संजय सिंह ने राम भक्तों को कहा ‘चन्दा चोर’, अब राम भक्त घसीटेंगे संजय सिंह को कोर्ट

स्वामी प्रबोधानंद गिरी ने दर्ज करवाई FIR!

संजय सिंह

कहते हैं, विनाश काले विपरीत बुद्धि। ये बात आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है। राम मंदिर के निर्माण को रोकने में असफल रहने पर आम आदमी पार्टी के इस नेता ने हाल ही में राम भक्तों को ‘चन्दा चोर’ की संज्ञा दी। लेकिन जब सत्यनारायण की कथा पर जद्दबद्द सुनाने वाले गोपाल इटालिया को गुजराती भक्तों ने सोमनाथ मंदिर में घुसने नहीं दिया, तो फिर अयोध्या के निवासी संजय सिंह को भला कैसे छोड़ देते?

अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि मामले पर आम आदमी पार्टी (AAP) नेता संजय सिंह के ‘चंदा चोर’ वाले बयान के विरुद्ध हाल ही में हिन्दू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरी ने अयोध्या कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई है। संजय सिंह के साथ उनके लीगल सेल के UP अध्यक्ष अधिवक्ता जेके शुक्ला के ख़िलाफ़ भी शिकायत हुई है।

स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने आरोप लगाया है कि संजय सिंह और उसके सहयोगियों ने आपराधिक साजिश के अंतर्गत राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों को ‘चन्दा चोर’ कहकर करोड़ों रामभक्तों को गुमराह करने की कोशिश किया है, जिससे देश के करोड़ो रामभक्तों की जनभावना आहत हुई है।

शिकायत के अनुसार, “संजय सिंह और उसके साथी राम मंदिर निर्माण में बाधा डाल रहे है। भ्रामक कुप्रचार से राम मंदिर ट्रस्ट की छवि को धूमिल कर रहे हैं, जिसको हिन्दू रक्षा सेना बर्दाश्त नहीं करेगी। यह सभी राष्ट्रद्रोह का कार्य कर रहे हैं। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए।”

बता दें कि, पिछले कुछ दिन से संजय सिंह और उसके सहयोगी ये भ्रम फैलाने में लगे हुए हैं कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने जमीन के लेनदेन में कुछ घपलेबाजी की है। जानकारी के अनुसार, स्वामी प्रबोधानन्द गिरि का कहना है कि संजय व उनके सहयोगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए, क्योंकि वह पिछले कई दिनों से गंदी राजनीति करने के तहत राम भक्तों पर झूठे और गंदे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पुलिस ने कानूनी कार्रवाई नहीं की तो वह इस बात को लेकर CM योगी से मुलाकात करेंगे।

एक प्रकार से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। यदि ये वे इन हरकतों के जरिए उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रचार करना चाहते हैं, तो इसमें वह बुरी तरह असफल हुए हैं। अगर वे रामभक्तों की गलत छवि पेश कर अल्पसंख्यकों से वाहवाही बटोरना चाहते थे, तो वहाँ भी उन्हें असफलता ही हाथ लगेगी।

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