1 दिन में 1.2 करोड़ को टीका: पीएम मोदी ने दिखा दिया कि 140 करोड़ लोगों के देश को कैसे चलाया जाता है

आपने मोदी को चुना, इसके लिए आप सभी को बधाई।

वैक्सीनेशन अभियान रिकॉर्ड

साभार: रिपब्लिक भारत

140 करोड़ के करीब की जनसंख्या वाले देश में कोरोनावायरस जैसे संक्रमण वाले रोग से निपटना भारत के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। ऐसे में भारत ने कोरोना की विरुद्ध अपनी लड़ाई को इतनी मजबूती से लड़ा कि देश में कोरोना वायरस के आंकड़े लगातार नीचे जा रहे हैं। तमाम तरह के उपायों के बाद भारत ने जब वैक्सीन बना ली तो वैक्सीनेशन अभियान भी पूरी तेजी से चलाया गया। भले ही विपक्ष कोरोना के नाम पर दुष्प्रचार करता रहता हो, किन्तु कोरोना कंट्रोल से लेकर वैक्सीनेशन अभियान तक हर काम युद्धस्तर पर हमें देखने को मिला। इसमें पीएम मोदी की विशेष भूमिका है। अब भारत ने एक दिन में रिकॉर्ड एक करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई हैं, जिसमें सबसे आगे उत्तर प्रदेश रहा है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि साल के अंत तक भारत अपने सभी नागरिकों को वैक्सीन लगवा सकता है।

16 जनवरी को जब कोरोना के विरुद्ध अंतिम संग्राम में वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की गई, तो विश्लेषकों का मानना था कि देश में वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार बेहद धीमी होगी। इसके विपरीत केंद्र सरकार के नेतृत्व में चल रहा रिकॉर्ड वैक्सीनेशन अभियान उन सभी नकारात्मक एजेंडा चलाने वालों के मुंह पर एक जोरदार तमाचा है।

ऐसे में अब मुख्य बात ये है कि भारत में दैनिक वैक्सीनेशन का सर्वोच्च आंकड़ा रिकॉर्ड 1 करोड़ से भी आगे निकल गया है, जो कि भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। दिलचस्प बात ये है कि राज्यों में सबसे आगे उत्तर प्रदेश है, जहां एक दिन में करीब 29 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है।

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1 दिन में एक करोड़ वैक्सीन का लगना भारत द्वारा बनाया गया एक रिकॉर्ड है, जिसके लिए प्रशंसाएं भी शुरु हो गई हैं। इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, “भारत ने वयस्क आबादी में 50 फीसदी को वैक्सीन (कम से कम एक डोज) लगा दी है। अब तक कुल 62 करोड़ डोज लगाई गई हैं, इसमें एक करोड़ डोज कल ही लगी हैं। इस अभियान में शामिल एक हजार से ज्यादा लोगों को बधाई। वैक्सीन के साथ पब्लिक हेल्थ और कोरोना से बचाव के तौरतरीके अपनाने से हम सभी सुरक्षित रहेंगे।

स्पष्ट है भारत वैक्सीनेशन अभियान में दिन-प्रतिदिन प्रगति कर रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “आज वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बना है। एक करोड़ के आंकड़े को पार करना बड़ी उपलब्धि है। उन सभी की तारीफ जिन्होंने वैक्सीन लगवाई और उनकी भी जिन्होंने वैक्सीनेशन ड्राइव को सफल बनाया।” वहीं इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने भी देश को शुभकामनाएं दी हैं। वहीं यथार्थ ये है कि केन्द्र सरकार के नेतृत्व में ही ताबड़तोड़ रिकॉर्ड वैक्सीनेशन अभियान जारी है।

16 जनवरी को जब वैक्सीनेशन के पहले चरण की शुरुआत की गई, तो उस दौरान सपा, कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने एक वैक्सीन विरोधी एजेंडा चलाकर वैक्सीन की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाए थे। विपक्षी दलों ने मांग की कि वैक्सीनेशन की डोर राज्यों को दी जाए। विपक्षी दलों की मांग को देशहित के मुद्दे पर मोदी सरकार ने भी मान लिया।

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वैक्सीनेशन का काम जिस दिन से राज्य सरकारों के अंतर्गत आया, उसी दिन से वैक्सीन लगाने के काम में सुस्ती आ गई। दिल्ली महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ पंजाब जैसी राज्य सरकारों ने इस मुद्दे पर राजनीति करना शुरु कर दिया। उन्होंने वैक्सीन की कमी होने तक के दुष्प्रचार करने शुरु कर दिए।

इस दौरान वैक्सीनेशन के नाम पर देश में भयंकर राजनीतिक अराजकता हो गई थी। इसका नतीजा ये हुआ कि केन्द्र ने दोबारा वैक्सीनेशन का सारा काम अपने हाथ में ले लिया। 21 जून को ही देश में रिकॉर्ड वैक्सीनेशन दर्ज किया गया था।

मोदी सरकार के नेतृत्व में चल रहा वैक्सीनेशन अभियान लगातार नए रिकॉर्ड दर्ज कर रहा है। ये पूर्णतः मोदी सरकार की सफलता है कि अब तक 61 करोड़ लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।

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