‘सौ सुनार की… एक लुहार की’, पीएम मोदी ने भारत को बेजा आंखे दिखा रहे पड़ोसी देश चीन की हवाइयां केवल एक ट्वीट के जरिए उड़ा दी हैं। चीन हमेशा ही तिब्बत संबंधित मामलों में वैश्विक स्तर पर बैकफुट पर ही रहता था, उसे दलाई लामा के जन्मदिन पर एक ऐसा झटका लगा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पहली बार तिब्बत के लोगों से मिलने आना पड़ा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं दलाई लामा को पीएम मोदी द्वारा जन्मदिन की बधाई वाले ट्वीट की, जिसके बाद पहले तो पीएलए के सैनिकों ने तिब्बत में अपनी बौखलाहट दिखाई और अब खुद शी जिनपिंग तिब्बतवासियों को लुभाने के लिए गए हैं।
दुनिया वुहानवायरस जैसी महामारी देने वाले चीन को लेकर हमेशा ही विश्लेषकों ने कहा है कि, चीन को झटका केवल भारत ही दे सकता है। यद्यपि पुरानी सरकारों द्वारा चीन भारत में जड़े मजबूत कर रहा था, लेकिन मोदी सरकार उसे 7 सालों से झटके ही दे रही है। ऐसे में अचानक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तिब्बत का दौरा करना पड़ा है। उन्होंने यहां उन जगहों का भी दौरा किया, जहां के लोग धर्म गुरु दलाई लामा के समर्थक माने जाते हैं। उन्होंने तिब्बत में विकास से लेकर समृद्धि तक के झुनझुने देने की कोशिश की है।
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जागरण की रिपोर्ट बताती है कि चीनी राष्ट्ररपति शी जिनपिंग तिब्बत के ल्हासा के बरखोर इलाके में गए थे, और वहां पोटला हाउस के अंदर जाकर भी कुछ टिप्पणियां की हैं। जिनपिंग का पोटला हाउस जाना उनके भारत से डर को प्रतिबिंबित करता है, अब सवाल है कि ऐसा क्यों… तो वो इसलिए, क्योंकि ये वही पैलेस है जहां दलाई लामा सर्दियों के दौरान ठहरते थे, और अब इसे बंद करने की चीनी सरकार ने घोषणा कर दी है। खास बात ये है कि 22 जुलाई को जब इसकी बंदी की अधिसूचना जारी की गई थी तो ये बताया गया था कि कोई विशिष्ट व्यक्ति दौरे पर आ सकता है, लेकिन अब अचानक जिनपिंग का दौरा दिखाता है कि वो व्यक्ति कौन है।
जिनपिंग के इस दौरे को तिब्बत और चीन के 17 प्वाइंट के समझौतों की 70 वीं वर्षगाठ से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन असल में ये कोई साधारण बात नहीं है; क्योंकि चीनी राष्ट्रपति अचानक तिब्बत के दौरे पर आए हैं। उन्होंने इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उनसे जातिवाद को खत्म करने की अपील की है। उनके इस भाषण से इतर देखें तो लगातार चीन ये कोशिश कर रहा है कि किसी भी तरह से तिब्बत के लोगों को लुभाया जाए, और इसीलिए उन्हें पीएलए में भी शामिल किया जा रहा है।
तिब्बत के मुद्दे पर चीन का रुख हमेशा से ही आक्रामक रहा है, लेकिन अब चीन यहां के लोगों को अपनी तरफ करने के लिए लुभा रहा है। इसकी वजह केवल एक ही है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धर्मगुरु दलाई लामा को जन्मदिन पर बधाई देना। लद्दाख में पिछले साल गलवान इलाके के पास चीनी पीएलए ने जो हरकत की थी, उस पर भारतीय सेना ने तो उनको झटका दिया ही था, लेकिन पीएम मोदी सीमा से लेकर आर्थिक क्षेत्र तक में चीन को पटखनी दे रहे हैं। इसके अलावा मोदी सरकार लद्दाख में चीन की हरकतों को देखते हुए 4 एयरपोर्ट और 37 हैलीपैड बनाने वाली है, जो कि मोदी सरकार की चीन को सैन्य झटका देने का संकेत देती है, इन कदमों के जरिए पीएम मोदी भारतीय सेना को लद्दाख में बेहतर सुविधाएं दे रहे हैं।
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ऐसे में दलाई लामा को पहली बार जन्मदिन पर बधाई देकर पीएम मोदी एक तरफ जहां वैश्विक स्तर पर चीन के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं तो दूसरी ओर वो लद्दाख में चीनी सैनिकों से निपटने के लिए भारतीय सेना की सुविधाओं में बढ़ोतरी कर रहे है। पीएम मोदी के इन सारे कदमों से चीन बौखलाया हुआ है, जिसका संकेत पहली बार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का तिब्बत दौरा है।