PM नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट विस्तार के तुरंत बाद एक विशालकाय आर्थिक स्वास्थ्य पैकेज को अपनी स्वीकृति दी है। कोविड पैकेज से न सिर्फ उन्होंने अपने इरादे जगजाहिर किये हैं, बल्कि यहाँ पर नए स्वास्थ्य मंत्री, मनसुख मांडविया की नीतियाँ भी स्पष्ट होती हैं।
वो कैसे? अनेक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, PM मोदी की नई कैबिनेट ने हाल ही में कोविड प्रबंधन को देखते हुए तत्काल प्रभाव से 23,123 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का प्रबंध किया है। इसके बारे में जनता को अवगत कराते हुए नरेंद्र मोदी बताते हैं, “कोरोना के विरुद्ध लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक के एक और नए पैकेज को मंजूरी दी गई है। इसके तहत देश के सभी जिलों में पीडियाट्रिक केयर यूनिट से लेकर आयसीयू बेड, ऑक्सीजन स्टोरेज, एम्बुलेंस, और दवाओं जैसे जरूरी इंतेजाम किये जाएंगे” –
कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक के एक नए पैकेज को मंजूरी दी गई है। इसके तहत देश के सभी जिलों में पीडियाट्रिक केयर यूनिट से लेकर आईसीयू बेड, ऑक्सीजन स्टोरेज, एंबुलेंस और दवाओं जैसे जरूरी इंतजाम किए जाएंगे।https://t.co/wbItmbjEsX
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2021
हालांकि, तीसरी लहर आने में अभी दो से तीन महीने बाकी हैं, परंतु केंद्र सरकार ने अभी से ही अपनी कमर कस ली है। यदि तीसरी लहर आए भी, तो भी केंद्र सरकार की तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि चाहे वुहान वायरस का कैसा भी रूप हो, लोगों पर उसका तनिक भी असर न पड़े। ये स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की बातों से भी स्पष्ट जाहिर हो रहा था।
मनसुख के अनुसार, “भविष्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार 23,123 करोड़ के आर्थिक स्वास्थ्य पैकेज की घोषणा करती है। इससे न केवल स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने में हमारी सहायता होगी, अपितु हमारे देश को वुहान वायरस की समस्या से निपटने में भी सहायता मिलेगी। इस पैकेज में से केंद्र सरकार 15000 करोड़ से अधिक का योगदान देगी, जबकि राज्य सरकारें अपनी ओर से 8000 करोड़ रुपयों का योगदान देंगी।”
कहने को मनसुख मांडविया को स्वास्थ्य मंत्री बने अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ है लेकिन जो अनुभव उन्होंने बतौर रसायन एवं उर्वरक मंत्री [Chemical and Fertilizer Ministry] प्राप्त किया है, वो काफी काम आएगा। इसके अलावा पिछले वर्ष मोदी सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत Active Pharmaceutical Ingredient के निर्माण को भी काफी बढ़ावा दिया है, जिसमें चीन का पहले वर्चस्व हुआ करता था।
इसके अलावा मनसुख मांडविया जिस प्रकार से लिबरल मीडिया और वामपंथियों से निपटने में सक्षम है, उतने उनसे पहले स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ हर्ष वर्धन नहीं थे। आज के समय में ये गुण प्राप्त करना भी एक आवश्यक कला है, जिसमें मनसुख ने सांसद के तौर पर ही काफी प्रसिद्धि पाई थी। ऐसे में PM मोदी द्वारा घोषित किये गए कोविड पैकेज में उनकी छाप अवश्य दिखाई देती है।