एनकाउंटर शब्द पहली नजर में तो नकारात्मक लग सकता है, लेकिन जब अपराधी कानूनी खामियों की आड़ में बचकर भागते हैं और पुलिस के लिए ही चुनौतीपूर्ण स्थितियां खड़ी करते हैं तो एनकाउंटर जैसी घटनाएं स्वाभाविक तौर पर होती ही हैं।
उत्तर प्रदेश में पिछले साढ़े चार सालों में अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई के दौरान कई एनकाउंटर हुए। कुछ इसी तर्ज पर अब हिमंता बिस्वा सरमा ने भी चलने के संकेत दे दिए हैं और पुलिस अधिकारियों को साफ कहा है कि यदि अपराधी भागने की कोशिश करें तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जरूरत पड़ने पर एनकाउंट भी किए जाएं।
असम में आपराधिक गतिविधियों के बढ़ते क्रम के चलते हिमंता द्वारा दिया गया यह बयान अब अपराधियों के लिए ही मुसीबत का सबब बनने वाला है।
आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पुलिस अधिकारियों की नकेल कस रखी है। इसका नतीजा ये है कि पिछले दो महीनों में असम में 12 के करीब अपराधी एनकाउंटर में मारे गए हैं , जिनमें कई क्रूर उग्रवादी भी थे। पुलिस का कहना है कि उग्रवादियों ने पहले उन्हें उकसाया, जिसके बाद एनकाउंटर में उन्हें मार गिराया गया।
पुलिस के खिलाफ लगातार एनकाउंटर के संबंध में सवाल खड़े हो रहे थे। इसी बीच मुख्यमंत्री हिमंता ने अपने ही पुलिस अधिकारियों का बचाव करते हुए सांकेतिक तौर पर उनके लिए कुछ नए आदेश जारी किए गए हैं।
दरअसल, असम के पुलिस अधिकारियों को हिमंता ने अपने संबोधन में कहा है कि, “अपराधी यदि भागने की कोशिश करता है तो उसे पकड़ने के लिए एनकाउंटर किया जाए। यदि क्रिमिनल पुलिस के हथियारों तक को छीनता है तो उसका एनकाउंटर करना सही पैटर्न माना जाएगा।”
इसी बैठक में हिमंता ने कहा है कि महिलाओं और युवतियों के साथ होने वाले बलात्कार जैसे संगीन अपराधों के मुद्दों पर 6 महीने के भीतर आरोप पत्र दाखिल कर दिया जाना चाहिए, जो कि पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने में सहायक होगा।
उन्होंने कहा, “बलात्कारी भागे या पुलिस से हथियार छीनने की कोशिश करे तो पुलिस को गोली चलानी पड़ेगी, लेकिन छाती पर नहीं और कानून ने कहा कि आप पैरों पर गोली मार सकते हैं। हम असम पुलिस को देश के सर्वश्रेष्ठ पुलिसिंग संगठन में बदलना चाहते हैं।”
महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों पर तो कार्रवाई की बात कहकर हिमंता ने कड़ा संदेश दिया ही है, साथ ही, पुलिस को खुद ही एनकाउंटर की सलाह देकर हिमंता ने सवाल उठाने वालों को सांकेतिक तमाचा मारा है।
गौरतलब है कि, असम में हाल के एनकाउंटरों में अब तक 12 उग्रवादियों और अपराधियों की मौत हो चुकी है, जिनमें DNLA, UPRF जैसे उग्रवादी संगठनों के लोग शामिल हैं।
ये पहला मामला नहीं है, जब असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कदमों का अनुसरण किया है। CM योगी ने अपराधियों के एनकाउंटर के साथ ही लव जिहाद जैसे संगीन अपराधों के लिए विशेष कानून बनाया था। योगी से सीख लेते हुए ही हिमंता ने भी असम में लव जिहाद के खिलाफ एक सख्त कानून पारित करवाया।
इतना ही नहीं हिमंता, अब राज्य में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक विशेष कानून लाने की प्लानिंग भी कर रहे हैं जिसको लेकर उत्तर प्रदेश में भी ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।
साफ है कि असम में हिमंता बिस्वा सरमा योगी आदित्यनाथ के वर्किंग पैटर्न पर चलते हुए ही अपराधियों और असमाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। उनके कदम ये उम्मीद जगाते हैं कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में अपराध पर पिछले 4 सालों में विशेष नियंत्रण पाया गया है, ठीक उसी तरह सीमावर्ती महत्वपूर्ण पूर्वोंत्तर राज्य असम में भी हिमंता के कदमों से अपराध पर लगाम लगेगी, जो कि असम की शांति और चहुमुखी विकास के लिए आवश्यक है।