UP ATS ने किया सलाहुद्दीन शेख को गिरफ्तार, NGO की आड़ में चला रहा था धर्मांतरण रैकेट

योगी सरकार ने बेहतरीन कानून व्यवस्था की मिसाल पेश की है!

यूपी एटीएस

उत्तर प्रदेश में चल रहे जबरन धर्मांतरण रैकेट में हर रोज कोई न कोई नई गतिविधि सामने आ रही है। हाल ही में यूपी एटीएस ने गुजरात के वडोदरा से एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। सलाहुद्दीन ज़ैनुद्दीन शेख को गुजरात के वडोदरा से गिरफ्तार किया गया है। आपको बता दें कि इस मामले में यह छठी गिरफ्तारी है। धर्मांतरण रैकेट के मुखिया उमर गौतम के बाद से तबातोड़ एक के बाद एक कई गिरफ्तारी हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह रैकेट 1,000 से ज्यादा लोगों को जबरन या लालच देकर गैर कानूनी तरीके से धर्मांतरण करा चुका है।

गुजरात ATS के वरिष्ठ अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि,“सलाहुद्दीन ज़ैनुद्दीन शेख को वडोदरा से गिरफ्तार किया था। उसके बाद उसकी बुधवार शाम को अहमदाबाद कोर्ट में पेशी की गई थी। कोर्ट से हमें उसे 3 जुलाई तक रिमांड में रखने की अनुमति मिल चुकी है। सलाहुद्दीन ज़ैनुद्दीन शेख को यूपी एटीएस के हवाले कर दिया गया है।”

यूपी एटीएस ने इस मामले के बारे में विस्तार में बताते हुए बयान जारी कर कहा कि, “शेख अपना गुनाह कबूल कर चुका है। वो उमर गौतम के साथ मिलकर धर्मांतरण के रैकेट को चला रहा था। शेख ने यह कबूला है कि, वह उमर गौतम को हवाला के जरिये पैसे भेजा करता था, जिससे उमर धर्मांतरण के कारनामे को अंजाम देता था।”

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पुलिस के अनुसार, कासमी और गौतम ने कथित तौर पर “एक हजार से अधिक लोगों” का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराया है। एटीएस ने दावा किया है कि दोनों अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) नाम का एक संगठन चला रहे थे जिसमें  धर्मांतरण हो रहा था।

बता दें कि हाल ही में यूपी एटीएस ने दिल्ली के जामिया नगर इलाके से मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा यूपी एटीएस ने बीते सोमवार को तीन अन्य लोगों कि गिरफ्तारी की है।

बता दें कि डासना देवी मंदिर के प्रमुख महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की साजिश के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए काशिफ और विपुल से पूछताछ के दौरान जहांगीर और गौतम के नाम सवालों के घेरे में आए थे।

नोएडा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में सामने आया है कि गिरोह में शामिल लोग मूक-बधिर विद्यार्थियों व महिलाओं को अपना शिकार बनाते थे, खासतौर से चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिये संचालित संस्थान के विद्यार्थियों को। नोएडा डेफ सोसाइटी का संचालन भी चैरिटी के जरिये मिले धन से ही होता है।

वह यूपी में हिंदू ही नहीं बल्कि ईसाई, जैन और सिख परिवारों के बच्चों का भी बड़ी संख्या में वह धर्मांतरण करा चुका है। मूक-बधिर बच्चे उनके खास निशाने पर होते थे। इन बच्चों को अलग तकनीक से पढ़ाने के लिए धर्मांतरण गिरोह ने अपने टीचर प्लांट कर रखे थे। ये टीचर ही धर्मांतरण की बुनियाद खड़ी करते थे।

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बता दें कि उमर गौतम की गिरफ्तारी के अभी 10 ही दिन हुए हैं और यूपी पुलिस ने धर्मांतरण गिरोह का भंडा फोड़ दिया है। यूपी एटीएस ने एक एक करके इस रैकेट के छह नुमाइंदों को अपने गिरफ्त में कर लिया है। यह रैकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उमर गौतम द्वारा संचलित किया जाता था। अवैध धर्मांतरण मामले में जांच एजेंसियों को यूपी में धर्मांतरण गिरोह के आतंकी संगठनों से मिले होने के प्रमाण मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ खुद मॉनीटरिंग कर रहे हैं। सीएम योगी ने एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि देश की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपटें।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने बेहतरीन कानून व्यवस्था का एक बार फिर से मिसाल पेश किया है। 10 दिनों के अंतराल में यूपी पुलिस ने अंतराष्ट्रीय स्तर में धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश कर दिया है। ऐसा रैकेट जो कि, आतंकवाद से लेकर राज्य में दंगा –फसाद की साजिश रच रहे थे

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