तालिबान ने दानिश को मरने के बाद भी नहीं छोड़ा, भारतीय जानकर उसके शव को क्षत-विक्षत कर दिया

दानिश की मौत

PC: India Today

हाल ही में भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या अफ़ग़ानिस्तान के स्पिन बोल्डक इलाके में हुई थी। दानिश की मौत का जिम्मेदार तालिबन को माना जा रहा है। इसी कड़ी से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है कि दानिश की हत्या के दौरान जब तालिबानी आतंकियों को ये पता चला कि दानिश भारतीय नागरिक हैं तो उनकी हत्या करने के बाद, उनके शव को तालिबन ने बर्बरता के साथ कार से कुचल दिया था।

दानिश की मौत का मुद्दा न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी छाया हुआ था। सोशल मीडिया पर दानिश द्वारा खींची गईं, तस्वीरों की भी चर्चा हो रही थी। इसके बाद जब तालिबान को पता चला कि दानिश मुस्लिम हैं और वह हिंदू विरोधी तस्वीरें खीचता था, तब तालिबान ने दानिश की हत्या से खुद को अलग कर लिया। तालिबान ने कहा है कि उन्हें नहीं पता कि दानिश किसकी गोली से मरा। दानिश की मौत की जिम्मेदारी लेने की तो छोड़िए, तालिबान ने यहां तक कह दिया कि वो नहीं जानता दानिश सिद्दीकी की हत्या कैसे हुई।

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आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानी सेना के कमांडर बिलाल अहमद ने बताया कि तालिबानियों ने किस हद तक दानिश के शव के साथ बर्बरता की थी। अफगान कमांडर ने इसके पीछे यह कारण दिया कि दानिश भारतीय थे और तालिबानी भारत से नफरत करते हैं।

इसमें कोई शक नहीं है कि तालिबान ने दानिश की हत्या की थी, लेकिन जब तालिबान को पता चला कि दानिश एक मुस्लिम है और हिन्दू विरोधी एजेंडा फैलाता है, तो तालिबान ने खुद को दानिश की मौत से अलग कर लिया।

अगर हम अफगानी सेना के कमांडर बिलाल अहमद की बात पर गौर करें तो स्पष्ट है कि, जब तालिबान को मालूम चला कि यह फोटो पत्रकार भारतीय है तो तालिबान ने उसके शव को कार से कुचल दिया था। इसके बाद जब तालिबान को मालूम हुआ कि यह पत्रकार मुस्लिम है और भारत विरोधी एजेंडा फैलाता है तो तालिबान को अपनी गलती का एहसास हुआ और खुद को इस हत्या के आरोप से अलग कर लिया, क्योंकि तालिबान का मुख्य विरोधी भारतीय मुस्लिमों से न होकर केवल हिन्दुओं से ही है।

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तालिबान की ये हरकत मुस्लिम भाईचारे का संकेत देती है जो कि राष्ट्र और इंसानियत से बढ़कर है। भारत के वामपंथी पत्रकार दानिश की मौत पर विलाप कर रहे थे और रवीश कुमार तो गोलियों पर ही सारी लानत-मलानत कर रहे थे, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर तालिबान का नाम तक नहीं लिया है, जबकि तालिबान मुस्लिम होने के चलते दानिश की मौत के मसले से खुद को अलग कर चुका है।

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