येदियुरप्पा दक्षिण भारत में भाजपा के अगुआ थे, अब उनकी राजनीतिक अहमियत खत्म हो रही है

दक्षिण भारत की राजनीति के लिहाज से बीजेपी के लिए कर्नाटक एक बेहद महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बीजेपी का साउथ का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है, लेकिन स्थितियां अब काफी बदल गई हैं, जो कि बीजेपी के लिए ही ख़तरे की घंटी है। कर्नाटक में बीजेपी के ही विधायक येदियुरप्पा का विरोध करने लगे हैं। उनकी मांग है कि अब आलाकमान किसी अन्य बीजेपी नेता को सीएम का पद प्रदान करें। दूसरी ओर बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व भी कर्नाटक संगठन में बदलाव करने की कोशिशें कर चुका है। इसके बावजूद सीएम पद को लेकर येदियुरप्पा का अड़ियल रुख बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकता है।

कर्नाटक की राजनीति में पिछले तीन चार महीनों से अजीब उथल-पुथल की स्थिति है। पार्टी के विधायक मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की कुर्सी में बदलाव करने की मांग करने लगे हैं। ऐसे में बीएस येदियुरप्पा ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है, जिसके बाद ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि बीजेपी के इशारे पर येदियुरप्पा जल्द ही सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं इस्तीफे की तत्कालिक खबरों को येदियुरप्पा ने खुद ही खारिज किया है।

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येदियुरप्पा ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व कहेगा, तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने अपनी दिल्ली की मुलाकातों को लेकर कहा, मैंने दिल्ली में पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह और जे पी नड्डा से मुलाकात की। मेकेदातु परियोजना के संबंध में जल संसाधन मंत्री से भी मुलाकात की। मैं अगस्त के पहले सप्ताह में फिर से दिल्ली आऊंगा। नड्डा जी के साथ मैंने कर्नाटक में बीजेपी को लेकर चर्चा की। मैं प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनाने के लिए काम करूंगा।”

येदियुरप्पा भले ही अपने इस्तीफे या हटने की बातों का खंडन करें, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व कर्नाटक में सत्ता और संगठन के नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रहा है। कर्नाटक की इसी उठा-पटक के बीच येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को बीजेपी के विधायकों और मंत्रियों की एक बैठक का प्रस्ताव रखा है। संभावनाएं हैं कि इस बैठक में बीएस येदियुरप्पा कुछ बड़े ऐलान कर सकते हैं। विश्लेषकों का ये मानना है कि उन्होंने ये बैठक केन्द्रीय नेतृत्व के इशारे पर ही बुलाई है, और इसी बैठक में वो अपने उत्तराधिकारी का ऐलान भी कर सकते हैं।

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बीएस येदियुरप्पा की बात करें तो उनकी उम्र अब लगभग 78 वर्ष के करीब की है। उनकी सेहत भी ठीक नहीं रहती है। दूसरी ओर उनके बेटे सहित उन पर बीजेपी के विधायक दबे मुंह हमला बोलते रहते हैं। टीएफआई भी आपको बता चुका हैं कि विधायकों की नाराजगी के चलते ही बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व दोबारा पार्टी में बदलाव की कोशिशें शुरु कर चुका है। पहले बीजेपी के कई येदियुरप्पा विरोधी विधायक दिल्ली गए थे, और अब येदियुरप्पा… इसका संकेत साफ है कि अब उनके कुर्सी छोड़ने का समय नजदीक है।

बीएस येदियुरप्पा की कर्नाटक के लिंगायत समुदाय पर काफी मजबूत पकड़ हैं। ऐसे में पार्टी उन पर बिना कोई दबाव बनाए इन प्रयासों में जुट गई है कि उन्हें विधानसभा चुनावों से पहले सीएम पद से हटाया जाए, जिससे पार्टी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए एक मजबूत रणनीति बना सके। कर्नाटक के जरिए ही बीजेपी दक्षिण की राजनीति में तेलंगाना से लेकर आंध्र और तमिलनाडु तक में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है, इसीलिए पार्टी कर्नाटक के राजनीतिक गणित को लेकर कोई बड़ा खतरा नहीं मोल लेना चाहती है।

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