ब्रिटेन की ‘वामपंथी’ पार्टी ने मुस्लिम वोट के लिए पीएम मोदी को बताया नफरत फैलाने वाला, मचा बवाल

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि लेबर पार्टी माफी मांगे और फ़ोटो वापस ले।

लेबर पार्टी

ब्रिटेन की लेबर पार्टी पीएम मोदी की एक फ़ोटो के ग़लत इस्तेमाल को लेकर सवालों में घिर गई है। ब्रिटेन के वेस्ट यॉर्कशायर में हुए उपचुनाव में लेबर पार्टी ने पीएम मोदी और ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन की फ़ोटो का इस्तेमाल लोगों के अंदर डर फैलाने के लिए किया। इस डर से पार्टी वोट पाना चाहती थी। उत्तरी इंग्लैंड के बैटले एंड स्पेन सीट पर हुए चुनाव में लेबर पार्टी ने ये रणनीति अपनाई।

लेबर पार्टी के कब्जे वाली उत्तरी इंग्लैंड की बैटले एंड स्पेन सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव के प्रचार के दौरान एक पत्रक का इस्तेमाल किया गया। इस पत्रक में पीएम मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को खतरा बताते हुए लोगों को भड़काकर वोटों को लेने की कोशिश की गई। इसमें विशेष तौर पर उन मुद्दों का जिक्र किया गया जिससे कि मुस्लिमों का वोट लिया जा सके।

इसके बाद से पार्टी पर सवाल उठने लगे। इस प्रचार सामग्री के वायरल होते ही प्रवासी भारतीय समूहों ने ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी को विभाजनकारी और भारत विरोधी करार दिया। कई लोगों ने इसको लेकर विरोध दर्ज कराया। इंग्लैंड में भारतीय समूह ने भी इस पर तीखा विरोध दर्ज कराया।

दरअसल, वेस्ट यॉर्कशायर के बैटले और स्पेन सीट पर हुए उपचुनाव में प्रचार के दौरान पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन की 2019, G-7 शिखर सम्मेलन की एक फ़ोटो इस्तेमाल की गई। इस फ़ोटो में पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन हाथ मिला रहे हैं। फोटो के साथ पोस्टर पर लिखा था, ‘अगर वहाँ के लोगों ने दूसरी पार्टी को वोट दिया तो ऐसी तस्वीर दिखने का ख़तरा है, लेकिन लेबर पार्टी इस मामले में स्पष्ट है।’

अब ये मुद्दा ब्रिटेन की संसद में भी उठा है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने उस फ़ोटो को दिखाते हुए कहा, ‘क्या अब मैं उन्हें कह सकता हूँ कि वे इस पर्चे को वापस लें जो मेरे हाथ में है और जिसे पार्टी द्वारा बैटले एंड स्पेन उपचुनाव के दौरान प्रकाशित किया गया था और ख़ुद उनकी पार्टी के नेताओं ने उसे नस्लवादी करार देते हुए निंदा की थी.’’

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ब्रिटेन में रहने वाले उद्यमी और प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव अभियान दल के पूर्व सदस्य प्रोफ़ेसर मनोज लाडवा ने ट्वीट किया, “ये बहुत ही निराशाजनक और परेशान करने वाला है कि लेबर पार्टी के नेता कीर स्टर्मर ने लेबर पार्टी द्वारा हाल में सपंन्न बैटले एंड स्पेन उपचुनाव के दौरान छपवाए ‘नस्लवादी और भारत विरोधी’ पर्चे की निंदा करने से इनकार कर दिया. यह मुद्दा प्रधानमंत्री जॉनसन ने पीएमक्यू के दौरान उठाया था.’’

पिछले महीने के अंत में उपचुनाव के समय, लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (एलएफआईएन) प्रवासी समूह ने पत्रक को तत्काल वापस लेने की मांग की थी।

ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (ओएफबीजेपी) समूह ने पत्रक द्वारा वोट-बैंक की राजनीति की आलोचना करते हुए पार्टी नेता कीर स्टर्मर को शिकायत पत्र जारी करके प्रतिक्रिया व्यक्त की।

जिसमें उन्होंने लिखा, “ओएफबीजेपी, सिर्फ वोट-बैंक की राजनीति के लिए इस तरह की भारत विरोधी ब्रांडिंग का विरोध करता है। ओएफबीजेपी अध्यक्ष कुलदीप शेखावत ने कहा कि इस तरह के पोस्टर और बयान स्पष्ट रूप से लेबर पार्टी द्वारा खेली गई विभाजनकारी राजनीति का संकेत हैं।”

लेबर पार्टी का इस विवाद को अंत की तरफ न ले जाते हुए उसे और हवा देना भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ उसके एंजेंडे का पर्दाफाश करता है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री की फोटो का गलत इस्तेमाल सिर्फ एक चुनाव जीतने के लिए ? सिर्फ मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए ? सिर्फ अपने एंजेंडे को पूरा करने के लिए ? अगर लेबर पार्टी सत्ता में आती है तो क्या वो भारत से संबंध तोड़ देगी ? ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि लेबर पार्टी भी जानती है कि आज के वक्त में इंटरनेशल पॉलिटिक्स में भारत की भूमिका कितनी बड़ी है।

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