सरेआम फेक न्यूज फैलाओ और जब पकड़े जाओ तो चुपके से माफी मांग के मामले से किनारा कर लो, सोशल मीडिया पर आजकल वामपंथियों की नीयत भी कुछ ऐसी ही हैं और कुछ ऐसा ही हो रहा है लोनी मामले में भी। ALT News के कथित पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर गाजियाबाद के लोनी में ताबीज बेचने वाले अल्पसंख्यक बुजुर्ग के साथ हुई मारपीट और दाढ़ी काटने वाले कांड को न केवल सांप्रदायिक रंग दिया, बल्कि धड़ल्ले से फेक न्यूज भी फैलाई। वहीं इस मामले में यूपी पुलिस की कार्रवाई और जांच को कारण इन सभी कथित वामपंथी पत्रकारों को माफी मांगने पर मजबूर होना पड़ा है। मोहम्मद जुबैर और सबा नकवी के बाद अब राणा अय्यूब ने भी लोनी पुलिस कोतवाली जाकर माफी मांगी है और स्वीकार किया है कि उन्होंने बिना सत्यता के ट्वीट किए थे।
दरअसल, गाजियाबाद के लोनी में ताबीज बेचने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के एक बुजुर्ग के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी और ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इस वीडियो के जरिए वामपंथी मीडिया समूहों ने ये दिखाने की कोशिश की कि बुजुर्ग को ‘जय श्री राम’ न बोलने के कारण मारा गया और उनकी दाढ़ी काटी गई। वामपंथियों का अब वही एजेंडा पूरी तरह एक्सपोज हो गया है। फेक न्यूज फैलाने के लिए ALT News के फैक्ट चैकर मोहम्मद जुबैर ने तो पहले ही पुलिस से माफी मांग ली थी और कई दिनों से Twitter से गायब भी थे। वहीं अब राणा अय्यूब को भी इस मामले में पुलिस थाने जाकर सफाई देने (माफी) के लिए मजबूर होना पड़ा है।
Reportedly Alleged Journalist Rana Ayyub has Confessed to UP Police that She Tweeted Without Verifing Facts in Loni Fake News Case
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) July 3, 2021
शुक्रवार को लोनी के पुलिस स्टेशन पहुंची राणा अय्यूब ने स्वीकार किया है कि उन्होंने बिना वीडियो की सत्यता जांच किए ट्वीट कर दिया था। अपनी सफाई देने के साथ फेक न्यूज फैलाने के मुद्दे पर राणा अय्यूब ने गलती मान ली है। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा वीडियों के जरिए सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की नहीं थी और उन्होंने तो वो वीडियो माडिया रिपोर्ट्स देखने के बाद शेयर किए थे। माडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पुलिस ने राणा अय्यूब से करीब दो घंटे तक पूछताछ की थी।
A prominent Indian Journalist @RanaAyyub who writes for @TIME @nytimes @guardian @FP @NewYorker –
accepted in her written statement that she shared a news without verifying facts.. pic.twitter.com/QH9SIXrdHD— Rishi Bagree (@rishibagree) July 3, 2021
गौरतलब है कि दाढ़ी काटने वाले इसी मामले में गाजियाबाद पुलिस थाने में ही पत्रकार सबा नकवी और मोहम्मद जुबैर से भी पूछताछ की गई थी। इन दोनों ने ही पुलिस से अपने भड़काऊ ट्वीट के लिए माफी मांगते हुए कहा था कि उन्होंने अपने ट्वीट डिलीट कर लिए हैं। साफ है गाजियाबाद के बुजुर्ग के दाढ़ी काटने के कांड को गलत तरीके से पेश किया गया और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई।
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इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए जुबैर, राणा अय्यूब, सबा नकवी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। वहीं इस मामले में पुलिस की जांच में ये भी सामने आया कि बुजुर्ग के साथ ही वारदात के पीछे का कारण ताबीज से संबंधित था। पुलिस की सक्रियता के कारण न केवल सांप्रदायिक रंग देने वालों की कोशिशें नाकाम हुईं, बल्कि अब जुबैर, सबा के बाद राणा अय्यूब ने अपने झूठे दावों के लिए माफी मांग ली है।