के खिलाफ FIR दर्ज करने के बारे में बयान कैसे दे सकते हैं। विश्वविद्यालय ने कहा कि संबंधितों की इस तरह की टिप्पणी विश्व भारती के हितों के खिलाफ “अपमानजनक और पूर्वाग्रहपूर्ण” है।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपने सूत्रों के हवाले से लिखा, “लेफ्ट विचाराधारा से जुड़े शिक्षकों का एक वर्ग VC को बदनाम करने का काम कर रहा है। वे विश्व-भारती के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं और मीडिया का उपयोग कर विवाद पैदा करना चाहते हैं।उनकी आवाज मीडिया के माध्यम से सुनी जाती है, लेकिन अधिकांश कर्मचारी VC के साथ है और वे चाहते हैं कि शैक्षणिक गतिविधियां जारी रहें। ये विशाल वामपंथियों का समूह खुलकर सामने नहीं आता। वामपंथियों द्वारा चलाई जा रही इस तरह की प्रथाओं को हम समाप्त कर देंगे।”
बता दें कि इससे पहले विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने 13 जून को मैती को एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान कुलपति के प्रति अनुचित व्यवहार दिखाने और उनके निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने नोटिस में दावा किया कि 8 जून को बैठक के दौरान जब वेतन के वितरण के मुद्दे पर बोलने के लिए कहा गया तो, प्रोफेसर मानस मैती ने VC का “अपमान किया” और आधारहीन आरोप लगाकर एजेंडे को पटरी से उतारने की कोशिश की।
फिर क्या था, देखते ही देखते वामपंथी शिक्षकों का हुजूम वीसी विद्युत चक्रवर्ती पर टूट पड़ा। इसमें जादवपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ पश्चिम बंगाल शिक्षक यूनियन भी शामिल है।
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आपको बता दें कि, आज से नहीं बल्कि महीनों से विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति के ऊपर इस प्रकार के हमले किए जा रहे है। हाल ही में, VC के ऊपर हिंसक हमला भी हुआ था। यही नहीं, ममता बनर्जी ने अपनी चुनावी रैली में कुलपति को BJP का आदमी बोलकर उन पर जुबानी हमला किया था व विश्वविद्यालय के वामपंथी छात्रों ने वीसी के विरोध में प्रर्दशन तक किया था।