तन्खा चले गए, सुशील कुमार शिंदे बागी हो गए- सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अब बर्बादी की ओर है

साल 2013 से साल 2020 तक 30 कांग्रेसी दिग्गजों ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थामा है!

सुशील कुमार शिंदे

वर्तमान में कांग्रेस पार्टी अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर पर है। आज समूचे देश में कांग्रेस पार्टी महज तीन राज्यों तक सिमट कर रह गई है। गौरतलब है कि कांग्रेस की यह दुर्दशा पार्टी आलाकमान के नेतृत्व में कमी की वजह से हो रही है। पार्टी आलाकमान में नाकामी की वजह से आज कई कांग्रेसी दिग्गजों के मुंह से बागी सुर सुनने को मिल रहे हैं। इसी फेहरिस्त में अब देश के पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे बीजेपी में शामिल हो गए हैं। शिंदे ने कहा कि, “कांग्रेस अपनी विचारधारा की संस्कृति को भी खोती जा रही है।“

दरअसल, हाल ही में महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में सुशील कुमार शिंदे भी मौजूद थे। इस दौरान देश के पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कांग्रेस पार्टी की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया कि, “एक समय था जब कांग्रेस ‘चिंतन शिविर आयोजित करती थी, इस शिविर में पार्टी के प्रदर्शन और नेताओं की लोकप्रियता और जनता में उनकी पकड़ को लेकर मंथन किया जाता था, लेकिन अब यह समझना बहुत मुश्किल है कि पार्टी कहां है। कांग्रेस द्वारा अपनाई गई कई नीतियां गलत हो सकती हैं, लेकिन सुधार के लिए कांग्रेस में कार्यशालाएं आयोजित करने की संस्कृति थी।”

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सुशील कुमार शिंदे ने आगे बताया कि, ‘एक समय था जब पार्टी में मेरी बातों का मूल्य हुआ करता था, लेकिन अब पार्टी के अंदर क्या चल रहा है, इसके बारे में कुछ नहीं पता।’

आपको बता दें कि राज्यसभा सांसद और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तन्खा ने भी हाल ही में पार्टी हाई कमान पर निशाना साधते हुए इस्तीफा दे दिया था। विवेक तन्हा ने कांग्रेस पार्टी का लंबे समय से नेतृत्व कर रहे गांधी परिवार और पार्टी के भीतर चल रहे वंशवाद पर निशाना साधते हुए कहा था कि, “ वंशवाद के खिलाफ तो मैं हूं।

मैंने अपने बेटे वरुण तन्खा की नरसिंहपुर विधानसभा सीट से टिकट का भी विरोध किया था। मैंने कांग्रेस नेतृत्व को साफतौर पर कहा था कि वरुण मेरा बेटा है, सिर्फ इस नाते आप टिकट दे रहे हैं, यह गलत है। वह काबिल बने फिर किसी भी पार्टी से चुनाव लड़े, कोई दिक्कत नहीं। कांग्रेस नेतृत्व ने मुझसे पूछा कि आप लीगल सेल के चेयरमेन पद पर बने रहना चाहते हों तो बताएं। मैंने कहा कि मुझे रुचि नहीं है, किसी नए व्यक्ति को मौका दें। हमें अपने पुरूषार्थ पर भरोसा है।“

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बता दें कि विवेक तन्खा से पहले कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया था। साल 2020 में छपी The Sunday Guardian की एक रिपोर्ट का दावा है कि, साल 2013 से साल 2020 तक 30 कांग्रेसी दिग्गजों ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थामा है, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर नारायण राणे तक शामिल हैं।

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