इन दिनों योगी आदित्यनाथ वीरेंद्र सहवाग की भांति फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं। वे किसी को भी नहीं छोड़ रहे, खासकर विरोधियों को बिल्कुल भी नहीं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के भारत विरोधी मानसिकता को लेकर योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ उन्हें घेरा, बल्कि ऐसा धोया कि अखिलेश यादवकई दिनों तक मुंह छुपाते फिरेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने दो प्रमुख कारणों से अखिलेश यादव को घेरा है – अलकायदा के आतंकियों की गिरफ़्तारी पर उनके विवादास्पद बयान के कारण और आगरा में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के कारण। भाजपा के कार्यसमिति के बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश पर हमला बोलते हुए उनकी मानसिकता पर ही सवाल खड़े कर दिए।
सर्वप्रथम तो अलकायदा वाली घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने चुटीले अंदाज में बोला, “एक जिम्मेदार नेता किस तरह की मानसिकता दिखाता है जब वह कहता है कि उसे यूपी की सुरक्षा एजेंसियों पर कोई भरोसा नहीं है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आगरा में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए। अब आप स्वयं कल्पना कर सकते हैं कि वे राष्ट्रीय और राज्य की सुरक्षा के लिए किस तरह का ब्लू प्रिंट रखते हैं”।
जो व्यक्ति धर्मांतरण के मुद्दे और लव जिहाद का मज़ाक उड़ाते हुए यूपी पुलिस की कार्यशैली पर संदेह करे, उसे सम्बोधन के प्रारंभ में ‘जिम्मेदार नेता’ बोलकर ही योगी आदित्यनाथ ने सिद्ध कर दिया कि व्यंग्य बाण चलाने में अभी भी उनका कोई सानी नहीं।
यूपी पुलिस के एटीएस ने दो आतंकियों को हिरासत में लेते हुए एक बड़े आतंकी योजना को ध्वस्त किया था, लेकिन इसका माखौल उड़ाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें यूपी पुलिस की कार्रवाई पर कोई भरोसा नहीं; वे सत्ता में आते ही ऐसे अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे, ‘जो अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहे हैं’।
इसके अलावा हाल ही में आगरा में समाजवादी पार्टी ने भाजपा के कुछ कार्यों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें उसके कार्यकर्ता द्वारा पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। नारेबाजी करते हुए लोगों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में एक्शन लिया है और 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। आगरा पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों का वॉयस सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है।
योगी आदित्यनाथ ने लव जिहाद को लेकर बुद्धिजीवियों पर भी जोरदार हमला बोला। उनके अनुसार, “कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी हैं जो हमारी सकारात्मक पहल (लव जिहाद कानून) को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। हमें उन्हें यह दिखाने की जरूरत है कि हम पहले दिन से जो कह रहे थे वह पूरी तरह सच था। ऐसी तमाम घटनाओं का पर्दाफाश कर हमने अपना स्टैंड साबित किया है”।
एक तरह से इस कार्यसमिति की बैठक से योगी आदित्यनाथ ने एक ही तीर से दो शिकार किये हैं। एक ओर उन्होंने अपने व्यंग्य बाणों से अखिलेश यादव को पटक पटक कर धोया है। दूसरी ओर लव जिहाद पर विपक्ष और वामपंथी बुद्धिजीवियों के खोखले प्रोपेगेंडा की उन्होंने धज्जियां उड़ा कर रख दी है। ऐसे में जिस प्रकार से उन्होंने अखिलेश यादव के झूठ की पोल खोली, वह न सिर्फ चुटीला था, बल्कि तर्क से परिपूर्ण भी था।