दक्षिण अफ्रीका में जारी हिंसा के बीच भारतीयों को बनाया जा रहा निशाना, भारत सरकार ने जताई चिंता

दक्षिण अफ्रीका भारतीयों

इस समय मानो पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। अफगानिस्तान में तालिबान फिर सिर उठाने लगा है, अमेरिका में शासन राम भरोसे है, और अब दक्षिण अफ्रीका से गृह युद्ध की खबरें सामने आ रही हैं। जब से दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब जुमा को हिरासत में भेजा गया है, दक्षिण अफ्रीका में त्राहिमाम मचा हुआ है, और इसमें भारतवंशी गेहूं के घुन की तरह पिस रहे हैं। इस पर विदेश मंत्रालय ने भी चिंता जताई है, और वे चाहते हैं कि भारतीय जल्द से जल्द इस समस्या से बाहर निकलें।

दक्षिण अफ्रीका में स्थिति इस समय बहुत खराब है। हालात तो ऐसे हैं कि भारतीयों को अपनी आत्मरक्षा के लिए शस्त्र तक उठाने पड़ रहे हैं, लेकिन इसके पीछे प्रमुख कारण क्या है? दरअसल, कुछ ही दिनों पहले दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा को न्यायालय की अवहेलना करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।

जुमा पर पर 2009-2018 के बीच भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और इसी मामले की जाँच न्यायिक आयोग कर रहा था, जिसके सामने पूछताछ के लिए उन्हें उपस्थित होना था, लेकिन जैकब जुमा आयोग के सामने उपस्थित ही नहीं हुए। इसी मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। देश की सुप्रीम कोर्ट ने जब उनकी सजा को खत्म करने से इनकार कर दिया तो इसके विऱोध में लोग सड़कों पर उतर गए, लेकिन ये विरोध कब आगजनी और उपद्रव में परिवर्तित हो गया, लोगों को समझ में ही नहीं आया।

दक्षिण अफ्रीका में इस समय त्राहिमाम मचा हुआ है। शॉपिंग सेंटर, फार्मेसियों को लूटा जा रहा है और कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान को ठप कर दिया गया है। अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और कुल 489 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इसी में भारतीय निवासी भी बेचारे गेहूं के घुन की तरह पिस रहे हैं। कुछ उपद्रवी तो ऐसे भी हैं जो भारतीयों को ही वर्तमान स्थिति के लिए दोषी मान रहे हैं। विश्वास नहीं होता तो इन ट्वीट्स को ही देख लीजिए।

इसी कारण से अब भारतीयों को अपनी आत्मरक्षा में शस्त्र उठाने पड़ गए हैं। इसको देखते हुए दक्षिण अफ्रीका के टैक्सपेयर्स यूनियन के अध्यक्ष विलेम पेटज़र ने ट्वीट किया, “मुझे कहना होगा, आज जो कुछ भी हुआ उसे देखने के बाद में डरबन के भारतीय समुदाय को दूसरे नजरिए से देख रहा हूँ। इन लोगों ने हमें दिखाया है कि जब भी उन्हें खतरा होता है तो वे अपने समुदायों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार रहते हैं, चाहे कुछ भी करना पड़।”

भारतीय समुदाय के द्वारा आत्मरक्षा के लिए किए गए साहसिक कार्यों को लेकर एक अन्य सोशल मीडिया यूजर डेवी मालन ने ट्वीट किया, “आज रात मैं भारतीय समुदायों को कानून अपने हाथ में लेने के लिए सलाम करता हूँ।”

https://twitter.com/DawieMalan3/status/1414610970169708549?ref_src=twsrc%5Etfw

इसी बीच भारतीय विदेश मंत्रालय को भी स्थिति को देखते हुए मामला अपने हाथों में लेना पड़ा है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अंश अनुसार, “विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर को स्वयं दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री नलेदी पंडोर से बात करनी पड़ी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि कुछ जगह पर सेना तैनात हुई है और जल्द ही शासन पुनः स्थिति को अपने नियंत्रण में ले आएगा।” जिस प्रकार से दक्षिण अफ्रीका में गृह युद्ध की स्थिति उत्पन्न हुई और भारतीयों की गलती न होने के बावजूद उन्हे आत्मरक्षा के लिए विवश होना पड़ा, उसके लिए वर्तमान दक्षिण अफ्रीकी प्रशासन को आत्ममंथन करना ही होगा।

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