किसी दुश्मन के मन में बौखलाहट पैदा करनी है तो उसकी सबसे कमजोर नब्ज पर तीखा प्रहार करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ कुछ ऐसा ही किया है। भारत में तिब्बत के शरणार्थी और धार्मिक गुरु दलाई लामा को पीएम मोदी ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पहली बार जन्मदिन की बधाई दी थी, जिसके बाद चीन अपने मुखपत्र के जरिए बौखलाहट जाहिर कर रहा था। अब चीन ने भारत को डराने के लिए PLA सैनिकों को लद्दाख में सिंधु नदी के पास चीनी झंडे के साथ खड़ा कर दिया है।
इस दौरान कुछ चीनी नागरिक भी दिखाई दिए हैं। ये कदम संकेत है कि पीएम मोदी का ऐतिहासिक कदम चीन के लिए गले की हड्डी बनने वाला है।
तिब्बत से आकर भारत में शरणार्थी के तौर पर रह रहे धर्मगुरु दलाई लामा के प्रति चीन को विशेष नफ़रत है क्योंकि वो चीन के काले कारनामे दुनिया के सामने रखते रहे हैं। ऐसे में उनके जन्मदिन पर भारत में और विशेषकर लद्दाख में मना जश्न चीन को रास नहीं आ रहा है।
ख़बरों के मुताबिक लद्दाख के देमचुक क्षेत्र में सिंधु नदी के पास चीनी सैनिकों ने अपने आकाओं के इशारों पर चीनी झंडे दिखाकर भारत को गीदड़-भभकी देने की कोशिश की है। करीब 5 गाड़ियों में आए चीनी सैनिकों ने सिंधु नदी के पास चीनी झंडे लहराए। खास बात ये है कि इस दौरान उनके साथ कुछ चीनी नागरिक भी थे।
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पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच बड़ा टकराव जारी है। ऐसे में चीनी सैनिकों का ये कारनामा उकसावे का प्रतीक है। दिलचस्प बात ये है कि उन सैनिकों ने जिस जगह पर झंडे लहराए ये वही जगह थी; जहां पर दलाई लामा के जन्मदिन के मौके पर जश्न मनाया गया था। चीनी सैनिकों और प्रशासन के लिए आक्रोश का विषय ये भी था कि पीएम मोदी ने पहली बार एतिहासिक कदम उठाते हुए दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई देते हुए ट्वीट किया था।
Spoke on phone to His Holiness the @DalaiLama to convey greetings on his 86th birthday. We wish him a long and healthy life.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2021
पीएम मोदी द्वारा जन्मदिन की बधाई के बाद तिब्बती सासंदों ने इसे भारत का तिब्बत के प्रति सकारात्मक कदम बताया था। वहीं चीन ने अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के जरिए भारत के इस क़दम के प्रति अपनी नफ़रत जाहिर की थी।
पीएम मोदी के इस क़दम को ग्लोबल टाइम्स ने एक गलत तरकीब बताते हुए कहा था कि इससे भारत को कुछ खास हासिल होने वाला नहीं है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख के शीर्षक में लिखा, “दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई, चीन को नीचा दिखाने का एक बेकार प्रयास।” चीनी मुखपत्र ने अपने इस लेख के जरिए भारत के प्रति नफ़रत जाहिर की है।
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ग्लोबल टाइम्स के इस लेख में ये तक कहा गया है कि अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया सभी ने चीन के आगे घुटने टेक दिए हैं, इसलिए भारत को भी अब चीन के ख़िलाफ़ ज्यादा प्रयास नहीं करना चाहिए। साफ है कि चीन पीएम मोदी के एक कदम से बौखला गया है और भारत को गीदड़-भभकियां देने की कोशिशें कर रहा है।
उसी कड़ी में 6 जुलाई को सिंधु नदी में चीनी झंडे लहराने का एजेंडा भी शामिल है। पीएम मोदी का दलाई लामा को बधाई देना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये कदम जाहिर कर रहा है कि अब पीएम मोदी तिब्बत संबंधी कूटनीति में भी बड़े बदलाव कर सकते हैं। पीएम मोदी का ये रुख वैश्विक राजनीति में चीन के लिए खतरा बन सकता है।
तिब्बत और दलाई लामा चीन की सबसे कमजोर कड़ी बन गए हैं और पीएम मोदी ने इसी कमजोर कड़ी को जोर से दबा दिया है। इससे बिलबिलाकर चीन ने पहले ग्लोबल टाइम्स में लेख लिखा और उसके बाद अब सिंधु नदी पर हलचल की कोशिशें हो रही हैं, जिसका भारत पर कुछ खास असर नहीं होने वाला है।