आखिर देशमुख मामले से संजय राउत इतना क्यों डरे हुए हैं?

शिवसेना भाजपा अनिल देशमुख

महाविकास अघाड़ी सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है। महाराष्ट्र सरकार पर राजनीतिक संकट के साथ साथ कानूनी संकट भी गहरा रहा है। हाल ही कि रिपोर्ट के अनुसार, सचिन वाझे महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के इशारे पर मुंबई में वसूली का रैकेट चलाया करते थे। ऐसे में ईडी ने अनिल देशमुख के घर पर छापे मारी की है। यह देखकर शिव सेना से राज्यसभा सांसद  संजय राउत डर गए हैं और वे इस कानूनी प्रक्रिया के पीछे केंद्र सरकार की साजिश बता रहे हैं।

ईडी द्वारा इस जांच से रोज नए नए खुलासे होने से संजय राउत बौखला गए हैं। उन्होंने कहा कि, “जानबूझकर निशाना बनाने के लिये केंद्रीय एजेंसियों को दबाव में लाया जा रहा है। यह यहां सरकार न बना पाने की हताशा के चलते हो रहा है।” उन्होंने कहा कि यह संघीय ढांचे के लिये नुकसानदेह है। ऐसा लगता है कि संजय राउत इस जांच से डर गये हैं कि कहीं उनका नाम भी सामने न आ जाये। जिस तरह से सचिन वाझे, परमबीर सिंह, देशमुख समेत कईयों का नाम सामने आया है उससे डरना तो जायज़ है। यही कारण है कि अब केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव और बढ़ने की बात कर रहे हैं जिससे संघीय व्यवस्था कमजोर पड़ सकती है।

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बता दें कि 4.7 करोड़ रुपए की वसूली का मामला सामने आया है।  ईडी के डॉक्युमेंट्स से पता चलता है कि 60 बार मालिकों और प्रबंधकों ने दिसंबर, 2020 में गुड लक मनी के रूप में सचिन वाजे को 40 लाख रुपये का भुगतान किया था। इसके अलावा, मुंबई पुलिस कमिश्नरेट Zone-1 से Zone-7 के अधिकार क्षेत्र में आने वाले ऑर्केस्ट्रा बार की ओर से जनवरी और फरवरी, 2021 के दौरान सचिन वाझे को 1.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।

इसके साथ ही एक और खुलासे में पता चला है कि अनिल देशमुख के परिवार द्वारा चलाए जा रहे नागपुर स्थित चैरिटेबल ट्रस्ट श्री साईं शिक्षण संस्थान को दिल्ली स्थित शेल कंपनियों द्वारा दान के नाम पर 4.18 करोड़ रुपये मिले थे। ऐसे में ईडी को जांच करना स्वाभाविक है।

दरअसल, पूर्व मुंबई कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर वसूली के आरोप लगाए गए थे। उसी सिलसिले में सीबीआई और ईडी इस मामले की जांच कर रही है। जांच में अभी तक कई चौका देने वाले सच समाने है। जैसे कि- महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब का नाम सामने आया था।

आपको बता दें कि, सचिन वाझे के मामले में केंद्र सरकार का दूर दूर तक कोई हाथ नहीं है, क्योंकि मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोप लगाने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई जांच के रिपोर्ट के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले। जिसके बाद ईडी अनिल देशमुख को शनिवार को मुबई स्थित ईडी दफ्तर में जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा गया था।

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इससे स्पष्ट होता है कि, संजय राउत संघीय ढांचे का हवाला देकर जांच को रोकना चाहते हैं।  राउत को डर है कि कहीं जांच में उनका भी नाम सामने न आ जाए, इसलिए वे संघीय ढांचे का राग अलाप रहे हैं।

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