कांग्रेस की सोशल मीडिया रणनीतिकार गुंजीत कौर ने बताया कि आखिर क्यों कांग्रेस BJP को नहीं हरा सकती?

कांग्रेस की PR एजेंसी ने खोली उसी की पोल!

गुंजीत कौर

कहते हैं, किसी भी वस्तु या व्यक्ति का उपयोग करने से पहले उसे एक बार जांच परखकर अवश्य देखना चाहिए, लेकिन मोदी विरोध में कांग्रेस इतनी अंधी हो चुकी है कि वह अपने PR एजेंसी तक की जांच पड़ताल नहीं करती। हाल ही में उसके PR एजेंसी के एक कर्मचारी से जुड़ी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जहां पर वह महिला गुंजीत कौर कांग्रेस की ही धज्जियां उड़ाती नजर आ रही है।

कांग्रेस ने हाल ही में Design boxed नामक एक कंपनी को अपने सोशल मीडिया अभियानों के लिए नियुक्त किया, लेकिन इसकी निदेशक गुंजीत कौर की एक वीडियो वायरल हुई है, जिसमें वह कहती है कि कांग्रेस भाजपा से कभी जीत नहीं सकती, क्योंकि वह भाजपा की भांति जमीन से नहीं जुड़ी है।

गुंजीत कौर के अनुसार, “आपको कांग्रेस कार्यालय से कभी कॉल नहीं आती है, आपके बारे में पूछा नहीं जाता, आपका हालचाल नहीं लिया जाता… जैसा कि भाजपा में होता है। ऐसे में आप बीजेपी को हराने की कल्पना कैसे कर सकते हैं? कांग्रेस भाजपा को तब तक नहीं हरा सकती जब तक वे जाग नहीं जाते और जमीन से जुड़ नहीं जाते। वे भाजपा के खिलाफ पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। कांग्रेस के पास बुनियादी आँकड़ों की कमी है। उनके पास अपने वार्ड में लोगों की संख्या जितनी बुनियादी चीजें नहीं है।”

लेकिन गुंजीत कौर वहीं पे नहीं रुकती। वे आगे बताती है, “भाजपा के पास हर हफ्ते के अनुसार आकलन और लोगों से जुड़ाव के लिए एक निश्चित ब्लूप्रिंट है। वे नियमित रूप से वॉर्ड स्तर पर मतदाताओं से जुड़ने के लिए कॉल करते हैं। कांग्रेस करती है क्या? एक्सेल शीट भी है उनके पास?”

कांग्रेस के PR एजेंसी ने आखिरकार कोई नई बात तो नहीं बोली है। जिस कारण से आज कांग्रेस जनता के बीच उपहास का विषय बनी हुई है, वही बात गुंजीत कौर ने स्पष्ट तौर पर कही है। इसी कारण से हिमन्ता बिस्वा सरमा जैसे योग्य नेताओं को पार्टी त्यागने पर विवश होना पड़ा था। इसी कारण से लगातार दो बार कांग्रेस को लोकसभा से बाहर का रास्ता दिखाया गया था।

ज़ाहिर सी बात है, इस वीडियो के बाहर आने पर कांग्रेस की बेइज्जती होनी तो स्वाभाविक भी थी, लेकिन इससे भी पार्टी कोई सीख ले, इसकी उम्मीद तो बहुत ही कम है। यदि पार्टी को कोई सीख लेनी ही होती, तो हिमन्ता के पार्टी छोड़ने के बाद ही कांग्रेस में व्यापक बदलाव शुरू हो जाते। पर ऐसा हुआ क्या?

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