हिन्दू छात्रों पर “हलाल मीट” थोपने वाले Welham Boys School के टेंडर पर रोक लगवाई बंजरग दल ने

हलाल उत्पाद

PC: Swarajya

इन दिनों हलाल माँस या हलाल उत्पाद जबरदस्ती गैर मुसलमानों को परोसना या देना मानो देश में या दुनिया भर में फैशन बन चुका है। ये इतना स्वाभाविक है कि लोग इसे अस्वाभाविक भी नहीं मानते, लेकिन कुछ लोग इसे अभी भी नहीं स्वीकारते। हाल ही में बजरंग दल ने एक स्कूल को जबरदस्ती हलाल माँस / उत्पाद परोसने से रोकने पर विवश किया है।

उत्तराखंड में Welham Boys School एक बेहद प्रसिद्ध विद्यालय है, जहां देश के कोने कोने से कई एलीट वर्ग के विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। इसी विद्यार्थी की वेबसाइट ने हाल ही में एक ऑनलाइन टेंडर निकाला था, जिसके जरिए माँस और पोल्ट्री उत्पादों के लिए बोली लगाई गई थी। लेकिन इस ऑनलाइन बोली में जिस प्रकार के माँस की बात की गई, वो हलाल माँस था।

ये जानते हुए भी कि अधिकतर विद्यार्थी गैर मुस्लिम है, हलाल माँस / उत्पाद की ही मांग की गई। जब बजरंग दल के अनुरोध पर भी Welham Boys School ने हलाल के साथ साथ झटका मीट का टेंडर नहीं लगवाया, तो नाराज होकर बजरंग दल ने स्कूल के बाहर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन भी किये।

विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने भी ट्वीट किया, “देहरादून के Welham Boys School में, जहां 90 प्रतिशत हिन्दू बच्चे पढ़ते हैं, हलाल मीट के लिए निविदाएं मांगी हैं, जो बलात थोपने वाला अपराध है। Welham School अपनी निविदा वापिस ले और हिंदुओं से माफी मांगें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार हो जाए!” 

इसी दौरान न्यूज 18 की स्कूल के उपप्रधानचार्य महेश खंडपाल से बातचीत हुई, जिन्होंने बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं है, और स्कूल के मेस में हलाल और झटका माँस दोनों तैयार होता है। जल्द ही झटका मीट के लिए भी टेंडर जारी किया जाएगा। हालांकि ये कितने दिनों में जारी होगा, ये स्वयं उपप्रधानचार्य ही बेहतर जाते हैं।

हलाल माँस / उत्पाद जबरदस्ती लोगों को परोसना कोई अच्छी बात नहीं है, और इस पर बजरंग दल की सजगता एक सार्थक प्रयास है। इसके साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कहीं भी हलाल और झटका की लड़ाई में हलाल माँस या उत्पाद का प्रभाव भारी न पड़ने पाए।

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