इन दिनों चीनी प्रशासन का लगता है बुरा समय आ चुका है। एक तरफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई उसके Propaganda को मानने को तैयार नहीं। दूसरी ओर भारत एक भी गलती पर उसे सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसी बीच एक वीडियो चीन में वायरल हो रही है, जो गलवान घाटी से संबंधित है, और जो ये चित्रित करती है कि 15 जून 2020 को असल में भारत ने नहीं, बल्कि चीन ने मुंह की खाई थी।
This video exposes China’s Galwan lies! (@gauravcsawant)#IndiaFirst #GalwanClash #China #India pic.twitter.com/gcdCdjJKuL
— IndiaToday (@IndiaToday) August 3, 2021
दरअसल, चीन के प्रशासन ने गलवान घाटी के झड़प से संबंधित एक अनदेखा वीडियो जारी किया है, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। 45 सेकेंड के इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि गलवान नदी में भारतीय जवान मोर्चा संभाले हुए हैं और चीनी सेना के पत्थरबाजी का करारा जवाब दे रहे हैं।
इस वीडियो फुटेज के अनुसार भारत और चीन की सेना के बीच जोरदार झड़प और पत्थरबाजी हुई थी। वीडियो के एक हिस्से में दिखाई दे रहा है कि कैसे कुछ चीनी सैनिक गलवान नदी की तेज धारा में खुद को संभाल नहीं पाए और बह गए। इस वीडियो फुटेज में ये भी दिखाया गया है कि कैसे चीनी सैनिक ऊंचाई वाली जगह से भारतीय जवानों पर पत्थर बरसा रहे हैं, परंतु विपरीत परिस्थितियों में भी भारतीय जवान डटे हुए हैं। वीडियो देखकर यह लग रहा है कि भारतीय जवानों ने बहुत कठिन परिस्थितियों में चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया।
चीन को मानना ही पड़ा कि गलवान में भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को ‘नाकों चने चबवा दिए थे’
इस वीडियो के जरिए चीन ने मृत सैनिकों के परिवारों के गुस्से को शांत करने का प्रयास किया है, जो इस बात से आक्रोशित हैं कि मृत चीनी सैनिकों के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की गई। पहले तो चीन महीनों तक मानने को ही तैयार नहीं था कि उसने कोई सैनिक भी खोया है, और अभी भी वह वास्तविक मृतकों की संख्या बताने से हिचकिचा रहा है।
बता दें कि 15 जून 2020 को गलवान घाटी में पूर्वी लद्दाख के सीमा से संबंधित विवाद ने हिंसक रूप धारण किया था। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, परंतु इससे भारतीयों का खून इतना खौला कि चीनी खेमे में उन्होंने त्राहिमाम मचा दिया, और ऐसा मचाया कि आज भी चीन अपने वास्तविक मृतकों की संख्या बताने से हिचकिचाता है।
उस समय चीन ने पहले दावा किया था कि पिछले वर्ष 15 जून की रात को हुई इस हिंसा में उसके 4 सैनिक मारे गए थे, लेकिन बाद में उसने इसकी संख्या को बढ़ाकर 5 कर दिया था। खुफिया अनुमानों के मुताबिक 40 से 45 चीनी सैनिक इस हिंसा में मारे गए थे।
Depsang Plain- पूर्वी लद्दाख में भारत की चीन को फंसाने की कहानी
अपने लोगों का गुस्सा शांत कुछ दिनों पहले चीन की सेना ने पिछले दिनों गलवान घाटी में भारतीय जवानों के हाथों मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें चीन ने मारे गए सैनिकों के नाम भी बताए थे जोकि इस प्रकार है, चेन होंगजून, चेन शिआंगरोंग, शियाओ सियुआन, वांग झुओरान। चीनी सेना ने कहा कि इन सैनिकों ने राष्ट्रीय संप्रभुता और अपनी जमीन की रक्षा करते हुए जान दे दी। मारे गए चीनी सैनिकों में एक बटैलियन कमांडर और तीन सैनिक थे। संघर्ष के दौरान चीनी सेना का रेजिमेंटल कमांडर गंभीर रूप से घायल हो गया था।
जिस प्रकार से चीन इन वीडियो को रिलीज करने पर विवश हो रहा था, उससे एक बात तो स्पष्ट है – गलवान घाटी में 15 जून को भारत नहीं, चीन को ही मुंह की खानी पड़ी थी। भारत को कभी अपने हताहतों की संख्या स्वीकारने में कोई झिझक नहीं हुई, और उन्होंने अपने बलिदानी सैनिकों के लिए सर्वोच्च युद्ध सम्मान भी दिया, परंतु जिस प्रकार से भारत ने चीन की कुटाई की, और जिस प्रकार से एक वर्ष से चीन दुनिया से गलवान घाटी का सच छुपा रहा था, उससे इतना तो स्पष्ट था कि चीन ने इस झड़प में कुछ भी प्राप्त नहीं किया। ऐसे में चीन का गलवान घाटी से जुड़ा वीडियो रिलीज करना इसी बात को प्रमाणित करता है कि चीन खाली बातों का शेर है।