Euro finals 2020: इंग्लैंड के Fans ने आगजनी, धक्का मुक्की से लेकर निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन तक किया

अंग्रेज़ो की करामात शर्मनाक है!

इंग्लैड की राजधानी

12 अगस्त 1948, स्थान Wembley Stadium (वेम्बली स्टेडियम),  अवसर था लंदन ओलंपिक का फाइनल। हॉकी के टूर्नामेंट के अंतिम मुकाबले में भारत और मेजबान ब्रिटेन आमने-सामने थे। अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भारत ने अंग्रेजों को उन्हीं के घर में 4-0 से धोया। स्वतंत्र भारत ने पहली बार ओलंपिक स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।  भारत के खेल ने अंग्रेजों को ऐसा मंत्रमुग्ध किया, कि उन्होंने अपने टीम का समर्थन छोड़कर भारतीयों का हौसला बढ़ाना शुरू कर दिया। लेकिन वो एक अलग दौर था,  और एक आज का दौर है। कल रात Wembley Stadium में ही एक तगड़े मुकाबले के बाद इटली ने यूएएफई यूरो कप 2020 फुटबॉल चैंपियनशिप फाइनल में पेनाल्टी शूटआउट के दौरान मेजबान इंग्लैंड को 3-2 से हरा दिया।

इसी दौरान दौरान प्रशंसकों और अधिकारियों के बीच झड़प हुई। अब तक इस मामले को लेकर पुलिस ने 45 लोगों को हिरासत में लिया है। इससे एक बात स्पष्ट हुई कि जिस इंग्लैंड के प्रशंसक, अपनी खेल भावना पर फूले नहीं समाते थे वो ऐसे व्यवहार कर रहे थे, मानो इनसे असभ्य और इनसे बर्बर व्यक्ति दुनिया में कोई नहीं होगा। विश्वास नहीं होता तो इस वीडियो को ही देख लीजिए।

https://twitter.com/ActuallyZie/status/1414467648029593601?s=20

यह वीडियो ही इस बात का प्रमाण है कि इंग्लैंड के लोग सिर्फ बातों के शेर हैं। असल में उनके मापदंड शुरू से ही दोहरे रहे हैं। वे अपने आप को सभ्यता और संस्कृति के ध्वजवाहक कहते हैं। उनके अनुसार जो कोई भी उनकी संस्कृति के अनुसार नहीं चलता है, वो असभ्य है, निकृष्ट है। इसी धारणा के आधार पर अंग्रेजों के नेतृत्व में यूरोप के अधिकतम देशों ने 16 वीं – 19 वीं शताब्दी तक साम्राज्यवाद का सबसे घिनौना खेल खेला था।

अब इसका यूरो कप फाइनल से क्या संबंध है? इंग्लैंड की फुटबाल टीम आम तौर पर किसी भी टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन के लिए नहीं जानी जाती है। आखिरी बार उन्होंने कोई बड़ा टूर्नामेंट 1966 में जीता था, जब उन्होंने फुटबॉल विश्व कप अपने नाम किया था। परंतु 2018 में जब उन्होंने फीफा विश्व कप के सेमीफाइनल में पुनः कदम रखा, तो उनके प्रदर्शन में काफी सुधार आया, और लोगों की उम्मीद बढ़ने लगी। यूरो कप के फाइनल में जब इंग्लैंड ने कदम रखा, तो ‘Its Coming Home’ सोशल मीडिया पर ज़ोरों शोरों से गूंजने लगे।

यूरो कप 2020 फाइनल में इंग्लैंड और इटली के 1-1 पर बराबर रहने के बाद अतिरिक्त समय में भी कोई परिणाम न निकलने पर पेनाल्टी शूट लिया गया, जिसमें इटली ने इंग्लैंड को 3-2 से हराकर चैंपियनशिप अपने नाम कर ली। बस फिर क्या था, इंग्लैंड के मैच हारते ही सारा शिष्टाचार, सारी सभ्यता की धज्जियां उड़ा दी गईं। उदाहरण के लिए इन चित्रों और वीडियो को देखिए।

जितना उधम इंग्लैंड के प्रशंसकों ने अपने ही शहर में यूरो कप का फाइनल हारने पर मचाया, उसे अगर ये लोग सभ्य मानते हैं तो इनको आईना देखने की आवश्यकता है। कई-कई जगह गंदगी का भंडार था ।

इसके चलते ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन तक को इन प्रशंसकों की निन्दा करते हुए ट्वीट करना पड़ा, “इस इंग्लैंड की टीम का स्वागत हीरो के तौर पर करना चाहिए। इनका नस्लीय भेदभाव नहीं करना चाहिए। जो ऐसा कर रहे हैं, उन्हें अपने आप पर शर्म आनी चाहिए”।

इतना ही नहीं, कुछ अंग्रेजी प्रशंसक शिल्पकार Michelangelo के प्रसिद्ध मूर्ति डेविड की सजीव नकल उतारने लगे, यानि, वे अपनी टीम की हार के विरोध में सीधे निर्वस्त्र होने लगे, और लोगों के सामने अश्लील इशारे करने लगे! अब इससे भी घटिया कुछ हो सकता है क्या?

लेकिन असल में इंग्लैंड ने अपना वास्तविक स्वरूप ही यूरो कप के फाइनल के बाद उजागर किया है। इंग्लैंड के प्रशंसकों पर यूरो कप के फाइनल से पहले ही अनेकों प्रकार के आरोप लगाए गए हैं, यहाँ तक कि एक मीम के जरिए उन पर अन्य देशों के राष्ट्रगान का अपमान करने तक का आरोप लगाया है। ऐसे में जो टीम अन्य देशों के राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान नहीं कर सकती, वो अपने देश की हार क्या ही बर्दाश्त करेगी?

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