Zomato का IPO बड़ा अवश्य हो सकता है लेकिन इसकी वित्तीय स्थिति अलग ही कहानी पेश कर रही है

Zomato की वित्तीय स्थिति नहीं है खास!

फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) के आईपीओ (IPO) को लेकर खुदरा निवेशकों और म्यूचुअल फ़ंड कंपनिया द्वारा शानदार रिस्पांस मिल रहा है। 15 जुलाई तक रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व हिस्सा से करीब 4 गुना सब्सक्राइब हो चुका है। आईपीओ के जरिये Zomato ने 9375 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है।

बता दें कि, कंपनी ने इश्यू के लिए प्राइस बैंक 72 रुपये से 76 रुपये के बीच तय किया गया था। कंपनी का स्टाक 27 जुलाई को शेयर बाजार में लिस्ट हो सकता है।

Zomato के IPO में खुदरा निवेशक अथवा कई म्यूचुअल फ़ंड कंपनियों ने जोरदार भरोसा जताया है, लेकिन इस बीच यह भी डर है कि कहीं यह आवश्यकता से ज्यादा भरोसा तमाम निवेशकों पर भारी न पड़ जाए। आपको बता दें कि Zomato की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है।

Zomato ने वित्तीय वर्ष 2020 में 2,451 करोड़ रुपये का घाटे का ब्योरा दिया था और यह घाटा हर तिमाही बढ़ता ही जा रहा है। एक ट्विटर यूजर ने Zomato में निवेश करने वालों निवेशकों को सचेत कर विस्तार में बताया है कि Zomato में निवेश करने वाली जनता bubble effect से ग्रसित है।

उन्होंन बताया कि विश्व के दिग्गज निवेशक वारेन बुफ्फे ऐसे निवेशकों को know – nothing करार दिया था। यानि ऐसे निवेशक जो सिर्फ माहौल देखकर बाजार में पैसा निवेश करते है, पर उन्हें बाजार के असल स्थित के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है।

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ट्विटर यूजर ने लिखा कि, वर्तमान समय में Zomato का कुल मुकयांकन 66,000 करोड़ रुपये था यानि 8.8 बिल्यन डॉलर। वहीं कोरोना संक्रमण शुरू होने से पहले कंपनी का कुल मूल्यांकन 3.5 बिल्यन डॉलर था।

जबकि, Zomato ने हाल ही में uber eats को अर्जित किया था। बता दें Zomato में uber eats का 9.1 प्रतिशत शेयर के माध्यम से निवेश है। इस बीच सबसे दिलचस्प बात यह है कि, जब देश और Zomato खुद कोरोना की आर्थिक मार से जूझ रहा है उस बीच कंपनी की मूल्यांकन कैसे बढ़ सकता है। कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में खुद दावा किया था कि, Zomato की ऑर्डर वैल्यू 400 रुपये से गिरकर 238 रुपये हो गई है।

कंपनी ने अपनी आधिकारिक फाइलिंग में सूचीबद्ध किया है कि कोविड लॉकडाउन ने व्यापार को प्रभावित किया जिसके कारण वित्त वर्ष 2021 में राजस्व में कमी आई। जबकि अन्य ऑनलाइन मार्केट महामारी में तेजी से बढ़े, वहीं Zomato गिरा है। नेटिज़न ने यह भी बताया कि नए रेस्तरां नामांकन भी बहुत अधिक नहीं बढ़ा है, पर गौर करने वाली बात यह है कि इसके बावजूद भी Zomato के वैल्यू में भारी उछाल देखने को मिला है।

बता दें कि, फिलहाल Zomato के 42 मिल्यन एक्टिव यूजर है। नेटिज़न के मुताबिक इसमें से आधे से ज्यादा भारत के बाहर के है। आपको बता दें कि Zomato ने अभी तक अपने कंपनी में विदेशी निवेशकों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी साझा नहीं की है।

बहरहाल, कंपनी ने अपना मुनाफा कमाने के तरीके में भी भारी बदलाव किया है। पहले कंपनी डिलीवरी शुल्क से पैसा कमाती थी पर 2019 के बाद से कंपनी अपने एप्लिकेशन के तकनीक(pure tech platform provider) के जरिये पैसा कमा रही है।

कंपनी ने अपनी नीति में बदलाव करने के बाद कहा, “28 अक्टूबर, 2019 तक, हमने ग्राहकों से एकत्र किए गए वितरण शुल्क को राजस्व के रूप में मान्यता दी और लेनदेन के आधार पर ग्राहकों को छूट दी जाती थी। 29 अक्टूबर, 2019 से, हम डिलीवरी पार्टनर्स के लिए केवल एक प्रौद्योगिकी प्लेटफ़ॉर्म प्रदाता के रूप में कार्य करते हैं”

इतना ही नहीं Zomato ने चालाकी पूर्ण अपनी कंपनी का डेटा भी छुपाया था। कंपनी से डेटा की मांग की गए थी ताकि बाकी समानार्थी कंपनियों से मिलाया जा सकें। Zomato ने कहा था कि, “भारत में ऐसी कोई सूचीबद्ध कंपनी नहीं है जिसका व्यापार पोर्टफोलियो हमारे व्यापार के साथ तुलनीय हो और हमारे संचालन के पैमाने के बराबर हो।“

निवेशक नीरज बाजपई ने मनी कंट्रोल से वार्ता के दौरान कहा था कि, सरकार डिलीवरी पार्टनर को सिक्योरिटी देने को कह सकती है। कंपनी को तगड़े प्रतिद्वंदियों का सामना करना है। आय और ग्राहकों के मामले में Swiggy बराबरी पर है। Amazon ने भी बंगलुरु में अपनी सर्विस शुरू की है। Amazon डिलीवरी के लिए 19 रुपए चार्ज कर रही है। वहीं, Zomato डिलीवरी के लिए 23 रुपए चार्ज करता है।

Amazon प्राइम मेंबर्स को फ्री डिलीवरी दे रहा है। देश में Amazon के प्राइम मेंबर्स 1 करोड़ हैं।

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हालांकि, यह अच्छा है कि एक भारतीय स्टार्टअप ने बड़ी लीगों में खेलने के लिए छोटे कदम उठाए हैं, लेकिन उसे उम्मीदों पर नियंत्रण रखने और मूल्यांकन को बढ़ाने के जाल से बचने की जरूरत है। जबकि अधिकांश निवेशकों ने लिस्टिंग लाभ के लिए अपनी पूंजी लगाई होगी, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कंपनी बर्गर किंग आईपीओ जैसे शानदार रिटर्न देती है या नहीं।

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