कोलकाता HC ने पुलिस को दिये साफ निर्देश, हिंसा में लिप्त TMC नेताओं पर FIR करें दर्ज

South Kolkata के DCP को भेजा गया “कोर्ट की अवमानना” का नोटिस, मारे गए BJP कार्यकर्ता अभिजीत सरकार का भी दोबारा होगा पोस्टमोर्टम

कलकत्ता हाई कोर्ट राजनीतिक हिंसा

ममता के हिंसात्मक रवैये को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट सबसे आगे खड़ा दिखाई दे रहा है। 18 जून को हाई कोर्ट ने National Human Rights Commission यानि NHRC को चुनाव के बाद हुई राजनीतिक हिंसा की जांच करने का निर्देश दिया था। अब NHRC की रिपोर्ट सामने आने के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने रिपोर्ट के आधार पर पुलिस को केस दर्ज करने के लिए कहा है, जिसका अर्थ है कि TMC नेताओं और गुंडों की शामत आने वाली है।

इसके साथ ही कोर्ट की ओर से NHRC के काम-काज में बाधा उत्पन्न होने से रोकने में नाकाम रहने के कारण दक्षिण कोलकाता के DCP राशिद मुनीर खान के खिलाफ “कोर्ट की अवमानना” के तहत नोटिस भी भेजा गया है। बता दें कि जब NHRC की टीम जादवपुर जांच करने के लिए पहुंची थी, तो TMC से जुड़े लोगों ने टीम के काम में बाधा उत्पन्न करने की भरपूर कोशिश की थी। NHRC के अधिकारियों ने बताया था “हम जादवपुर पहुंचे तो हम पर गुंडों ने हमला किया। यहाँ राजनीतिक हिंसा में करीब 40 घरों को जलाया गया है।” इसके साथ ही कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से राजनीतिक हिंसा से पीड़ित कई जिलों के जिलाधिकारियों को भी नोटिस भेजे गए हैं।

कोर्ट ने पीड़ित भाजपा कार्यकर्ताओं के पक्ष में भी एक बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने मारे गए BJP कार्यकर्ता अभिजीत सरकार का दोबारा पोस्टमोर्टम करने का निर्देश दे दिया है। प्रियंका टिबरेवाल ने अभिजीत सरकार का दोबारा पोस्टमोर्टम करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी, और उनके लिए वकील हरीश साल्वे कोर्ट में उनका प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने राजनीतिक हिंसा में घायल हुए सभी कार्यकर्ताओं के इलाज का खर्च भी सरकार द्वारा उठाए जाने का निर्देश दिया है। कोर्ट के अनुसार “जो भी लोग चुनाव के बाद हुई हिंसा में घायल हुए हैं, उनके इलाज के लिए सरकार द्वारा व्यवस्था की जानी चाहिए और उनके घर पर राशन की सप्लाई की जानी चाहिए फिर चाहे उनका राशन कार्ड ही क्यों न खो गया हो।”

कोर्ट ने सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि सरकार द्वारा हिंसा से जुड़े सभी दस्तावेजों को सुरक्षित संभाल कर रखा जाना चाहिए।

ज़ाहिर है कि अब कलकत्ता हाई कोर्ट ने राजनितिक हिंसा में मारे गए BJP कार्यकर्ताओं को उनका न्याय दिलाने के लिए कमर कस ली है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने हेतु सुनवाई शुरू हो चुकी है और उम्मीद है कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट से भी बंगाल सरकार के लिए बड़ा झटका देखने को मिल सकता है।

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