विधानसभा चुनाव से पहले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जीतकर योगी ने यूपी में बढ़त बना ली है

अखिलेश यादव और दूसरी पार्टियां यूपी में पिछड़ गई हैं ?

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव

भारतीय जनता पार्टी को चुनाव जीतने की मशीन यूं ही नहीं कहा जाता है। जिन राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें बीजेपी का संगठन सक्रिय हो गया है। बीजेपी ने बूथ स्तर तक की ईकाईयों को काम पर लगा दिया है। 2022, चुनावों भरा वर्ष होने जा रहा है। 2022 में कई दूसरे राज्यों के साथ ही उत्तर-प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। यूपी के चुनावों की चर्चाएं अभी से जोर पकड़ने लगी हैं। ज़िला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव में मिली बंपर बढ़त ने भाजपा के हौसले बुलंद कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश में इन 6 महीने के अंतराल में बहुत कुछ घटित हुआ पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और उसके चलते क्षेत्रीय दलों और राष्ट्रीय दलों की तनातनी किसी से छुपी नहीं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेश संगठन के एक लक्ष्य के साथ 4 चरणों में अप्रैल माह में संपन्न हुए जिला पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य, बीडीसी के चुनावों में अपना सफल प्रदर्शन किया। इसके बाद बारी आई जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की जिसमें भाजपा ने निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा 75 में से 67 सीटें अपने नाम कीं।

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ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए। कुल 825 सीटों में से 648 सीटें बीजेपी ने हासिल की। 648 में से 334 ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध चुने गए। इन नतीजों से ये बिल्कुल साफ हो गया कि उत्तर-प्रदेश की सियासी बयार किस तरफ बह रही है और इसको कोई भी पार्टी हल्के में नहीं ले रही है।

इसके पीछे वजह ये है कि यूपी विधानसभा चुनाव में अब 8 महीने से भी कम का वक्त बचा है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तरह से इन नतीजों को देख रहे हैं। अच्छे नतीजों के बाद बीजेपी का उत्साह और ज्यादा बढ़ गया है।

भारतीय जनता पार्टी, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नतीजों को सेमीफाइनल मानते हुए फाइनल यानी कि विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। ऐसे में ये तो एक दम साफ है कि बीजेपी ने विधानसभा चुनावों से पहले की दो परीक्षाओं को बड़े अंकों के साथ पास कर लिया है। समाजवादी पार्टी समेत दूसरी पार्टियां इसमें साफ तौर पर पिछड़ गई हैं।

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