सिद्धू पंजाब कांग्रेस प्रमुख बन सकते हैं, ये कदम अमरिंदर सिंह को नई पार्टी बनाने पर विवश कर सकता है

सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष

PC: The Indian Express

पंजाब कांग्रेस में महीनों से चल रहे कलह अब खत्म हो सकती है, या यूं कहें कथित तौर पर पंजाब कांग्रेस में सुलह हो होने वाली है। नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बन सकते हैं, जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह [सेवानिर्वृत्त] पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर बने रहेंगे। कांग्रेस का मानना है इससे पंजाब में चीजें सुधरेंगी परंतु वास्तविकता का इससे कोई सरोकार नहीं है।

जागरण के रिपोर्ट के अनुसार, “सिद्धू का नाम पार्टी हाईकमान ने दो-तीन दिन पहले ही लगभग फाइनल कर लिया था। कांग्रेस के सूत्रों का यह भी कहना है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष बनाने का विरोध कर रहे सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को उनके करीबी प्रशांत किशोर ने मनाया है। अभी अधिकारिक घोषणा तो नहीं हुई है, लेकिन सिद्धू कैंप ने अपने करीबी लोगों को तैयारियां शुरू करने के लिए कहना शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाने का फैसला मंगलवार को दिल्ली में राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में ही ले लिया गया था। हालांकि, अधिकारिक घोषणा से पहले हाईकमान पार्टी के अंदर की प्रतिक्रियाओं पर मंथन कर लेना चाहती है”।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के बढ़ते कद से पहले ही बहुत परेशान थी। अमरिंदर सिंह भले ही कांग्रेस के सीएम थे, लेकिन नेहरू गांधी परिवार से उनके संबंध बिल्कुल भी अच्छे नहीं रहे हैं, विशेषकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से, जिन्हें वे पार्टी के प्रगति के लिए हानिकारक मानते हैं। राहुल गांधी चाहते थे कि पंजाब की कमान नवजोत सिंह सिद्धू संभाले, लेकिन पंजाब कांग्रेस के वास्तविक नेताओं को सिद्धू फूटी आँख नहीं सुहाते। अपना कद घटता देख सिद्धू ने आम आदमी पार्टी की ओर बढ़ने की धमकी भी देने का प्रयास किया।

कांग्रेस ने अगर सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया तो इससे दो चीजें सुनिश्चित होंगी – आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार और अमरिंदर सिंह का कांग्रेस से अलगाव। जिस प्रकार से नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है, उससे अगर कांग्रेस पंजाब विधानसभा का चुनाव जीतने में कामयाब हो जाती है, तो बहुत हैरानी की बात होगी। इसके साथ ही अमरिंदर सिंह का कांग्रेस छोड़ना भी तय होगा।

अब अमरिंदर सिंह पार्टी छोड़कर जाएंगे कहाँ? इस समय भाजपा या अकाली दल में जाना खतरे से खाली नहीं होगा। आम आदमी पार्टी जैसे खालिस्तानी पार्टी को वे बिल्कुल बढ़ावा नहीं देंगे। ऐसे में यदि अमरिंदर अपनी पार्टी गठित करें तो किसी को हैरान होने की कोई आवश्यकता नहीं। इसके लिए केवल और केवल एक ही व्यक्ति जिम्मेदार होगा, वो है राहुल गांधी और उनकी अति महत्वकांक्षा, जिसके कारण पंजाब कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह जैसा नेता खो दिया।

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