हाल ही में मोदी सरकार ने एक अप्रत्याशित दांव चला है, जहां अपने कैबिनेट विस्तार में उन्होंने कई नए चेहरों को शामिल किया है। वहीं उन्होंने अकर्मण्य मंत्रियों को इस्तीफा देने पर भी विवश किया है, चाहे वो प्रकाश जावड़ेकर हों, रमेश पोखरियाल निशंक हो या फिर कोई और। लेकिन इसी बीच दो मंत्रियों की नियुक्ति ने सोशल मीडिया के स्वघोषित अर्थशास्त्रियों और आलोचकों की सिट्टी-पिट्टी गुल कर दी है। जहां ‘आलोचना’ के बावजूद वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण पद पर बनी हुई हैं, वहीं पीयूष गोयल को वाणिज्य मंत्रालय के साथ रेल मंत्री के बजाए कपड़ा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है, जो उनके ‘ओहदे’ के अनुसार बहुत नीचे है।
इसपर सोशल मीडिया पर बड़ी मिश्रित प्रतिक्रिया आ रही है। जहां कई लोग निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री पद से ना हटाने के लिए ‘मोदी सरकार’ को अब भी कोस रहे हैं, तो वहीं कुछ पीयूष गोयल की अवनति करने के लिए मोदी सरकार को ‘आड़े हाथ’ ले रहे हैं। उदाहरण के लिए एक यूजर ट्वीट कर रहा है, ‘जब इतने लोगों का इस्तीफा ले लिया है तो लगे हाथों निर्मला ताई का भी ले लो’ –
#CabinetExpansion #CabinetReshuffle #NirmalaSitharaman #CabinetExpansion2021
everyone to Modi ji: pic.twitter.com/vbcKSL9Mqw
— CA Akhil Pachori (@akhilpachori) July 7, 2021
एक और यूजर ने मिस्टर बीन का फोटो ट्वीट करते हुए कहा, ‘हम लोग कैबिनेट से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस्तीफे का इंतज़ार करते हुए” –
#CabinetExpansion2021
Me Waiting for Nirmala Sitharaman to resign from Cabinet…🤣🤣#NirmalaSitharaman pic.twitter.com/acVYrGXXUp— 𝗘𝗿 𝗔𝗮𝗸 𝗧𝗵𝘂 (@ErAakThu) July 7, 2021
लेकिन सच तो यह है कि जितना निर्मला सीतारमण की आलोचना की जाती है, उतनी ही वह योग्य भी है। यह सत्य है कि बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का करियर उतार चढ़ाव से भरा हुआ रहा है। लेकिन जिस प्रकार से कोरोना वायरस के समय निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था को संभाला है, वो भी अपने आप में प्रशंसनीय है।
यदि ऐसा नहीं होता, तो दुनिया के अन्य देशों की भांति भारत की भी हालत कोरोना के कारण खस्ताहाल होती। दूसरी ओर पीयूष गोयल वो मंत्री है जो बंजर खेत पर भी फसल उगा दे। जब उन्होंने रेल मंत्रालय की कमान संभाली थी, तो वह बेकार नहीं थी, परंतु सुरेश प्रभु को अन्य लोगों की भांति कॉर्पोरेट जगत को संभालना और PR स्किल में निपुणता नहीं थी।
लेकिन पीयूष गोयल इन दोनों में ही पारंगत है, और इसी कारण से इन्हे जो भी मंत्रालय दिया गया, वो चाहे जैसा भी था, उसका कायाकल्प करके ही दम लिया। इसीलिए इसी उद्देश्य से इन्हे कपड़ा मंत्रालय सौंपा गया है।
इसी परिप्रेक्ष्य में TFI के संस्थापक अतुल मिश्रा ने भी अपने विचार प्रकट किये हैं। उनके ट्वीट्स के अनुसार, “निर्मला सीतारमण को हटाना चाहिए क्योंकि दहेसार के अर्थशास्त्री और उत्तम नगर के कुछ वित्तीय विश्लेषकों ने फरमान जारी किया है।
ये बात कि, उन्होंने इस देश को सबसे मुश्किल समय से केवल कुछ खरोंचों और चोटों के साथ ही सफलतापूर्वक निकाल लिया कई लोगों को पचेगा नहीं। ऐसे ही कुछ लोगों का मानना है कि पीयूष गोयल को डिमोट किया गया है” –
Nirmala Sitharaman should have been sacked because Dahisar economists and Uttam Nagar finance analysts say so.
The fact that she steered the country through its toughest times with few cuts and bruises is, of course, not a fashionable thing to say.
— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) July 7, 2021
जब एक ट्रोल ने इस पर कटाक्ष करने का प्रयास किया तो अतुल मिश्रा ने तथ्यों सहित जवाब देते हुए ट्वीट किया, “देख भाई, अगर 2 ही क्वार्टर में मंदी से भारत का सकुशल बाहर निकलना, पिछले क्वार्टर में सकारात्मक आर्थिक वृद्धि, एफ़डीआई में अप्रत्याशित वृद्धि व्याप्त रखना, फिच और मूडीज़ जैसे संस्थानों का भारत को अन्य देशों के मुकाबले बेहतर रेटिंग देना भी उचित नहीं लगता, तो मैं नहीं जानता कि तुम्हारे लिए क्या सही है!” –
सच्चाई तो यही है कि इन दोनों की जो नियुक्ति हुई है, वो सोच समझकर की गई है, और इसके लिए नरेंद्र मोदी की परिपक्व सोच के बारे में जितना कहा जाए, उतना कम होगा। निर्मला सीतारमण जिस प्रकार से देश के लिए वुहान वायरस के समय में संकटमोचक बनकर सामने आई हैं, उससे उनका वित्त मंत्री के पद पर बने रहना ही किसी पुरस्कार से कम नहीं।
सच्चाई तो यही है कि इन दोनों की जो नियुक्ति हुई है, वो सोच समझकर की गई है, और इसके लिए नरेंद्र मोदी की परिपक्व सोच के बारे में जितना कहा जाए, उतना कम होगा।