अफगान राजदूत की बेटी पर राज्य प्रायोजित क्रूरता के बाद पाकिस्तान बुरी तरह से फंस गया है

‘तालिबान खान’ अपनी पूरी मशीनरी के साथ अब ‘आतंकिस्तान’ की इमेज बचाने में जुट गए हैं।

एक तो चोरी ऊपर से सीनजोरी, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का रवैया कुछ ऐसा ही है। ख़ास बात ये है कि पाकिस्तान का ये रवैया केवल भारत के साथ ही नहीं है बल्कि अब ऐसी ही हरकतें वो अफगानिस्तान के साथ भी कर रहा है। इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के राजदूत नजीबुल्लाह अलीखील की बेटी सिलसिला अलीखील का अपहरण होना और उसे प्रताड़ित किया जाना पाकिस्तान की दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है।

अमेरिकी सेना के जाने के बाद से ही पाकिस्तान लगातार अफगानिस्तान को परेशान करने की कोशिशें कर रहा है लेकिन अफगानी राजदूत की बेटी के साथ हुई वारदात के बाद पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बेइज्जती शुरु हो गई है, जिसके चलते पाकिस्तान अब डैमेज कंट्रोल मोड में आ गया है।

पाकिस्तान एक ऐसा देश है जोकि अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। इसका हालिया सबूत अफगानिस्तान के साथ उसके बिगड़ते रिश्तों के जरिए सामने आ रहा है। पाकिस्तान में अफगानी राजदूत की बेटी सिलसिला अलीखली का अपहरण होना कोई आम बात नहीं है।

इस मुद्दे को लेकर अफगानी विदेश मंत्रालय ने एक विस्तृत बयान जारी किया है। बयान के अनुसार, “पाकिस्तान में अफगान राजदूत नजीबुल्लाह अलीखील की बेटी सिलसिला अलीखील का 17 जुलाई (शनिवार) को इस्लामाबाद स्थित उनके घर लौटते वक्त अपहरण कर लिया गया। अगवा करने के बाद उसे कई घंटों तक बुरी तरह से टॉर्चर किया गया, हालांकि अपहरणकर्ताओं ने बाद में उसे जाने दिया। उसे एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।”

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अफगानी विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया, हम इस जघन्य अपराध की निंदा करते हैं और पाकिस्तानी मिशन में तैनात अपने राजनयिकों, कर्मचारियों और उनके परिजनों की अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करते हैं। इसके विपरीत इस्लामाबाद में हुई इस घटना को लेकर पाकिस्तान का कहना है कि अफगानी राजदूत की बेटी के साथ जो कुछ हुआ वो अज्ञात हमलावरों ने किया था और अस्पताल में अब सिलसिला बेहतर महसूस कर रही हैं। पाकिस्तान इस पूरे मामले को लेकर शर्मिंदगी जाहिर करने के साथ ही पुलिस की कार्रवाई का भरोसा दे रहा है।

इस मुद्दे को लेकर कनाडा के राजनेता क्रिस एलग्जेंडर ने कहा कि पाकिस्तान ने 1971 के दौरान जो कुछ अत्याचार बांग्लादेश के नागरिकों और महिलाओं के साथ किए थे, कुछ उसी तरह का काम पाकिस्तान की एजेंसिया पर्दे के पीछे से अफगानिस्तान के साथ भी कर रही हैं। इसका ताजा उदाहरण अफगानी राजदूत की बेटी के साथ हुई घटना ही है।

उन्होंने कहा कि अब आवश्यक है कि पाकिस्तान  अपनी सेना की इस प्रवृत्ति को सुधारे। साफ है कि पाकिस्तान द्वारा की गई इस हरकत के कारण उसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लानत-मलानत शुरु हो गई है। यही कारण है कि पाकिस्तान शर्मिंदगी का ढोंग करके कार्रवाई की बात कर रहा है।

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ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान ने कोई पहली बार इस तरह की हरकत की हो। पिछले साल ही पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों के साथ मारपीट की गई थी और उनसे झूठे आरोप मारपीट कर कबूल करवाए गए थे। इस मुद्दे को लेकर भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार की खूब लानत-मलानत की थी।

इतना ही नहीं हाल ही पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के पास देखे गए ड्रोन को लेकर बवाल मचा था और भारत सरकार ने पाकिस्तानी अधिकारियों को तलब कर आपत्ति जाहिर की थी। ये वो सारे मामले हैं जो जाहिर करते हैं कि पाकिस्तान अपने यहां रह रहे अन्य देशों के अधिकारियों के साथ क्रूरता की किसी भी हद तक जा सकता है।

वहीं, अब जब पाकिस्तान को चौतरफा लताड़ा जा रहा है तो पाकिस्तन ने डैमेज कंट्रोल की आड़ में अफगानी राजदूत की बेटी के साथ हुए दर्दनाक मामले को ठंडा करने की कोशिश शुरु कर दी हैं।

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