Google और घरेलू सोशल मीडिया कंपनी ‘कू’ ने नए सूचना प्रौद्योगिकी नियम की आवश्यकता के अनुसार अपनी first compliance reports प्रकाशित की है। इन दोनों ने नए Information Technology (IT) Rules 2021 (Guidelines for Intermediaries and Digital Media Ethics Code) के तहत अपनी पहली पारदर्शिता रिपोर्ट प्रकाशित की है।
रिपोर्ट के अनुसार, Google को भारत में इस साल अप्रैल में पर्सनल यूजर्स से स्थानीय कानूनों या पर्सनल अधिकारों के कथित उल्लंघन से संबंधित 27,762 से अधिक शिकायतें मिलीं और उसने 59,350 कंटेंट अपने प्लेटफार्म से हटाये। रिपोर्ट में कई ऐसे कम्यूनिकेशन लिंक या जानकारी का ब्यौरा भी दिया गया है, जिन्हें गूगल ने ऑटोमैटिक डिवाइस की मदद से हटा दिया है या पहुंच को डिसेबल कर दिया है।
Just in: Google received 27,762 complaints from individual users located in India in April, following which it removed over 59,000 content pieces, according to Google's first monthly compliance report. These reports are a key requirement under the new IT Rules. | @yuthikabhargava
— The Hindu (@the_hindu) June 30, 2021
नए आईटी नियमों के तहत महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों (SSMI) जैसे कि Google, फेसबुक, आदि को यह आवश्यक है, कि वह यूजर की शिकायतों पर की गई कार्रवाई का मासिक रिपोर्ट प्रकाशित करते रहें। नियमों को फरवरी 2021 में अधिसूचित किया गया था, और मई से लागू किया गया है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कंटेंट हटाने की संख्या में अन्य सरकारी अनुरोधों की संख्या शामिल नहीं है। मौजूदा रिपोर्ट में 25 मई, 2021 के बाद प्राप्त automated detection, impersonation से सम्बंधित डाटा तथा graphic sexual content के खिलाफ शिकायतों के परिणामस्वरूप हटाया गया डाटा शामिल नहीं है। इसे भविष्य की रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।
कुल शिकायतों में से 26707 (96.2%) अकेले कॉपीराइट उल्लंघन से जुड़ी थीं। वहीं 357 शिकायतें ट्रेडमार्क, 275 मानहानि को लेकर दर्ज हुई। अन्य कानूनी अनुरोध 1 प्रतिशत (272) थे और धोखाधड़ी की शिकायतें कुल संख्या में से 0.1 प्रतिशत (37) थी। कंटेंट “हटाने की कार्रवाई” की संख्या उन कंटेंट की संख्या दर्शाती है जिन्हें एक विशिष्ट शिकायत के परिणामस्वरूप एक महीने की रिपोर्टिंग के दौरान हटाया या प्रतिबंधित किया गया था। Google का कहना है कि वे सभी शिकायतों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करते हैं। वहीँ पीले रंग की ट्विटर जैसी दिखने वाली भारतीय कंपनी Koo ने कहा है कि, “रिपोर्ट जमा करने के बाद Koo ऐसा करने वाला पहला भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है।”
जून महीने की इसकी रिपोर्ट से पता चलता है कि लोगों द्वारा रिपोर्ट किए गए 5,502 Koo में से 1,253 को हटा दिया गया था, जबकि अन्य 4,249 के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। बेंगलुरु स्थित कंपनी ने यह भी कहा कि आगे जाकर वह हर महीने के पहले दिन रिपोर्ट प्रकाशित करेगी। वहीँ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो फेसबुक 2 से 15 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपेगा।
नए सूचना प्रौद्योगिकी नियम, जो इस साल मई में लागू हुए, फेसबुक और ट्विटर जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अधिक से अधिक सावधानी बरतने तथा इन डिजिटल प्लेटफार्मों को उनके द्वारा होस्ट की गई सामग्री के लिए अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार बनने के लिए अनिवार्य करते हैं। नियमों के अंतर्गत इन प्लेटफार्मों को एक grievance officer, एक nodal officer और एक chief compliance officer नियुक्त करने की भी आवश्यकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन कर्मियों को भारतीय निवासी होना चाहिए।
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हालाँकि, लगभग सभी बड़ी कम्पनियाँ तो नए सूचना प्रौद्योगिकी नियम और गाइडलाइन्स को मानाने के लिए तैयार हो चुकी है परन्तु ट्विटर अब भी अपनी मनमानी करने पर तुला हुआ है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर, देश के नए आईटी नियमों का पालन करने में विफल रहा है जिसके कारण कई बार उसे नोटिस भेजा जा चुका है। यही नहीं ट्विटर भारत में एक मध्यस्थ के रूप में अपनी कानूनी ढाल खो चुका है, और किसी भी गैरकानूनी कंटेंट के लिए उत्तरदायी हो गया है। इसका अर्थ यह है कि, अब किसी भी गैर क़ानूनी कंटेंट के लिए उसे कोर्ट में घसीटा जा सकता है। अब यह देखना है कि, ट्विटर के खिलाफ कब और बड़ा एक्शन लिया जाता है जिससे वह नए नियमों को मानने के लिए तैयार हो जाए।