राहुल गांधी के Twitter lockup से गुस्साये कांग्रेसी अब रेप पीड़िता के परिजनों की फोटो का उपयोग Twitter पर सत्याग्रह के लिए कर रहे

बेशर्मी की भी हद होती है।

राहुल गांधी ट्विटर सस्पेंड

कांग्रेस पार्टी देश के पुराने इतिहास को अपना निजी इतिहास बनाते हुए, आज के समय में अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए उपयोग करने की कोशिशों में जुटी हुई है। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे मजबूत स्तंभ के रूप में महात्मा गांधी का सत्याग्रह आंदोलन बनकर उभरा था। कांग्रेस पार्टी अब उस आंदोलन का नाम लेकर ओछी राजनीति कर रही है। तब की कांग्रेस और वर्तमान कांग्रेस में ज़मीन-आसमान का अंतर आ चुका है। आज उसी सत्याग्रह की तर्ज़ पर कांग्रेसी नेता अमानवीय और असंवेदनशील व्यवहार के परिचायक बन चुके हैं।

आखिर हुआ क्या?

दरअसल, हाल ही में दिल्ली कैंट में एक 9 वर्षीय बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य अपराध की करीब-करीब सभी राजनीतिक दल ने तीखी आलोचना की थी। दिल्ली पुलिस ने कड़े कदम उठाते हुए तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बात यही थम जाती लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को ये मंजूर नहीं था। राहुल गांधी ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस मामले पर ट्वीट कर पीड़िता के परिजनों की पहचान उजागर कर दी।

हालांकि NCPR के एक्शन के बाद ट्वीटर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ऊपर अन्ततोगत्वा कार्यवाही करते हुए उस ट्वीट को हटा दिया था। लेकिन ट्वीट हटाने से कानून और नियमों के उल्लंघन से कोई बच नहीं जाता है, क्योंकि पीड़िता के परिजनों कि जानकारी सार्वजनिक करना पोक्सो एक्ट की धारा 23 जुवेनाइल जस्टिस केयर के तहत चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 74 का उल्लंघन है। ट्वीटर ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट अस्थायी तौर पर सस्पेंड कर दिया था, जो कि बेहद छोटी कार्रवाई ही कही जाएगी। अब तक राहुल गांधी पर किसी प्रकार का कानूनी शिकंजा भी नहीं कसा है जिसका प्रावधान, उन सभी धाराओं का उल्लंघन करने पर राहुल को भुगतना पड़ सकता था।

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अब ट्विटर के इसी एक्शन पर कांग्रेस ने रविवार को राहुल गांधी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट को बंद करने की चुनौती दी है और इसे सत्याग्रह का नाम दिया है।

कांग्रेस पार्टी की धमकी

कांग्रेस पार्टी ने धमकी देते हुए कहा कि, “Twitter India  ने राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड कर दिए, हम आपको चुनौती देते हैं। हमें न्याय के लिए लड़ने और सच्चाई को उजागर करने से कोई नहीं रोकेगा।” कांग्रेस ने हैशटैग ‘#मैं_भी_राहुल’ के साथ अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया। यही नहीं K C Venugopal ने भी उसी फोटो के साथ ट्वीट कर अपनी असंवेदनशील मानसिकता का परिचय दिया।

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इस कृत्य से कांग्रेस पार्टी कि असंवेदनशीलता उजागर होती है कि एक 9 वर्षीय बच्ची की मौत पर राजनीति करने से पहले उनके मन में लेश मात्र दयाभव नहीं जागा। यही नहीं इस ओछी राजनीति को वे सत्याग्रह का नाम दे रहे हैं जिसका इस्तेमाल महात्मा गांधी ने स्वतन्त्रता संग्राम के लिए किया था। ट्विटर द्वारा की गयी कार्रवाई, कानून के अनुरूप की गई थी क्योंकि राहुल गांधी ने पीड़िता के परिवार की जानकारी साझा कर दी थी। कार्रवाई के तहत राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड नहीं बल्कि लॉक मात्र होने से इन सभी के पसीने छूट गए। जो गलती राहुल ने पूर्व में किया और उनका अकाउंट जिस कारणवश लॉक किया गया था, कांग्रेस ने पुनः वही गलती दोहराया है और चेतावनी देते हुए कह दिया है कि ‘हम तो फिर से फोटो पोस्ट करेंगे। सत्य दिखाने से हुमें कोई नहीं रोक सकता है।’ इस बेशर्मी को वो सत्याग्रह की भांति पेश करने जुटे हुए हैं।

कांग्रेस नेताओं में नहीं है संवेदना

कांग्रेसी नेता और पूरी कांग्रेस पार्टी कितनी संवेदनशून्य है यह उसके इस रवैये से स्पष्ट हो चुका है। राहुल गांधी स्वयं अपनी पार्टी को ऐसे कृत्यों से गर्त में ले जाने की सीढ़ी बनाते दिखाई दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी यदि 9 वर्षीय बच्ची के परिजनों की तस्वीरें राहुल गांधी की भांति ही सोशल मीडिया पर डालती है तो उनके हैंडल के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसता है या नहीं वो देखने वाली बात होगी।

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