विधानसभा चुनाव में 2 साल बाकी है, अभी से कर्नाटका कांग्रेस सिद्धारमैया और शिवकुमार गुटों में विभाजित हो गई है

कहीं ये लड़ाई कांग्रेस को महंगी न पड़े!

कर्नाटका कांग्रेस गुट

The News Minute

कर्नाटका कांग्रेस में दो गुट आमने सामने

कांग्रेस की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही। पंजाब में अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तकरार के बाद अब कर्नाटका कांग्रेस में भी दो गुट आमने सामने हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटका कांग्रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के गुटों के बीच दरार आ गई है। कारण है वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनना। यानी चुनाव अभी दो वर्ष दूर हैं तभी कांग्रेस के इन दो दिग्गज नेताओं के बीच शीत युद्ध शुरू हो चुका है।

दरअसल, जब से कर्नाटका कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में डीके शिवकुमार का चुनाव हुआ है उसके बाद से ही पार्टी के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, इस पर एक लड़ाई छिड़ी हुई है। दोनों दिग्गज यानी डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के विधायक समर्थक और कैडर आपस में ही विभाजित हो गए हैं।

सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के गुट

सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के गुट से उठी सीएम चेहरे को लेकर आवाज के बाद कर्नाटका कांग्रेस प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने चेतावनी दी थी कि नेता केवल कर्नाटका में कांग्रेस की जीत की ओर काम करें ना कि गुट-बाजी की ओर। इस चेतावनी के बावजूद कांग्रेस नेता ज़मीर अहमद ने सिद्धारमैया को सीएम बनाने की वकालत करते हुए कहा है कि सिद्धारमैया ही राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे, क्योंकि जनता उन्हें ही मुख्यमंत्री देखना चाहती है न कि डीके शिवकुमार को। रिपोर्ट के अनुसार, अब डीके शिवकुमार पार्टी के शीर्ष नेताओं से मिलने और मुद्दों को संबोधित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे हैं।

तब भी जिस तरह से कर्नाटका कांग्रेस नेता खुलकर अपने अपने गुट के नेता की वकालत करते दिख रहे हैं उसे एक बात साफ है कि कर्नाटक में चुनाव भले ही 2 साल दूर हो, लेकिन कांग्रेस के भीतर गुट-बाजी अभी से दिखाई दे रही है।

दोनों गुट के बीच मतभेद खुलकर सामने आने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने सभी को मुख्यमंत्री पद के बजाय 2023 के कर्नाटका विधानसभा चुनाव पर ध्यान देने की सलाह दी है। बावजूद उसके समर्थक नेता अपने बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं।

दोनों खेमों में मतभेद तब खुलकर सामने आए जब पार्टी नेता ज़मीर अहमद ने रविवार को सिद्धारमैया को ‘कर्नाटका के भावी मुख्यमंत्री’ के रूप में संदर्भित किया। उन्होंने कहा, ”मैं यह नहीं कहना चाहता कि सिद्धारमैया पूर्व मुख्यमंत्री हैं। मैं कहना चाहता हूं कि वह भविष्य के मुख्यमंत्री हैं। लोगों की यही भावना है।”

विधायक ज़मीर अहमद खान के इस बयान का जवाब देते हुए, शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और सभी नेताओं को पार्टी के अनुशासन का पालन करने का निर्देश दिया गया है।

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हालाँकि, जहां दोनों खेमे अपने अपने नेता को चीफ मिनिस्टर के चेहरे के तौर आगे रख रहे हैं। विधान सभा चुनाव अभी 2 साल बाद 2023 में होने हैं और अभी से ही कांग्रेस के भीतर गुटबाजी दिखाई दे रही है। यह किसी भी स्थिति में कांग्रेस पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। इससे न सिर्फ पार्टी गर्त में जाएगी, बल्कि इससे कर्नाटका में कांग्रेस के अस्तित्व पर भी संकट आजायेगा। BJP पहले से और मजबूत स्थिति में है तथा राज्य में JDS कांग्रेस का स्थान लेने के लिए पूरी तरह से तैयार है। ऐसे में कांग्रेस का गृह युद्ध उसके  लिए प्लस पॉइंट साबित हो जायेगा। अब देखना यह है कि चुनाव से पूर्व कांग्रेस अपने घर में लगी इस आग को कैसे बुझाती है।

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