पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनितिक करियर पर तलवार लटक रही है। नवजोत सिंह सिद्धू के प्रियंका वाड्रा और राहुल गाँधी से मुलाकत के बाद यह खतरा और बढ़ गया है। इन्हीं खतरों को देखते हुए कैप्टन, पंजाब के हिन्दुओं को अपने पाले में करने के लिए हिंदू नेताओं से बातचीत शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को शहरी क्षेत्रों के पार्टी नेताओं, खासकर हिंदू नेताओं से मुलाकात की। इस बैठक में इस बात पर भी विचार व्यक्त किया कि एक हिंदू नेता को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बने रहना चाहिए क्योंकि कांग्रेस पार्टी अगले विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा फेरबदल देखा जा सकता है। इस पद के लिए अमृतसर पूर्व विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के नाम की चर्चा होने के कारण यह महत्वपूर्ण हो गया है।
तर्क दिया गया कि पार्टी को राज्य के शीर्ष नेतृत्व में जातिगत समीकरणों को संतुलित करना चाहिए। बैठक के लिए कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, भारत भूषण आशु, मनप्रीत सिंह बादल और विजय इंदर सिंगला के अलावा राज्य की शहरी बहुल सीटों से करीब 35 विधायकों और पूर्व विधायकों को बुलाया गया था।
अमृतसर पश्चिम के विधायक राज कुमार वेरका ने कहा, “यह शहरी क्षेत्रों के पार्टी के नेताओं के साथ बातचीत थी और मुख्यमंत्री ने उनके निर्वाचन क्षेत्रों की समस्याओं को सुना।उनके द्वारा दिए गए सुझावों को लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए स्थानीय निकायों और वित्त मंत्रियों को भेजा गया था, जिसके बाद लगभग 600 करोड़ रुपये मंजूर किए जाएंगे।”
तीन घंटे की बैठक के दौरान, नेताओं ने पंजाब में पार्टी के लापता संगठनात्मक ढांचे की ओर भी इशारा किया। उन्होंने यह भी मांग की कि शहरी हिंदू चेहरों को अगले विधानसभा चुनाव में लगभग 30 “हिंदू सीटों” पर उम्मीदवार बनाया जाए। रिपोर्ट के अनुसार पार्टी में चल रहे अंदरूनी कलह के बीच बैठक में कई पार्टी नेताओं ने भी अमरिंदर के नेतृत्व में विश्वास जताया।बैठक के बाद बोलते हुए मंत्री सिंगला ने कहा, “यह एक संवादात्मक बैठक थी और शहरी क्षेत्रों की जमीनी हकीकत को नेताओं द्वारा उठाया गया था।
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अमरिंदर सिंह द्वारा इस बैठक के बाद यह निष्कर्ष निकला जा सकता है कि सिद्धू के बढ़ते प्रभाव से वे चिंतित है और अपने समर्थन को बनाये रखने के लिए वह कांग्रेस के अंदर ही हिंदू नेताओं की समस्या सुन कर उन्हें अपने समर्थन में करना चाहते हैं। पंजाब में राज्य की आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हिंदुओं की एक बड़ी आबादी है।
बता दें कि, ऐसे सोनिया गांधी द्वारा गठित कमेटी के सामने पेश होने के बाद अब सिद्धू ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भी मुलाकात की है। सिद्धू के लिए पार्टी आलाकमान से कुछ सकारात्मक संकेत भी मिले हैं, क्योंकि उन्हें VVIP ट्रीटमेंट देने की बात भी चल रही है। अगर ऐसा होता है तो इसे अमरिंदर के खिलाफ सिद्धू की जीत मानी जा सकती है।
संभावनाएं ये भी हैं कि पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान सिद्धू को अहम जिम्मेदारियां जैसे सिद्धू को चुनाव में कैंपेन कमेटी का प्रभारी बनाने के साथ ही चुनाव में टिकट आवंटन के फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है।
यदि ऐसा कुछ फ़ैसला होता है, तो ये कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए बड़े झटके की तरह होगा। इसी कारण अब कैप्टन पंजाब के हिंदू नेताओं को अपने पाले में कर रहे है जिससे उनकी स्थिति मजबूत बनी रहे और हिंदू वोट बैंक के लिए कांग्रेस आलाकमान उन्हें दरकिनार न करे।