अभिनेत्री करीना कपूर खान का धार्मिक रीति रिवाजों को अपमानित करने से काफी पुराना नाता रहा है। कठुआ कांड में तो वह पूरे सनातन धर्म को दोषी ठहराने तक को तैयार थी, परंतु अपनी नई पुस्तक प्रेगनेंसी बाइबल के कारण अब वे जल्द ही ईसाइयों के कठघरे में आ गई हैं। करीना कपूर खान के विरुद्ध ईसाइयों की भावनाएँ आहत करने के इल्ज़ाम में कोर्ट तक भी ले जा सकते हैं।
दरअसल, करीना कपूर खान ने गर्भावस्था में अपना ख्याल रखने के लिए एक गाइड टाइप की पुस्तक (प्रेगनेंसी बाइबल) निकाली है, जो बताती है कि कैसे गर्भावस्था के समय अपने शरीर का ख्याल रखें, क्या खाएँ, क्या नहीं। इसमें करीना कपूर गर्भावस्था का अपना निजी अनुभव भी साझा कर रही हैं।
तो इसमें दिक्कत क्या है? दिक्कत है इस पुस्तक का शीर्षक। करीना कपूर खान की पुस्तक का नाम है ‘प्रेगनेंसी बाइबल’। ये एक प्रकार से एक ऐसी पुस्तक की ओर इशारा करती है, जिसे आप अनदेखा नहीं कर सकते। चूंकि इसमें बाइबल शब्द का शीर्षक में उल्लेख किया गया है, इसीलिए क्रोधित होकर महाराष्ट्र में ईसाइयों ने करीना कपूर खान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया है। ईसाई समूह ने करीना पर समुदाय की भावनाओं के आहत करने का आरोप लगाया है। अल्फा ओमेगा क्रिश्चियन महासंघ के अध्यक्ष आशीष शिंदे ने ‘प्रेगनेंसी बाइबल’ को लेकर शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने करीना कपूर खान और अदिति शाह भीमजानी की लिखित और जगरनॉट बुक्स की प्रकाशित पुस्तक के शीर्षक ‘प्रेग्नेंसी बाइबिल’ का उल्लेख किया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अंश अनुसार, “अल्फा ओमेगा ईसाई महासंघ ने महाराष्ट्र के बीड जिले में इस पुस्तक (प्रेगनेंसी बाइबल) के विरुद्ध शिवाजी नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की है। शिकायतकर्ता आशीष शिंदे के अनुसार इसमें पवित्र पुस्तक बाइबल का गलत प्रकार से उल्लेख किया गया है, जो ईसाइयों की भावनाओं का अपमान करता है। ऐसे में शिंदे चाहता है कि आईपीसी की धारा 295 ए [धार्मिक वैमनस्य भड़काना और लोगों की धार्मिक भावनायें आहत करना] के अंतर्गत करीना कपूर और सहयोगी लेखक अदिति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए। वहीं, शिवाजी नगर पुलिस थाने ने शिकायत दर्ज करने की पुष्टि तो की है, परंतु FIR दर्ज करने की बात नहीं की है”।
अब जल्द ही करीना कपूर खान को समझ में आएगा कि सबकी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना मज़ाक नहीं है। ये अभिनेत्री अक्सर ही अपने हिन्दू विरोधी स्वभाव के लिए चर्चा में रही है। 2018 के उस घटिया प्लाकार्ड अभियान के चलते इसे खूब खरी खोटी का सामना करना पड़ा। जब एक फिल्म निर्माता ने इन्हें एक फिल्म में देवी सीता की भूमिका दी, तो इन्होंने कथित तौर पर 12 करोड़ रुपये की मांग की। इसपर सोशल मीडिया पर इतना बवाल मचा कि उस फिल्म निर्माता को यह प्रस्ताव ही रद्द करना पड़ा।
इससे पहले भी दो बार धार्मिक भावनाओं को ‘आहत’ करने का दुष्परिणाम दो फिल्मी हस्ती भुगत चुके हैं। यकीन नहीं होता तो मणि रत्नम और अनिल शर्मा से ही पूछ लीजिए। दोनों की फिल्में, ‘बॉम्बे’, ‘और ‘गदर’ की स्क्रीनिंग के लिए पुलिस सुरक्षा का सहारा लेना पड़ा, और मणि रत्नम की हत्या का प्रयास भी किया गया। ये सिर्फ इसलिए हुआ, क्योंकि दोनों फिल्मों के नायक गैर मुस्लिम थे, जिन्हें फिल्म में मुस्लिम नायिकाओं से प्रेम हो गया था। हालांकि, अनिल शर्मा इस मामले में थोड़े ज्यादा वीर निकले, इसलिए ‘गदर’ आज भी लोगों के बीच एक मिसाल है।
इस पूरे मामले से करीना कपूर इस बात की मिसाल के तौर पर जानी जाएंगी कि हर समुदाय के लिए अलग अलग नियम कैसे अपनाए जाते हैं। यही बॉलीवुड वाले हिन्दू त्योहारों पर जबरदस्ती ज्ञान देने से बाज नहीं आते, लेकिन अगर अल्पसंख्यकों को क्रोध आया, तो इन्हीं बॉलीवुड वालों को सांप सूंघ जाएगा, जैसा अभी करीना कपूर खान का हाल है।