जिसका डर था, वही हो रहा है। कृषि विरोध के नाम पर खालिस्तानी तत्वों ने पंजाब में फिर से सर उठाना शुरू कर दिया है। पंजाब के गुरदासपुर में एक सैनिक दीपक सिंह को झूठे आरोपों पर गुरद्वारा में इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया, लेकिन इस कायराना हरकत की निंदा करना तो छोड़िए, उलटे कुछ खालिस्तानी तो अब आरोपियों को ही बचाने पर तुले हुए हैं।
लेकिन ये सैनिक था कौन? उसकी हत्या क्यों हुई? अमर उजाला के रिपोर्ट के अनुसार, सैनिक दीपक सिंह नामक सैनिक अरुणाचल प्रदेश में तैनात था। वह छह महीने बाद पठानकोट लौटने वाला था। अमृतसर एयरपोर्ट से वह बस के रास्ते पठानकोट जा रहा था, लेकिन वह गलत रास्ते पर उतर गया।
मृतक के पिता ओंकार सिंह के अनुसार, “सैनिक दीपक सिंह भारतीय सेना के GREF में तैनात था। उसकी अरुणाचल प्रदेश में पोस्टिंग थी। छह महीने बाद घर आना था। सैनिक दीपक सिंह अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा और वहां से बस में बैठकर पठानकोट आ रहा था। गलती से वह काहनूवान चौक में उतर गया। देर रात 11 बजे दीपक सिंह को प्यास लगी तो वह गुरुद्वारा कुल्लियां वाला में पानी पीने चला गया। इसी दौरान कुछ लोगों ने दीपक सिंह को घेर लिया और चोर बताकर पिटाई कर दी। पुलिस ने किसी तरह उसे लोगों से छुड़वाया और अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन वहां दीपक सिंह ने दम तोड़ दिया”।
ओंकार ने आगे बताया कि रात को जब उनकी फोन पर बेटे से बात हुई तो उसने बताया था कि कुछ लोग उसे चोर समझकर उसकी पिटाई कर रहे हैं। इसी दौरान उसका फोन कट गया और फिर स्विच ऑफ हो गया। उसके पास काफी सामान था, लेकिन उन्हें कोई सामान नहीं मिला, मोबाइल भी गायब है।
प्रारंभ में कोई कार्रवाई न होने पर गुस्साए परिवार और गांववासियों ने सैनिक दीपक सिंह के शव को गांव सरमो लाहड़ी से गुजरने वाले पठानकोट-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रखकर चार घंटे धरना दिया। भोआ के विधायक जोगिंदर पाल भी उनके साथ धरने पर बैठे। पठानकोट पुलिस के मनाने के बावजूद गांववासी नहीं माने। इसके बाद गुरदासपुर पुलिस को मौके पर बुलाया। पुलिस ने गांववासियों और परिवार के दबाव के बाद दो आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज किया, तब कहीं जाकर लोगों ने धरना खत्म किया और ट्रैफिक बहाल हुआ। उक्त मामले में फिलहाल के लिए गुरजीत सिंह और दलजीत सिंह पर मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीमें गठित की हैं। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
लेकिन बात यहीं पर खत्म नहीं हुई। अब आरोपियों के बचाव में दीप सिद्धू सहित कई खालिस्तानियों के पोस्ट सामने आए हैं। विश्वास नहीं होता तो इन स्क्रीनशॉट्स को देखिए –
यहाँ पर सैनिक दीपक सिंह पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उसने कथित तौर पर पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का ‘अपमान’ किया है। ये न सिर्फ सफेद झूठ है, बल्कि ये एक पुराना दांव है, जिसके दम पर खालिस्तानी प्रारंभ में भी झूठी अफवाहें फैलाकर पंजाबी हिंदुओं को सताया करते थे और सांप्रदायिक तनाव फैलाते थे। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस शासित पंजाब में एक बार फिर खालिस्तानी तत्व अपना सिर उठाने लगे हैं, जो असामाजिक तत्वों के विरुद्ध चूँ तक नहीं कर पाते, परंतु निरीह, निर्दोष जनता पर अपना बल दिखाने से पहले एक बार भी नहीं हिचकते।