नोटंबदी के बाद देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए ही भारत सरकार ने BHIM का यूपीआई प्रावधान लॉन्च किया था, और BHIM के लॉन्च होने के बाद डिजिटल लेन-देन में एक अभूतपूर्व क्रांति देखी गई है। भारत की इसी सफलता को देखते हुए सिंगापुर ने इसे अपनाया था। वहीं, सिंगापुर के बाद अब भूटान दूसरा देश बन गया है जहां BHIM के जरिए पेमेंट को मंजूरी मिल गई है। भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भूटान के वित्त मंत्री Lyonpo Namgay Tshering ने वर्चुअल लॉन्चिंग के जरिए BHIM के यूपीआई सिस्टम को भूटान में लॉन्च कर दिया है।
BHIM UPI सिस्टम को भारत में बेहतरीन और कारगर माना गया है। ऐसे मे सिंगापुर ने भी इसे अपनाया था। कुछ इसी तरह से अब BHIM की सहजता को देखते हुए भूटान ने भी इसे अपना लिया है। एक वर्चुअल लॉन्चिंग के दौरान BHIM को आधिकारिक तौर पर भूटान में लॉन्च कर दिया गया है। इसे भारत के 2 लाख पर्यटकों के लिए बेहद फायदेमंद माना जा रहा है, जो कि प्रति वर्ष भूटान की यात्रा पर जाते हैं।
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इस मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “भारत से हर साल 2 लाख से ज्यादा लोग भूटान घूमने जाते हैं। BHIM ऐप लॉन्च होने से उन्हें वहां पेमेंट करने में आसानी होगी।” गौरतलब है कि BHIM को भूटान में सुचारू संचालन के लिए नेशनल पेंमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अंतर्राष्ट्रीय संगठन इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड(NIPL) ने भूटान की रॉयल मॉनिटरी अथॉरिटी के साथ करार किया है। इस पार्टनरशिप के तहत ही भीम यूपीआई से संबंधित पेमेंट भूटान में किए जाएंगे।
खास बात ये है कि BHIM UPI भारत में डिजिटल क्रांति में सबसे बड़ी क्रांति लेकर आया है। खबरों के मुताबिक लॉकडाउन में BHIM पर 41 लाख करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन हुए थे, जो कि एक ऐतिहासिक आंकड़ा है। भूटान से पहले BHIM को सिंगापुर ने भी अपने यहां इस्तेमाल की अनुमति दी थी, जो इस बात का प्रमाण है कि भारत का BHIM UPI पेमेंट प्रावधान अब राष्ट्रीय नहीं रहा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है, जो कि भारत के लिए गौरवान्वित होने की बात है।
ऐसा नहीं है कि भारतीय पेमेंट मैथड्स को पहली बार वैश्विक स्तर पर महत्व मिल रहा हो, इससे पहले भी भारत का RuPay कार्ड भी भारत का झंडा बुलंद कर चुका है। आर्थिक स्तर पर वैश्विक पटल में लोकतांत्रिकता स्थापित करने के मामले में RuPay कार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय RuPay कार्ड सउदी अरब जैसे राज्यों तक में प्रयोग किया जाने लगा है। जहां वो अमेरिकी MasterCard तक को कड़ी टक्कर दे रहा है।
भारतीय BHIM UPI पेमेंट मैथड की तारीफ गूगल भी कर चुका है। गूगल में अमेरिका के केन्द्रीय बैंकों को ये सुझाव दे चुका है कि वो भी भारत के UPI सिस्टम का इस्तेमाल करें। यहां तक कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पेमेंट का लेन-देन करने वाली कंपनी PayPal तक ने भारतीय यूपीआई सिस्टम को सराहा है जो कि भारतीय पेमेंट मैथड की सफलता का उदाहरण है। इस सिस्टम के जरिए लोग बेहद आसानी से 24 घंटे में किसी के साथ भी पैसे का लेन-देन कर सकते हैं। इसके आने के साथ ही भ्रष्टाचार का मुद्दा खत्म सा हो गया है क्योंकि सारा लेन-देन पारदर्शिता के साथ होता है।
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अमेरिकी बिग टेक कंपनी एप्पल ने भी इसी UPI प्रक्रिया के तहत पीयर टू पीयर पेमेंट मैथड शुरु किया था जिसमें लोग UPI के जरिए पेटीएम की तरह ही आसानी से लेन-देन कर सकते हैं। आर्थिक जगत में भारतीय BHIM UPI का बोलबाला इस बात का सबूत है कि भारत ने इस पेमेंट मैथड में एक अभूतपूर्व मुकाम हासिल कर लिया है। वहीं भारतीय एप्लिकेशन को वैश्विक मान्यता मिलना भी भारत के लिए एक अच्छी खबर है। कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन प्रक्रिया के मुद्दे पर जिस तरह से भारतीय एप्लिकेशन CoWIN ने अपनी उपयोगिता साबित की थी। यही कारण है कि विश्व के कई देशों में इसे अपनाया गया।
CoWIN और RuPay की तरह ही अब भारतीय BHIM UPI को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। इसका पेमेंट संबंधी अद्वितीय प्रावधान लोगों को बेहद ही पसंद आ रहा है। सिंगापुर के बाद भूटान में इसका अपनाया जाना BHIM की लोकप्रियता का सटीक प्रमाण है, जिसको लेकर संभावनाएं है कि ये अभी और अधिक नए आयाम स्थापित करेगी।