Smugglers के Audio लीक से खुलासा- CPM के हाथों बुना गया Gold Scam, विजयन खाते थे एक-तिहाई प्रॉफ़िट

Audio leak से सामने आई केरल सरकार के गोल्ड घोटाले की सच्चाई

केरल गोल्ड घोटाले

केरल के कुख्यात गोल्ड घोटाले के बारे में तो आप लोगों ने सुना ही होगा। सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की देखरेख में कैसे सोने की तस्करी UAE कॉन्सुलेट से धड़ल्ले से होती थी, इससे कोई भी अपरिचित नहीं है। लेकिन अब ये सामने आया है, कि गोल्ड घोटाले में कई लोगों की एक निश्चित हिस्सेदारी होती थी, जिसका फायदा केरल प्रशासन से लेकर कस्टम्स विभाग के अफसरों तक को होता था।

मलयाली न्यूज पोर्टल मातृभूमि के रिपोर्ट के अनुसार, “केरल के गोल्ड घोटाले से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है। इसमें ये सामने आया है कि कैसे लूटे हुए माल की हिस्सेदारी की जाती थी, जिससे केरल प्रशासन से लेकर कस्टम्स विभाग तक का फायदा होता था।”

इस क्लिप के अनुसार जो भी सोना स्मगल किया जाता था, उसे तीन हिस्सों में बांटा जाता था।

न्यूज रिपोर्ट के अंश अनुसार, “इसमें से एक हिस्सा ‘पार्टी’ को जाता था। दूसरा हिस्सा उन लोगों को जाता था जिन्हें ये सोना सही जगह पहुंचाना होता था। फिर एक हिस्सा जाता था उन लोगों को, जो यह तय करती थी कि सोना कितने में बेचा जा सकता है।”

यहाँ पर पार्टी से इशारा कहीं न कहीं सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ हुआ है। भाजपा के राज्य अध्यक्ष के सुरेन्द्रन ने आरोप लगाया है कि, हाल ही में साक्ष्य सामने आए हैं कि, कम्युनिस्ट पार्टी केरल में सोने की तस्करी करने वालों से अपना हिस्सा वसूलती है। उनके अनुसार यही तस्कर कम्युनिस्ट के धरना और रैलियों का संचालन भी करते हैं।

बता दें कि, जुलाई 2020 में तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर कस्टम्स विभाग के अफसरों ने 30 किलो सोना जब्त किया था, जो Diplomatic immunity का फ़ायदा उठाते हुए UAE ले जाया जा रहा था। जांच पड़ताल में UAE कॉन्सुलेट जनरल के यहाँ पूर्व पब्लिक रिलेशन्स ऑफिसर रह चुके सरिथ कुमार और पूर्व कॉन्सुलेट अधिकारी स्वप्ना सुरेश का नाम सामने आया था।

स्वयं गोल्ड घोटाले की प्रमुख आरोपी स्वप्ना सुरेश के अनुसार, “कस्टम्स विभाग द्वारा की जा रही पूछताछ में स्वप्ना सुरेश ने उजागर किया है कि विजयन को सोने की तस्करी के बारे में पूरी जानकारी थी, और वे UAE के कॉन्सुलेट से बराबर टच में भी थे।”

परंतु स्वप्ना सुरेश इतने पर ही नहीं रुकी। उन्होंने आगे भी बताया, “विजयन के साथ-साथ 3 कैबिनेट मंत्री भी इस पूरे प्रकरण में शामिल थे, जिनमें केरल के विधानसभा अध्यक्ष पी श्रीरामकृष्णन भी शामिल हैं। कस्टम्स विभाग के हलफनामे के अनुसार स्वप्ना सुरेश सीएम विजयन और UAE कॉन्सुलेट के बीच मध्यस्थता करती थी, क्योंकि CM अरबी नहीं बोलते हैं।”

इसी भांति अभी हाल ही में सोने की तस्करी को लेकर कम्युनिस्ट पार्टी के एक सोशल मीडिया अभियानकर्ता अर्जुन की गिरफ़्तारी की पुष्टि हुई है। ऐसे में यदि जांच एजेंसियां अर्जुन से अहम जानकारियाँ हासिल करने में सफल हुई, तो केरल सरकार की धज्जियां उड़ाने के लिए इतने ही साक्ष्य काफी होंगे।

ऐसे में अब इस ऑडियो क्लिप के वायरल होने से एक बार फिर केरल गोल्ड घोटाले की ओर जनता का ध्यान आकर्षित हुआ है। केरल सरकार की छवि पहले ही आतंकवाद को बढ़ावा देने और कोविड पर लापरवाह रहने के पीछे रसातल में है। लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाले दिन पिनराई विजयन के लिए बेहद कष्टकारी सिद्ध होने वाले हैं।

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