पिछले वर्ष से ही कोरोना महामारी का कहर जारी है। भारत सहित विश्व के कई देशों में वैक्सीनेशन का दौर शुरू हो चुका है। पूरे देश में वैक्सीनेशन टीकाकरण के लिए आधार कार्ड या वोटर कार्ड का उपयोग किया जा रहा है। हालाँकि, देश में पाकिस्तान से आये हिंदू शरणार्थी भी हैं जिनके पास भारत का पहचान पत्र न होने के कारण वैक्सीनेशन के लिए दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है। पाकिस्तान से प्रताड़ित हो कर आये इन हिंदू शरणार्थियों को मध्य प्रदेश जैसे राज्य खुले मन से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में शामिल कर रहे हैं तो वहीँ राजस्थान की कांग्रेस सरकार उन्हें वैक्सीन जैसी मुलभुत सुविधाओं से वंचित रखना चाहती हैं।
दरअसल एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाले हिंदू सिंधी समुदाय के लगभग 5,000 पाकिस्तानी शरणार्थियों को कोविड -19 टीके लगाए जाएंगे। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हिंदू सिंधी समुदाय के पाकिस्तानी शरणार्थियों के प्रतिनिधियों ने हाल ही में प्रशासन से Covid के टीकाकरण का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार की मंजूरी के बाद इस मांग को स्वीकार कर लिया गया है। ये पाकिस्तानी शरणार्थी अब पहचान पत्र के रूप में अपना पासपोर्ट दिखाकर शहर के टीकाकरण केंद्रों पर Covid वैक्सीन के डोज प्राप्त कर सकेंगे।”
जड़िया ने अनुमान लगाया कि लगभग 5,000 पाकिस्तानी शरणार्थी इंदौर में रह रहे हैं और उनमें से ज्यादातर शहर के सिंधी कॉलोनी इलाके में बसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि, ‘हम मानवीय आधार पर सभी वयस्कों को कोविड -19 की खुराक दे रहे हैं। पिछले महीने, हमने एक Dutch नागरिक को टीका लगाया था जो किसी काम के लिए इंदौर आया था।‘
वहीँ राजस्थान में पाकिस्तान से आये हिंदू शरणार्थियों को वैक्सीन के लिए दर दर भटकना पड़ा। राजस्थान की कांग्रेस सरकार को मानवता की राह पर लाने के लिए हाई कोर्ट को निर्देश देना पड़ा तब जा कर इन हिंदू शरणार्थियों को वैक्सीन लगाई जा रही है। राजस्थान हाईकोर्ट ने 4 जून को कांग्रेस की गहलोत सरकार से पूछा था कि पाक विस्थापित हिंदू शरणार्थियों को वैक्सीन क्यों नहीं दी जा रही? साथ ही वैक्सीन लगाने का निर्देश देते हुए कहा कि केंद्र सरकार पहले ही SoP जारी कर शरणार्थियों को वैक्सीन देने का आदेश दे चुकी है। तब जा कर इस निर्देश के बाद जोधपुर में पाकिस्तान से आये विस्थापित लोगों को कोविड वैक्सीन लगायी गयी। HC ने अधिकारियों को राजस्थान में रहने वाले पाकिस्तानी प्रवासियों को राशन वितरित करने का भी निर्देश दिया था।
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बता दें कि कोर्ट ने अपने 28 मई को जारी आदेश में विस्थापित हिंदू शरणार्थियों को केंद्र सरकार द्वारा 6 मई को जारी गाइडलाइंस के आधार पर वैक्सीन देने की बात कही थी, परन्तु तब भी गहलोत सरकार ने एक्शन नहीं लिया। केंद्र की मोदी सरकार ने 6 मई को ही बिना डॉक्यूमेंट्स वाले लोगों को वैक्सीन देने के लिए गाइडलाइंस जारी की थी। बावजूद इसके हिन्दू शरणार्थियों को वैक्सीन से वंचित किया जा रहा था। इसके बाद 13 मई को तीन दशकों से अधिक समय से पाकिस्तानी हिंदू प्रवासियों के अधिकारों के लिए काम करने वाले ‘सीमांत लोक संगठन’ ने राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दिया था, जिसमें राजस्थान में रहने वाले 25,000 पाकिस्तानी हिंदू प्रवासियों के लिए टीके लगाने की मांग की गई थी।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि एक तरफ जहां कांग्रेस सरकार राजस्थान में हिंदू शरणार्थियों के साथ दुर्व्यवहार करती है, वहीं मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार खुले हाथों से उनका स्वागत कर रही है।