सनातन धर्म में कमल के फूल का महत्त्व – फूल के अन्य उपयोग

kamal ka phool

कमल का फूल और सनातन धर्म में इसका महत्त्व

हमारे सनातन धर्म में कई पेड़ पौधों और फूलों का काफी महत्व है. इन्हीं में से एक है कमल का फूल. कमल का पौधा (पानी में ही उत्पन्न होता है और भारत के सभी उष्ण भागों में पाया जाता है। कमल का फूल सफेद या गुलाबी रंग का होता है और पत्ते लगभग गोल, ढाल जैसे, होते हैं।

अब सनातन धर्म में इसका क्या महत्त्व है? कमल को पवित्र, पूजनीय एवं सुंदरता, सद्भावना, शांति-समृद्धि व बुराइयों से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है, कमल का फूल ऐश्वर्य तथा सुख का सूचक भी है. यही कारण है कि कमल को पुष्पराज की संज्ञा भी दी गई है।

कमल का फूल ब्रह्मा जी को काफी प्रिय है और स्वयं ब्रह्मा जी कमल पर ही विराजमान होते है। केवल ब्रह्मा जी ही नहीं अपितु ज्ञान की देवी माँ सरस्वती और धन की देवी और विष्णुप्रिया माँ लक्ष्मी भी कमल के फूल पर ही सुशोभित होती है।

एक नजर कमल का फूल की विशेषता पर :

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इसके अलावा भी कमल के फूल का का कई महत्व है. अगर आप गौर करें तो पाएंगे कि कमल के पौधे के प्रत्येक भाग के अलग-अलग नाम हैं और उसका प्रत्येक भाग चिकित्सा में उपयोगी होता है। कमल के भिन्न-भिन्न भागों से अनेक आयुर्वेदिक, एलोपैथिक और यूनानी औषधियाँ बनाई जाती हैं। चीन और मलाया के निवासी भी कमल को औषधि के रूप में उपयोग करते हैं।

कमल को पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, कंज, राजीव, अरविन्द, शतदल, अम्बुज, सरसिज, नलिन, पुष्कर, और पुण्डरीक आदि नामों से जाना जाता है। हिन्दू धर्म या सनातन धर्म में नवजात बच्चों का नाम इनमें से अधिकांश नामों पर रखा जाता है।

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कमल के प्रकार और अन्य उपयोग

लेकिन क्या आप जानते है की कमल के फूल के दो प्रकार होते है? जी हां कमल के फूल का पहला प्रकार है पहला है नीलकमल और दूसरा कुमुदिनी। दोनों प्रकार के फुल केवल पानी में ही उगते है किन्तु ऐसी मान्यता है की ब्रह्म कमल को गमलें में भी उगाया जाता है। और बौद्ध परंपरा में कमल को ललित विस्तार ग्रन्थ में अष्टमंगल की उपाधि दी गई है।

कमल के फूल की जड़ जिसे कमल गट्टा, कमल ककड़ी भी कहा जाता है भारत के विभिन्न भागों में सब्जी बड़े चाव से खाई जाती है। कई राज्यों में कमल ककड़ी की सब्जी आपको रेस्तरां के मेनू में भी मिलेगी। कमल सनातन परम्परा में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है और साथ ही इसके कई वैज्ञानिक, स्वास्थवर्धक व आध्यात्मिक लाभ भी है।

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