कैबिनेट फेरबदल- जानिए कौन सा चेहरा मंत्रिमंडल विस्तार का बनेगा हिस्सा, कौन होगा बाहर

अब तक का सबसे "युवा कैबिनेट"!

मोदी सरकार मंत्रिमंडल

इस दौर में जब देश के युवाओं का राजनीतिक व्यवस्थाओं से विश्वास उठ रहा है तो मोदी सरकार का मुख्य ध्यान देश की युवा शक्ति पर ही केन्द्रित हो गया है, जिसका एक बड़ा संकेत मोदी सरकार के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में देखने को मिल सकता है। अभी तक नए मंत्रियों को लेकर कोई आधिकारिक सूचना तो नहीं आई है, लेकिन चलन में जो भी नाम हैं… वो युवा नेताओं के ही हैं। चाहें बात ज्योतिरादित्य सिंधिया की हो या असम के पूर्व सीएम सर्वानंद सोनेवाल की… सभी में एक ट्रेंड साफ देखा जा सकता है कि मोदी सरकार मंत्रिमंडल में युवाओं की भागीदारी के साथ एक तगड़ा विस्तार होने वाला है।

2019 में मोदी सरकार 2.0 की कैबिनेट के गठन के बाद कोरोना काल के कारण पिछले दो सालों से मंत्रिमंडल का कोई विस्तार नहीं हुआ है। कई मंत्रियों के पास दो या उससे अधिक मंत्रालय का कार्यभार है। ऐसे में सभावनाएं हैं कि मोदी सरकार मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल के साथ कुछ नए नाम जुड़ सकते हैं। खास बात ये है कि नए मंत्रियों के आने से मोदी सरकार की मंत्रिमंडल अब तक की सबसे युवा कैबिनेट हो जाएगी, क्योंकि मंत्रियों की औसत उम्र सबसे कम हो जाएगी। खास बात ये भी है कि इस बार ओबीसी समाज को भी मंत्रिमंडल विस्तार में अधिक वरीयता मिल सकती है।

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NBT की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, के साथ ही असम के पूर्व सीएम सर्वानंद सोनेवाल, उत्तर प्रदेश से आने वाले जितिन प्रसाद को जगह मिल सकती है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश के बस्ती से आने वाले सांसद हरीश द्विवेदी समेत महाराष्ट्र के बीजेपी नेता नारायण राणे को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इतना ही नहीं ये भी माना जा रहा है कि इस बार मोदी कैबिनेट की संख्या 53 से बढ़कर 81 तक जा सकती है। वहीं मोदी सरकार में वरुण गांधी, रीता बहुगुणा जोशी समेत एनडीए गठबंधन की साथी अपना दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।

एक तरफ जहां कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं हैं, तो दूसरी ओर कुछ मंत्रियों की काबिलियत के आधार पर उनकी पदोन्नति भी की जा सकती है, जिनमें वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम भी है। सबसे दिलचल्प बात ये भी है कि कुछ मौजूदा मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। मोदी कैबिनेट में शामिल थावर चंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाने का फैसला इसका उदाहरण है।

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वहीं कुछ मंत्रियों ने विस्तार से पहले ही इस्तीफा दे दिया है, जिनमें केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, सदानंद गौड़ा, संजय धोत्रे, बाबुल सुप्रियो, राव साहेब दानवे पाटिल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के अलावा राज्य मंत्री देबाश्री चौधरी का नाम शामिल है। इसके साथ ही श्रमिक मंत्री संतोष गंगवार ने खुद अपने इस्तीफे की सूचना दी है। इस्तीफा देने वाले मंत्रियों की बात करें तो ये सभी नाम ऐसे हैं जिनके काम-काज को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर आलोचनात्मक बातें होती रही हैं।

साफ है कि मोदी कैबिनेट 2.0 के पहले विस्तार में मंत्रियों के कामकाज का विशेष ध्यान भी रखा जाएगा। पिछले दो सालों के काम-काज के आधार पर कुछ मंत्रियों की पदोन्नति हो सकती हैं। ख़बरों की मानें त़ो किरण रिजिजू, मनसुख मंडाविया, हरदीप पुरी, कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी की भी पदोन्नति हो सकती है। तो वहीं कई मंत्रियों की तरह ही कई का पद छिना भी सकता है।

 

खबरें ये भी है कि इस बार मोदी सरकार के मंत्रियों पर विभागों का अतिरिक्त प्रभार नहीं सौंपा जाएगा, वहीं इस बार ऐसे नेताओं को अधिक वरीयता दी जाएगी, जिनकी शैक्षिक गुणवत्ता बेहतर हो। ऐसे में स्वाभाविक तौर का युवाओं का प्रतिनिधित्व मोदी सरकार में बढ़ेगा, जिसके चलते ये माना जा रहा है कि मोदी सरकार की नई कैबिनेट अब तक की सबसे युवा कैबिनेट होगी।

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