चीन ने चुराई तेजस फाइटर जेट की वीडियो
चीन अपनी छवि बनाने के लिए प्रोपोगेंडे का इस्तेमाल करता है और इसके लिए वह कुछ भी कर सकता है। रिवर्स इंजीनियरिंग के बारे में तो सभी जानते हैं परन्तु अब चीन प्रोपोगेंडे के लिए दुसरे देशों के फाइटर जेट के वीडियो को चुरा कर अपने प्रोपोगेंडे वाली वीडियो में लगा रहा है। चीन की CGTN मीडिया ने अब भारत द्वारा निर्मित तेजस फाइटर जेट के वीडियो को अपने प्रोपोगेंडे में इस्तेमाल किया है।
जब भारतीयों ने चीन की चोरी पकड़ी और मजाक उड़ाने लगे तो उसने चुपचाप से उस ट्वीट को ही डिलीट कर दिया। दरअसल, पिछले एक हफ्ते से, चीनी राज्य मीडिया आउटलेट विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं क्योंकि चीन सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की 100 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इसी क्रम में रविवार को CGTN ने जे-10 लड़ाकू विमान को उड़ाने वाले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स के पायलट फी डोंग की प्रोफाइलिंग का एक वीडियो शेयर किया।
J-10 को संख्या के मामले में PLAAF बेड़े में सबसे महत्वपूर्ण लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। चीनी विशेषज्ञों ने अक्सर ही भारत के स्वदेशी फाइटर जेट तेजस की धीमी प्रगति का मजाक उड़ाने के लिए J-10 की प्रगति का हवाला दिया है। CGTN, या संभवतः PLAAF, ने J-10 पर आधारित इस वीडियो में बड़े ही शातिर तरीके से भारतीय एयरफ़ोर्स का वीडियो इस्तेमाल किया है। एक भारतीय ट्विटर यूजर्स ने गुरुवार को दावा किया कि सीजीटीएन वीडियो में विमान द्वारा कथित तौर पर बम गिराने का फुटेज (लगभग 0.15-0.17 सेकेंड में देखा जा सकता) भारतीय फाइटर जेट तेजस के बम गिराने जैसा है।
ट्विटर यूजर Mave_Intel ने दोनों ही वीडियो की तस्वीरे साझा करते हुए चीनी प्रोपोगेंडे को ध्वस्त किया।
https://twitter.com/Mave_Intel/status/1410112458988036097?s=20
तेजस द्वारा US-निर्मित पेवेवे लेजर-गाइडेड बम गिराने का फुटेज 2013 की शुरुआत में पोखरण में आयरन फर्स्ट अभ्यास का था। अभ्यास के दौरान, तेजस ने एक लेजर- गाइडेड बम लॉन्च किया था। सीजीटीएन द्वारा साझा किया गया फुटेज 2013 में तेजस बम टेस्टिंग के फुटेज जैसी एक समान प्रतीत होता है। दोनों क्लिप में laser designator pod यानी बम को गाइड करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पॉड की एक समान स्थिति दिखाई गई थी और जिस pylon पर इसे रखा गया था, उसका आकार और रंग समान था।
(1.10 sec) दोनों वीडियो क्लिप में एक आउटबोर्ड pylon पर हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल भी दिखाई गई। चीन को इस्राइली मूल के Litening laser designator pod के इस्तेमाल के लिए नहीं जाना जाता है, जिसका उपयोग फाइटर जेट तेजस परीक्षण में कर रहा था।
https://twitter.com/Mave_Intel/status/1410112478025981952?s=20
So now Chinese started using Tejas footage for their propaganda video. #Copycats https://t.co/S5vpj9A78r pic.twitter.com/st9FfoCr5u
— Saurav Chordia (@SauravChordia1) June 30, 2021
यहां तक कि जे -10 वीडियो में बम लॉन्च सीक्वेंस के दौरान देखा गया कि, विमान के अंडरबॉडी फ्यूजलेज की वेल्डिंग भी तेजस वीडियो के समान दिखाई देती है, भले ही दोनों विमानों के डिजाइन अलग-अलग हों। 0.33 second के दौरान भी देखा जा सकता है कि CGTN ने तेजेस के विंटर ट्रायल की क्लिप का इस्तेमाल किया है। चीन के सीजीटीएन नेटवर्क ने अब उस वीडियो को ट्विटर से हटा दिया है, हालाँकि वीडियो अभी भी YouTube पर है, परन्तु उसे भी हटा ही लिया जायेगा।
https://twitter.com/Mave_Intel/status/1410218408742768640?s=20
यह चीन के लिए शर्मिंदगी की बात है कि, उसे अपने दर्शकों को प्रेरित करने के लिए भी भारत जैसे विरोधी देश के वीडियो क्लिप चोरी करने पड़ रहे हैं! ऐसा लगता है कि चीन के पास अपने जेट्स की वीडियो ही नहीं है जिससे वह इस हरकत पर उतर आया है. अभी तक दुनिया भर के देशों की तकनीकों को चुरा कर रिवर्स इंजीनियरिंग करने वाला चीन अब वीडियो भी चोरी कर रहा है। यह हास्यास्पद ही है कि चीन इसी आधार पर अपने आप को विश्व का सबसे ताकतवर देशों में से एक मानता है।