पश्चिम बंगाल से जिस तरह से वैक्सीनेशन को लेकर खबरें सामने आ रही हैं वो ये ये सोचने पर मजबूर कर रही हैं कि बंगाल में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन का काम चल रहा है या कोई बड़ा मजाक किया जा रहा है। अभी कुछ दिन ही बीते हैं कोलकाता के फर्जी वैक्सीनेशन कांड के सामने आये हुए अभी कुछ ही दिन बीते थे कि अब आसनसोल की पूर्व डिप्टी मेयर तबस्सुम आरा ने लोगों की जान को खतरे में डालने की गलती कर दी है। उन्हें इंजेक्शन लगाने का न जाने क्या शौक चढ़ा कि वो खुद ही लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाने लगीं, जबकि उनके पास इसका कोई अनुभव भी नही हैं और न डिग्री, वास्तव में ये खतरे से खेलने जैसा है।
कोलकाता में राज्य की मुख्यमंत्री वैक्सीनेशन को लेकर कितनी अधिक लापरवाह है ये बात तो इसी तथ्य से पता चलती है कि मुख्यमंत्री ने अब तक खुद ही कोरोना से बचाव वाली वैक्सीन नहीं लगवाई है। इतना ही नहीं राज्य से आए दिन वैक्सीनेशन में लापरवाही से संबंधित खबरें आती रहती हैं। ताजा मामले की बात करें तो आसनसोल की पूर्व डिप्टी मेयर तबस्सुम आरा ने लोगों की जान से खेलते हुए शौक-शौक में खुद ही लोगों को कोरोना का इंजेक्शन लगाना शुरु कर दिया, जिसके बाद उन पर बीजेपी की तरफ से ताबड़ तोड़ हमले किए जाने लगे।
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इस मुद्दे पर बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे के उपाध्यक्ष जिशान कुरैशी ने पूर्व उपमेयर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है और उन पर लोगों की जान को खतरे में डालने का आरोप लगाया है। वहीं बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो ने भी तबस्सुम आरा को निशाने पर लेते हुए उन पर राजनीतिक संरक्षण होने के चलते कार्रवाई न होने की बात तक कह दी। सुप्रियों ने यहां तक कह दिया है कि ममता का अपने प्रशासन पर कोई कंट्रोल ही नहीं रहा है, जिसके चलते पूर्व उप मेयर खुले आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए बिना किसी प्रशिक्षण के वैक्सीन लगा रही हैं।
THREAD: #TMC’s member of the administrative body of Asansol Civic Administration, Tabassum Ara vaccinating a person in the municipality camp in the presence of health workers. pic.twitter.com/FAg6bCoVML
— Sreyashi Dey (@SreyashiDey) July 3, 2021
Seems like TMC govt has no control over its administrators.TMC's Tabassum Ara, a member of the administrative body of AMC, has vaccinated people herself and risked hundreds of lives…Will her political colour shield her from stern punishment?@MamataOfficial pic.twitter.com/EaF3EsK9Bw
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) July 3, 2021
इस मामले में तबस्सुम आरा का कहना है कि उनके पास नर्सिंग का अनुभव है और वो केवल वैक्सीनेशन के प्रति एक जागरुकता अभियान चला रही थीं। जबकि हकीकत ये है कि टीएमसी की नेत्री के पास स्कूल का नर्सिंग सर्टिफिकेट है उस एक मामूली सर्टिफिकेट के दम पर वो लोगों की जान से खिलवाड़ करते हुए खुद ही उन्हें वैक्सीन के इंजेक्शन लगा रही हैं जो दिखाता है कि बंगाल में वैक्सीनेशन मुद्दे पर मजाक चल रहा है जो कि वैश्विक महामारी के इस दौर में बर्दाशत से बाहर की स्थिति है।
इससे पहले भी TFI आपको बता चुका है कि कैसे देबांजन नाम का एक शख्स कोलकाता में तीन फर्जी वैक्सीनेशन कैंप केवल खुद को आईएएस अधिकारी बताकर चला चुका है। इस शख्स की टीएमसी के कई नेताओं के साथ तस्वीरें भी वायरल हुईं जो इस बात का शक भी पैदा करती हैं कि कहीं ये कांड टीएमसी नेताओं की शह पर तो नहीं हुआ। इस मामले का भंडाफोड़ भी तब हुआ टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती को भी ये फर्जी वैक्सीन लगा दी गई। उस फर्जी वैक्सीनेशन कैंप के बाद टीएमसी नेता के खुद इंजेक्शन लगाने वाले प्रकरण ने साबित कर दिया है कि बंगाल में वैक्सीनेशन के नाम पर लगातार मजाक किया जा रहा है जो कि जिंदगियों पर भारी पड़ सकता है।